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Bangladesh: 'पड़ोसियों को सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहिए', भारत से संबंधों पर बोले जमात के डिप्टी अमीर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: निर्मल कांत Updated Sat, 14 Sep 2024 05:38 PM IST
सार

Bangladesh: जमात-ए-इस्लामी के डिप्टी अमीर सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने कहा कि बांग्लादेश समानता, आत्मनिर्णय और आत्म-सम्मान के आधार पर सभी पड़ोसियों, खासतौर पर सबसे बड़े पड़ोसी भारत के साथ समान और सम्मानजनक संबंध बनाए रखना चाहता है। 

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"Neighbours must maintain congenial attitude": Bangladesh Jamaat-e-Islami's Deputy Ameer on ties with India
सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर - फोटो : एएनआई (फाइल)
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बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने कहा कि ढाका और नई दिल्ली को क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए सौहार्दपूर्ण ढंग से काम करना चाहिए। पार्टी के डिप्टी अमीर सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने एक इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश इसको लेकर हमेशा ईमानदार रहा है। 

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ताहिर ने कहा, "कोई भी अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकता है। इसलिए, सभी पड़ोसियों को सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए, ताकि शांति और स्थिरता बनी रहे।" साल 2013 में एक हाईकोर्ट के आदेश के बाद बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण रद्द कर दिया था और उसे चुनाव में भाग लेने से रोक दिया था। जमात ने इसके खिलाफ 2023 में अपील दायर की थी। लेकिन देश की सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश को बरकरार रखा था। 
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शेख हसीना के शासन के दौरान 1 अगस्त 2023 को एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया था और जमात-ए-इस्लामी व उससे जुड़े संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हसीना सरकार ने जमात पर देशभर में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने का आरोप लगाया था। हाल ही में, शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद जब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार सत्ता में आई तो जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध लिया गया। 

जमात के डिप्टी अमीर ने कहा, बांग्लादेश समानता, आत्मनिर्णय और आत्म-सम्मान के आधार पर सभी पड़ोसियों, खासतौर पर सबसे बड़े पड़ोसी भारत के साथ समान और सम्मानजनक संबंध बनाए रखना चाहता है। 

जमात ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच होने वाली संभावित बैठक का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, बैठक ईमानदारी और दिल से होनी चाहिए। पिछले महीने देश में एक खास वर्ग के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़कर भारत चली गईं। इसके बाद, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार गठित की गई। 

जमात-इस्लामी ने भारत से आग्रह किया है कि शेख हसीना को बांग्लादेश भेजा जाए, ताकि वह मुकदमों का सामना कर सकें। ताहिर ने यह भी कहा कि जमात अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा में भरोसा करता है और मानता है कि हाल की हिंसा को सांप्रदायिक से ज्यादा राजनीति थी। 

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