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Pakistan Elections: '8 फरवरी के चुनाव पर सीनेट में एक और प्रस्ताव'; जमात-ए-इस्लामी नेता मुश्ताक ने कही यह बात
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Sat, 06 Jan 2024 10:48 PM IST
सार
पाकिस्तान में चुनाव से पहले सीनेट में प्रस्ताव लाने का सिलसिला दिख रहा है। एक प्रस्ताव में चुनाव टालने की अपील की गई। 24 घंटे से भी कम समय में अब जमात-ए-इस्लामी नेता मुश्ताक अहमद खान ने प्रस्ताव पेश किया है। इसमें आठ फरवरी को ही चुनाव कराने की अपील की गई है।
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सीनेट पाकिस्तान
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
पाकिस्तान में इस साल आम चुनाव कराने की तैयारियां हो रही हैं। देश का चुनाव आयोग (ECP) आठ फरवरी को चुनाव कराने का एलान कर चुका है। इसी बीच देश की संसद के अहम अंग- सीनेट में चुनाव से जुड़े दो प्रस्ताव चर्चा में हैं। 24 घंटे से भी कम समय में पेश किए गए दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में आम चुनाव आगामी आठ फरवरी को ही कराए जाने चाहिए। प्रस्ताव जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद खान की तरफ से पेश किया गया है। इससे पहले पेश प्रस्ताव में केवल 14 सीनेटर मौजूद रहे थे, जिसका बड़े राजनीतिक दलों ने पुरजोर विरोध किया है।
मुश्ताक ने अपने प्रस्ताव में मांग की है कि शुक्रवार को सीनेट से पारित प्रस्ताव को 'असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक' करार दिया जाए। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को सीनेट सचिवालय में एक नया प्रस्ताव पेश किया गया। हालांकि, सीनेट के आगामी सत्र की तारीख की पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में इस प्रस्ताव को पेश किया जाएगा या नहीं, इस पर अनिश्चितता बनी हुई है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि पाकिस्तान में चुनाव कराना एक संवैधानिक जरूरत है। समय पर चुनाव हों, यह सुनिश्चित करना पाकिस्तान चुनाव आयोग और कार्यवाहक सरकार की मौलिक जिम्मेदारी है।
प्रस्ताव के मुताबिक चुनाव के संबंध में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने है। चुनाव आयोग (ईसीपी) ने भी घोषणा की है कि चुनाव 8 फरवरी को होंगे। सीनेट में आठ फरवरी के बाद चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया गया है जो असंवैधानिक है। सीनेट के पास संवैधानिक आदेशों के खिलाफ काम करने का अधिकार नहीं है। जमात-ए-इस्लामी की मांग है कि शुक्रवार को पारित प्रस्ताव को रद्द कर, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं, जिसमें सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर भी मिले।
खबरों के मुताबिक स्वतंत्र सीनेटर दिलावर खान ने शुक्रवार को प्रस्ताव पेश किया था। 100 सदस्यों में से केवल 14 सांसदों की उपस्थिति के बीच यह पारित हुआ। हालांकि, इसके खिलाफ एकजुट तमाम प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रस्ताव को 'असंवैधानिक' करार दिया। भले ही प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया। आयोग ने सीनेट के प्रस्ताव को खारिज कर साफ किया कि चुनाव 8 फरवरी, 2024 को ही कराए जाएंगे।
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मुश्ताक ने अपने प्रस्ताव में मांग की है कि शुक्रवार को सीनेट से पारित प्रस्ताव को 'असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक' करार दिया जाए। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को सीनेट सचिवालय में एक नया प्रस्ताव पेश किया गया। हालांकि, सीनेट के आगामी सत्र की तारीख की पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में इस प्रस्ताव को पेश किया जाएगा या नहीं, इस पर अनिश्चितता बनी हुई है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि पाकिस्तान में चुनाव कराना एक संवैधानिक जरूरत है। समय पर चुनाव हों, यह सुनिश्चित करना पाकिस्तान चुनाव आयोग और कार्यवाहक सरकार की मौलिक जिम्मेदारी है।
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प्रस्ताव के मुताबिक चुनाव के संबंध में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने है। चुनाव आयोग (ईसीपी) ने भी घोषणा की है कि चुनाव 8 फरवरी को होंगे। सीनेट में आठ फरवरी के बाद चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया गया है जो असंवैधानिक है। सीनेट के पास संवैधानिक आदेशों के खिलाफ काम करने का अधिकार नहीं है। जमात-ए-इस्लामी की मांग है कि शुक्रवार को पारित प्रस्ताव को रद्द कर, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं, जिसमें सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर भी मिले।
खबरों के मुताबिक स्वतंत्र सीनेटर दिलावर खान ने शुक्रवार को प्रस्ताव पेश किया था। 100 सदस्यों में से केवल 14 सांसदों की उपस्थिति के बीच यह पारित हुआ। हालांकि, इसके खिलाफ एकजुट तमाम प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रस्ताव को 'असंवैधानिक' करार दिया। भले ही प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया। आयोग ने सीनेट के प्रस्ताव को खारिज कर साफ किया कि चुनाव 8 फरवरी, 2024 को ही कराए जाएंगे।