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Russia Ukraine War: जेलेंस्की के फैसले पर टिका संघर्ष विराम, पुतिन ने ट्रंप के सामने रखीं तीन शर्तें

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: बशु जैन Updated Fri, 22 Aug 2025 08:11 AM IST
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सार

अलास्का में यूक्रेन के साथ युद्ध विराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चर्चा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन अहम शर्तें रखी हैं। आइए जानते हैं वे तीन शर्तें कौन सी हैं...?

Russia Ukraine Ceasefire hinges on Zelensky's decision, Putin puts three conditions before Trump
ट्रंप, पुतिन और जेलेंस्की (फाइल) - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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अलास्का में यूक्रेन के साथ युद्ध विराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चर्चा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन अहम शर्तें रखी हैं। इसमें डोनबास क्षेत्र में यूक्रेन का आत्मसमर्पण, नाटो सदस्यता पाने की कोशिश और पश्चिमी देशों की सैनिकों की तैनाती न करने मांग शामिल है। ट्रंप ने पुतिन की इन मांगों के बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की है। संघर्ष विराम अब जेलेंस्की के फैसले पर टिक गया है। अगर जेलेंस्की मॉस्को की इन शर्तों को मान लेते हैं तो तीन साल से चल रहा युद्ध समाप्त हो सकता है। 
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बीते हफ्ते अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद सोमवार को ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक की। ट्रंप ने इस बैठक के दौरान साफ किया कि वे किसी तरह के संघर्ष विराम को लागू करने की जगह सीधा शांति समझौते की तरफ जाना चाहते हैं। शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि अलास्का में बैठक के दौरान पुतिन ने साफ तौर पर तीन मांगे रखी हैं। पुतिन ने जून 2024 में की गई मांग को दोहराते हुए कहा कि यूक्रेन डोनबास के उन हिस्सों से पूरी तरह हट जाए जिन पर अभी भी उसका नियंत्रण है। इसके बदले में रूस दक्षिणी क्षेत्र के जापोरिज्जिया और खेरसॉन में मौजूदा अग्रिम मोर्चे को रोक देगा। 
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एक डाटा के मुताबिक डोनबास के लगभग 88 फीसदी और जापोरिज्जिया और खेरसॉन के 73 फीसदी हिस्से पर रूस का नियंत्रण है। वहीं रूस यूक्रेन को खार्किव, सुमी और द्निप्रोपेट्रोव्स्क क्षेत्रों के अपने नियंत्रण वाले छोटे हिस्से को भी सौंपने को तैयार है।

इसके अलावा पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ दे। साथ ही अमेरिकी सेनाओं के पूर्व की ओर न बढ़ने की गारंटी दे। पुतिन यूक्रेनी सेना की सीमा तय करने और इस बात पर समझौता करने की भी मांग कर रहे हैं कि शांति सेना के हिस्से के रूप में यूक्रेन में कोई भी पश्चिमी सैनिक तैनात नहीं किया जाएगा।

जेलेंस्की नकार रहे मांग
यूक्रेन की ओर से पुतिन की हालिया मांगों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। लेकिन जेलेंस्की पहले भी डोनबास को खाली करने की रूस की मांग को नकार चुके हैं। जेलेंस्की का कहना है कि कहा है कि औद्योगिक डोनबास क्षेत्र एक किले के रूप में कार्य करता है, जो यूक्रेन में रूस की बढ़ती गतिविधियों को रोक रहा है। अगर हम सिर्फ पूर्व से हटने की बात कर रहे हैं, तो हम ऐसा नहीं कर सकते। यह हमारे देश के अस्तित्व का सवाल है, जिसमें सबसे मजबूत रक्षात्मक रेखाएं शामिल हैं।

वहीं जेलेंस्की ने नाटो सदस्यता छोड़ने की मांग पर कहा है कि नाटो में शामिल होना हमारे देश के संविधान में निहित एक रणनीतिक उद्देश्य है और कीव इसे अपनी सबसे विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी मानता है। नाटो गठबंधन की सदस्यता पर फैसला करना रूस का काम नहीं है।

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