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Indians In Canada: 28 लाख प्रवासी, विश्वविद्यालयों में 1.4 लाख छात्र; जानें कनाडा में भारतीय समुदाय कितना बड़ा
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Fri, 18 Oct 2024 02:33 AM IST
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सार
Indians In Canada: भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद के बीच कनाडा में रह रहे भारतीयों खासकर छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया जा रहा है। कनाडा में लगभग 18 लाख भारतीय प्रवासी और 10 लाख एनआरआई हैं। कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या भी बढ़ी है।

भारत-कनाडा के बीच विवाद
- फोटो : AMAR UJALA

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विस्तार
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत आमने-सामने हैं। नए विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब कनाडा ने निज्जर हत्या की जांच में भारत के राजदूत और अन्य राजनयिकों का नाम बतौर 'पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट' लिया। भारत ने इन बेतुके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला किया। इसके अलावा भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का भी निर्णय लिया।
इस विवाद के बीच कई नेताओं ने कनाडा में रह रहे भारतीयों खासकर छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। कनाडा विदेशों में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों में से एक है। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। पंजाब के लोग बहुत बड़ी संख्या में कनाडा में रह रहे हैं। हमारी सरकार को द्विपक्षीय संबंधों को सुंधारने के लिए कदम उठाने चाहिए।
आखिर भारत और कनाडा के बीच विवाद क्या है? अभी क्यों चर्चा में है? कनाडा में कितने भारतीय रहते हैं?
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इस विवाद के बीच कई नेताओं ने कनाडा में रह रहे भारतीयों खासकर छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। कनाडा विदेशों में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों में से एक है। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। पंजाब के लोग बहुत बड़ी संख्या में कनाडा में रह रहे हैं। हमारी सरकार को द्विपक्षीय संबंधों को सुंधारने के लिए कदम उठाने चाहिए।
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आखिर भारत और कनाडा के बीच विवाद क्या है? अभी क्यों चर्चा में है? कनाडा में कितने भारतीय रहते हैं?
पहले जानते हैं कि भारत-कनाडा के बीच अभी क्या हुआ है?
जब एक साल बाद फिर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है तो इसके पीछे निज्जर हत्याकांड ही है। दरअसल, 14 अक्तूबर को कनाडा ने निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा का नाम बतौर 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' शामिल किया। इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय को 13 अक्तूबर को एक राजनयिक संदेश मिला।
दरअसल, पर्सन ऑफ इंटरेस्ट का मतलब यह है कि किसी व्यक्ति के बारे में पुलिस को लगता है कि वह किसी अपराध में शामिल हो सकता है लेकिन उस पर औपचारिक आरोप नहीं लगाए सकते और न ही गिरफ्तार किया जा सकता। हालांकि, उसकी गतिविधियों, संपर्कों और अन्य जानकारी को जांच के दायरे में रखा जाता है।
भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताते हुए इसे सिरे से नकार दिया। 14 अक्तूबर को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार इन बेतुके आरोपों के पीछे ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे को वजह मानती है, जो कि वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है। इसी दिन विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें कनाडाई सरकार के रुख को लेकर जानकारी तलब की गई।
इसके साथ ही भारत सरकार ने उच्चायुक्त, अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाने का भी फैसला किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में ट्रूडो सरकार के कार्यों ने भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। इसके अलावा भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का भी निर्णय लिया।
जब एक साल बाद फिर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है तो इसके पीछे निज्जर हत्याकांड ही है। दरअसल, 14 अक्तूबर को कनाडा ने निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा का नाम बतौर 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' शामिल किया। इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय को 13 अक्तूबर को एक राजनयिक संदेश मिला।
दरअसल, पर्सन ऑफ इंटरेस्ट का मतलब यह है कि किसी व्यक्ति के बारे में पुलिस को लगता है कि वह किसी अपराध में शामिल हो सकता है लेकिन उस पर औपचारिक आरोप नहीं लगाए सकते और न ही गिरफ्तार किया जा सकता। हालांकि, उसकी गतिविधियों, संपर्कों और अन्य जानकारी को जांच के दायरे में रखा जाता है।
भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताते हुए इसे सिरे से नकार दिया। 14 अक्तूबर को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार इन बेतुके आरोपों के पीछे ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे को वजह मानती है, जो कि वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है। इसी दिन विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें कनाडाई सरकार के रुख को लेकर जानकारी तलब की गई।
इसके साथ ही भारत सरकार ने उच्चायुक्त, अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाने का भी फैसला किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में ट्रूडो सरकार के कार्यों ने भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। इसके अलावा भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का भी निर्णय लिया।
क्या है भारत-कनाडा के बीच विवाद?
इस पूरे विवाद की जड़ में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामला है। निज्जर की 18 जून 2023 को कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी स्थित गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था और भारत में एक घोषित आतंकवादी था। कनाडाई पुलिस का दावा है कि उसने निज्जर मामले की जांच के दौरान चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
18 सितंबर 2023 को निज्जर की हत्या को लेकर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद में भारत पर आरोप लगा दिए। ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के कारण है कि भारत सरकार के एजेंटों ने ही निज्जर की हत्या की। कनाडाई एजेंसियां निज्जर की हत्या में भारत की साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही हैं। ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा की धरती पर कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी प्रकार की संलिप्तता अस्वीकार्य है।
विदेश मंत्रालयने 19 सितंबर 2023 को कनाडा के आरोपों का पहली प्रतिक्रिया दी थी। एमईए ने ट्रूडो के दावों को बेतुका और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए इन्हें सिरे से खारिज कर दिया था। इसके साथ ही जवाबी कार्रवाई में कनाडा के कुछ राजनयिक को भी भारत ने निष्कासित कर दिया था। विवाद के बीच ही 21 सितंबर 2023 को भारत ने कनाडा में भारतीय वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी थीं।
अक्तूबर 2023 में भारत द्वारा वीजा प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के बाद दोनों देशों के बीच ठंडे पड़े संबंधों में थोड़ी नरमी आई थी। लेकिन कनाडा के नए कदम ने दोनों देशों को फिर आमने-सामने ला दिया।
इस पूरे विवाद की जड़ में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामला है। निज्जर की 18 जून 2023 को कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी स्थित गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था और भारत में एक घोषित आतंकवादी था। कनाडाई पुलिस का दावा है कि उसने निज्जर मामले की जांच के दौरान चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
18 सितंबर 2023 को निज्जर की हत्या को लेकर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद में भारत पर आरोप लगा दिए। ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के कारण है कि भारत सरकार के एजेंटों ने ही निज्जर की हत्या की। कनाडाई एजेंसियां निज्जर की हत्या में भारत की साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही हैं। ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा की धरती पर कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी प्रकार की संलिप्तता अस्वीकार्य है।
विदेश मंत्रालयने 19 सितंबर 2023 को कनाडा के आरोपों का पहली प्रतिक्रिया दी थी। एमईए ने ट्रूडो के दावों को बेतुका और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए इन्हें सिरे से खारिज कर दिया था। इसके साथ ही जवाबी कार्रवाई में कनाडा के कुछ राजनयिक को भी भारत ने निष्कासित कर दिया था। विवाद के बीच ही 21 सितंबर 2023 को भारत ने कनाडा में भारतीय वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी थीं।
अक्तूबर 2023 में भारत द्वारा वीजा प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के बाद दोनों देशों के बीच ठंडे पड़े संबंधों में थोड़ी नरमी आई थी। लेकिन कनाडा के नए कदम ने दोनों देशों को फिर आमने-सामने ला दिया।
कनाडा में कितने भारतीय रहते हैं?
लगभग 18 लाख प्रवासी और 10 लाख अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ कनाडा विदेशों में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों में से एक है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह संख्या कनाडा की कुल आबादी का तीन फीसदी से अधिक है। अधिकतर प्रवासी ग्रेटर टोरंटो एरिया, ग्रेटर वैंकूवर एरिया, मॉन्ट्रियल (क्यूबेक), कैलगरी (अल्बर्टा), ओटावा (ओंटारियो) और विनीपेग (मैनिटोबा) में रहते हैं।
2013 के बाद से कनाडा में प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या चार गुना से भी ज्यादा हो गई है। अप्रैल 2024 में आई नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (एनएफएपी) की रिपोर्ट में बताया गया कि कई भारतीय छात्रों ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों के बजाय कनाडाई विश्वविद्यालयों में जाने का फैसला किया है क्योंकि कनाडा की आव्रजन नीतियां प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने में बेहतर हैं। डेटा से पता चलता है कि कनाडा की नीतियों के कारण ज्यादा भारतीय कनाडा में रह रहे हैं।
लगभग 18 लाख प्रवासी और 10 लाख अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ कनाडा विदेशों में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों में से एक है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह संख्या कनाडा की कुल आबादी का तीन फीसदी से अधिक है। अधिकतर प्रवासी ग्रेटर टोरंटो एरिया, ग्रेटर वैंकूवर एरिया, मॉन्ट्रियल (क्यूबेक), कैलगरी (अल्बर्टा), ओटावा (ओंटारियो) और विनीपेग (मैनिटोबा) में रहते हैं।
2013 के बाद से कनाडा में प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या चार गुना से भी ज्यादा हो गई है। अप्रैल 2024 में आई नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (एनएफएपी) की रिपोर्ट में बताया गया कि कई भारतीय छात्रों ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों के बजाय कनाडाई विश्वविद्यालयों में जाने का फैसला किया है क्योंकि कनाडा की आव्रजन नीतियां प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने में बेहतर हैं। डेटा से पता चलता है कि कनाडा की नीतियों के कारण ज्यादा भारतीय कनाडा में रह रहे हैं।
कनाडा में भारतीय छात्र कितने हैं?
एनएफएपी की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में कनाडा में प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या महज 32,828 थी। 2023 में यह संख्या 326 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,39,715 हो गई। पिछले दो दशकों में कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या 5,800% से अधिक बढ़ी है। 2000 में यह संख्या 2,181 थी जो बढ़कर 2021 में 1,28,928 हो गई, यानी 1,26,747 छात्रों की बढ़ोतरी हुई है।
2016 और 2019 के बीच कनाडाई विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 182% की वृद्धि हुई।
एनएफएपी की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में कनाडा में प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या महज 32,828 थी। 2023 में यह संख्या 326 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,39,715 हो गई। पिछले दो दशकों में कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या 5,800% से अधिक बढ़ी है। 2000 में यह संख्या 2,181 थी जो बढ़कर 2021 में 1,28,928 हो गई, यानी 1,26,747 छात्रों की बढ़ोतरी हुई है।
2016 और 2019 के बीच कनाडाई विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 182% की वृद्धि हुई।