सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Nepal PM Oli loses vote of confidence in House expanded the cabinet

नेपाल: संसद में विश्वास मत गंवानेवाले ओली का फिर मंत्रिमंडल विस्तार

एजेंसी, काठमांडो Published by: देव कश्यप Updated Fri, 11 Jun 2021 03:47 AM IST
विज्ञापन
सार

  • सदन में विश्वास मत गंवाने वाले ओली की कैबिनेट में 25 सदस्य
  • नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने कहा, संसद भंग को लेकर उठाए गए मुद्दे गंभीर, इनका बिना देरी किए समाधान करना जरूरी

Nepal PM Oli loses vote of confidence in House expanded the cabinet
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली - फोटो : नेपाल प्रधानमंत्री सचिवालय
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और व्यापक आलोचना के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बृहस्पतिवार को एक हफ्ते में दूसरी बार मंत्रिमंडल विस्तार किया है। ओली उस अल्पसंख्यक सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो बीते महीने नेपाली संसद प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गई थी। इस विस्तार के साथ ओली कैबिनेट में कुल 25 सदस्य हो गए हैं। इसमें सात नए मंत्री और एक राज्य मंत्री हैं।

loader
Trending Videos


मंत्रिमंडल विस्तार में 69 वर्षीय ओली के बेहद करीबी माने जाने वाले खगराज अधिकारी को गृह मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। अधिकारी सुशील कोइराला की अगुवाई वाली कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। मंत्री बनाए गए अन्य चेहरों में जनता समाजवादी पार्टी से राजकिशोर यादव (उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री) और नैनकला थापा (संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री) शामिल हैं। थापा पूर्व गृह मंत्री राम बहादुर थापा की पत्नी हैं। ओली ने जिन और लोगों को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है, उनमें ज्वाला कुमारी शाह (कृषि), नारद मुनि राणा (वन), गणेश कुमार पहाड़ी (आम प्रशासन) और मोहन बनिया (बिना प्रभार के मंत्री) हैं। इनके अलावा आशा कुमारी बीके को भी वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन


मधेसी समुदाय के दो उप प्रधानमंत्री नियुक्त किए थे
इससे पहले बीते शुक्रवार को ओली ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था। इनमें आठ मंत्री और दो राज्य मंत्री थे। इसमें मधेसियों के आधार वाली जनता समाजवादी पार्टी को तरजीह दी गई थी। ओली ने फेरबदल के तहत तीन उप प्रधानमंत्री नियुक्त किए थे, जिनमें से दो मधेसी समुदाय से हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही खाली था गृह मंत्रालय का पद
गृह मंत्रालय का पद उस वक्त से खाली चल रहा था, जब 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सात मंत्रियों की नियुक्ति यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि ये लोग सांसद नहीं हैं। इनमें राम बहादुर थापा का भी नाम था, जिनके पास गृह मंत्रालय था। इसके एक दिन बाद ओली ने सदन भंग कर दी थी। पूर्ववर्ती नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के भंग होने के बाद थापा सीपीएन-यूएमएल में शामिल हो गए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी संरचना परऔर दलीलों पर विचार करने से किया इनकार

नेपाल में सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक पीठ ने अपनी संरचना पर आगे और दलीलों पर विचार करने से इनकार कर दिया। संसद भंग किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर हैं और इनका बिना देरी किए समाधान करना जरूरी है।

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा की सिफारिश पर पांच महीने के अंदर दूसरी बार 22 मई को प्रतिनिधि सभा या संसद भंग कर दी थी। साथ ही उन्होंने 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने का एलान किया था। ओली सदन में विश्वास मत हासिल न कर पाने के बाद अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा ने मामलों की सुनवाई के लिए 28 मई को पीठ का गठन किया था लेकिन जस्टिस तेज बहादुर केसी और जस्टिस बाम कुमार श्रेष्ठ को पीठ में शामिल करने पर सवाल उठने के बाद सुनवाई टाल दी गई थी। चीफ जस्टिस राणा ने न्यायाधीशों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर शामिल करते हुए रविवार को पीठ का पुनर्गठन किया था। नई पीठ में जस्टिस दीपक कुमार कार्की, जस्टिस मीरा खाडका, जस्टिस ईश्वर खाटीवाडा और जस्टिस आनंद मोहन भट्टारई शामिल हैं।

पीएम ओली की ओर से पेश हो रहे अटॉर्नी जनरल रमेश बादल समेत अन्य कई वकीलों ने पीठ में जस्टिस कार्की और जस्टिस भट्टारई को शामिल किए जाने पर सवाल उठाए। काठमांडो पोस्ट के अनुसार, पीठ ने बुधवार को सख्त रुख दिखाते हुए अपनी संरचना पर आगे किसी और दलील पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर प्रकृति के हैं जिनका अविलंब समाधान किए जाने की आवश्यकता है। इसने कहा कि मामले में 23 जून से लगातार सुनवाई शुरू होगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed