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North Korea: उत्तर कोरिया ने US-दक्षिण कोरिया-जापान सैन्य अभ्यास को बताया खतरा, कहा- शक्ति का लापरवाह प्रदर्शन
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, प्योंगयांग
Published by: बशु जैन
Updated Sun, 14 Sep 2025 08:33 PM IST
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सार
सियोल के जेजू द्वीप के पास दक्षिण कोरिया-अमेरिका और जापान की नौसेना, वायु और मिसाइल रक्षा अभियानों को मिलाकर फ्रीडम एज सैन्य अभियान शुरू करने जा रही है। यह अभ्यास शुक्रवार तक जारी रहेगा। इसे उत्तर कोरिया ने खतरनाक बताया है।

अभ्यास में भाग लेते दक्षिण कोरिया के सैनिक।
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिका-दक्षिण कोरिया और जापान के बीच शुरू हो रहे सैन्य अभ्यास को उत्तर कोरिया ने खतरा बताया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने कहा कि यह शक्ति का लापरवाही भरा प्रदर्शन है। सियोल के जेजू द्वीप के पास दक्षिण कोरिया-अमेरिका और जापान की नौसेना, वायु और मिसाइल रक्षा अभियानों को मिलाकर फ्रीडम एज सैन्य अभियान शुरू करने जा रही है। यह अभ्यास शुक्रवार तक जारी रहेगा।
उत्तर कोरियाई सत्तारूढ़ पार्टी की केंद्रीय समिति की उप-विभाग निदेशक किम यो जोंग ने अभ्यास को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह हमें याद दिलाता है कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का गलत जगहों पर खासकर डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के आसपास शक्ति का लापरवाही से प्रदर्शन उनके लिए नकारात्मक परिणाम लाएगा।
उत्तर कोरिया ने यह भी कहा है कि अगर शत्रुतापूर्ण ताकतें ऐसे अभ्यासों के माध्यम से अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन जारी रखती हैं, तो वह जवाब देगा। उत्तर कोरिया के शीर्ष पार्टी अधिकारी पाक जोंग चोन ने कहा कि अधिक स्पष्ट और कड़े जवाबी कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले तानाशाह किम जोंग उन ने हथियार अनुसंधान केंद्रों के दौरे के बाद कहा था कि उत्तर कोरिया परमाणु और पारंपरिक सशस्त्र बलों के निर्माण को एक साथ आगे बढ़ाने की नीति को आगे बढ़ाएगा।
परमाणु निरस्त्रीकरण पर अमेरिका के साथ 2019 में हुई असफल शिखर वार्ता के बाद से उत्तर कोरिया ने बार-बार कहा है कि वह अपने परमाणु शस्त्रागार को कभी नहीं छोड़ेगा और खुद को एक अपरिवर्तनीय परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया है।
एक और अभ्यास शुरू करने की तैयारी में दक्षिण कोरिया और अमेरिका
दक्षिण कोरियाई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपक्षीय अभ्यास के अलावा अमेरिका और दक्षिण कोरिया अगले सप्ताह आयरन मेस टेबलटॉप अभ्यास करने की योजना बना रहे हैं। इसका उद्देश्य उत्तर कोरिया के खतरों का मुकाबला करने के लिए पारंपरिक और परमाणु क्षमताओं को एकीकृत करना है। दक्षिण कोरिया में वर्तमान में लगभग 28,500 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। आयरन मेस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नवनिर्वाचित दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के कार्यकाल में पहला ऐसा अभ्यास होगा। दोनों ने उत्तर कोरिया के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है।

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उत्तर कोरियाई सत्तारूढ़ पार्टी की केंद्रीय समिति की उप-विभाग निदेशक किम यो जोंग ने अभ्यास को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह हमें याद दिलाता है कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का गलत जगहों पर खासकर डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के आसपास शक्ति का लापरवाही से प्रदर्शन उनके लिए नकारात्मक परिणाम लाएगा।
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उत्तर कोरिया ने यह भी कहा है कि अगर शत्रुतापूर्ण ताकतें ऐसे अभ्यासों के माध्यम से अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन जारी रखती हैं, तो वह जवाब देगा। उत्तर कोरिया के शीर्ष पार्टी अधिकारी पाक जोंग चोन ने कहा कि अधिक स्पष्ट और कड़े जवाबी कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले तानाशाह किम जोंग उन ने हथियार अनुसंधान केंद्रों के दौरे के बाद कहा था कि उत्तर कोरिया परमाणु और पारंपरिक सशस्त्र बलों के निर्माण को एक साथ आगे बढ़ाने की नीति को आगे बढ़ाएगा।
परमाणु निरस्त्रीकरण पर अमेरिका के साथ 2019 में हुई असफल शिखर वार्ता के बाद से उत्तर कोरिया ने बार-बार कहा है कि वह अपने परमाणु शस्त्रागार को कभी नहीं छोड़ेगा और खुद को एक अपरिवर्तनीय परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया है।
एक और अभ्यास शुरू करने की तैयारी में दक्षिण कोरिया और अमेरिका
दक्षिण कोरियाई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपक्षीय अभ्यास के अलावा अमेरिका और दक्षिण कोरिया अगले सप्ताह आयरन मेस टेबलटॉप अभ्यास करने की योजना बना रहे हैं। इसका उद्देश्य उत्तर कोरिया के खतरों का मुकाबला करने के लिए पारंपरिक और परमाणु क्षमताओं को एकीकृत करना है। दक्षिण कोरिया में वर्तमान में लगभग 28,500 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। आयरन मेस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नवनिर्वाचित दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के कार्यकाल में पहला ऐसा अभ्यास होगा। दोनों ने उत्तर कोरिया के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है।