सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Suella Braverman Indian Origin UK politician UK Cabinet minister sacked twice

Suella Braverman: भारतीय मूल की कैबिनेट मंत्री एक ही साल में दो बार बर्खास्त, UK में विवादों से पुराना है नाता

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: ज्योति भास्कर Updated Mon, 13 Nov 2023 08:35 PM IST
विज्ञापन
सार

ब्रिटेन की राजनीति में  सुएला ब्रेवरमैन किसी परिचय की मोहताज नहीं। हालांकि, भारतीय मूल की इस युवा राजनेता का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। शायद इसलिए ब्रेवरमैन को एक ही साल में दो बार कैबिनेट से बर्खास्त करना पड़ा।

Suella Braverman Indian Origin UK politician UK Cabinet minister sacked twice
ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन (फाइल) - फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सुएला ब्रेवरमैन ब्रिटेन में गृह मंत्री बनने के बाद सुर्खियों में आई थीं। भारतीय मूल की नेता सुएला को ब्रिटेन की कैबिनेट से दो बार बर्खास्त किया गया। ऐसे में सुएला से जुड़े विवादों पर भी चर्चा हो रही है। एक ही साल में दो बार उन्हें बर्खास्त किया गया। 43 वर्षीय भारतीय मूल की कैबिनेट मंत्री का हाउस ऑफ कॉमन्स की फ्रंटबेंच से अनौपचारिक विदाई चौंकाने वाली नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि विवादों से उनका पुराना नाता रहा है। 
loader
Trending Videos


प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अगुवाई वाली सरकार में गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन इसलिए भी चर्चा में आईं, क्योंकि लंदन की सड़कों पर फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मेट्रोपॉलिटन पुलिस को लेकर सख्त बयान दिया था। उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए सोमवार को ब्रेवरमैन को सुनक की कैबिनेट से हटाए जाने के बाद कई दिनों की अटकलों पर विराम लग गया। फैसले का एक कारण ब्रिटेन के राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी पक्षों से बढ़ते दबाव को भी माना जा रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन


हाल ही में ब्रेवरमैन ने बतौर गृह मंत्री इस्राइल और हमास के युद्ध के बीच गाजा पट्टी में पैदा हुए मानवीय संकट के खिलाफ प्रदर्शन करने लंदन की सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों और हेट क्राइम के आरोपियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए थे। इससे पहले उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान अवैध प्रवासियों के "तूफान" जैसे शब्दों का उपयोग करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। ब्रेवरमैन प्रवासियों को रवांडा भेजना चाहती थीं। हालांकि,  ब्रिटेन की यह नीति कानूनी पचड़ों में उलझी हुई है।

पुलिस पर पक्षपात के आरोप
मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ टकराव के अलावा द टाइम्स में सुएला ब्रेवरमैन के विवादास्पद लेख को भी उनकी बर्खास्तगी का कारण माना जा रहा है। इस्राइल-गाजा संघर्ष में युद्धविराम का आह्वान करने वाले प्रदर्शनकारियों से समान रूप से न निपटने का आरोप लगाते हुए ब्रेवरमैन ने कहा था कि पुलिस पक्षपात कर रही है।

विदाई के समय भी नरम नहीं पड़े तेवर, सुनक को मिल सकती है चुनौती
ब्रेवरमैन ने अपनी विदाई पर कहा, "गृह सचिव के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है। आने वाले समय में मुझे और भी बहुत कुछ कहना होगा।" इसे सुनक की सरकार के लिए चेतावनी की घंटी माना जा रहा है क्योंकि सरकार से बाहर होने के बाद भी वे सुनक की मुखर आलोचना करती रही हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री के साथ भी रहे मतभेद
गौरतलब है कि पिछले साल अक्तूबर में गृह सचिव के रूप में ब्रेवरमैन के जाने को आधिकारिक तौर पर इस्तीफा बताया गया था। यह भी उसी तरह मजबूरी में उठाया गया कदम था जब लिज़ ट्रस ( Liz Truss) को सुएला को हटाना पड़ा था। ब्रिटेन में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली लिज़ ट्रस अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में 'मंत्रिस्तरीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन' के कारण सुएला से अलग होना चाहती थीं।

ताजा घटनाक्रम में जब सुएला को हटाया गया है, एक अखबार के ऑप-एड से  'मंत्रिस्तरीय उल्लंघन' का संकेत सामने आया है। इसके अनुसार सुएला प्रदर्शनकारियों को "घृणा मार्च करने वालों" के रूप में करार देने के अपने लेख को छपवाने पर अड़ी रहीं। इस कारण पीएम सुनक के दफ्तर- डाउनिंग स्ट्रीट में असहजता पैदा हुई। सुनक की मंजूरी के बिना ब्रेवरमैन ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस पर "निष्पक्षता से कार्रवाई न करने" (playing favourites) का आरोप लगाया।

हालांकि, ब्रिटिश सत्ता के गलियारों में एक धारणा यह भी है कि ब्रेवरमैन ने खुद अपने बॉस सुनक के सामने ऐसे हालात पैदा किए, जिससे उन्हें अगले साल होने आम चुनाव से पहले बर्खास्त करने के लिए उकसाया जा सके। सुएला का मानना है कि ऐसा करने के बाद टोरी पार्टी के धुर दक्षिणपंथी पक्ष में उनके प्रति समर्थन बढ़ेगा, सुनक को चुनाव में हार मिलेगी और प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी मजबूत हो जाएगी।

ब्रिटेन की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर गहरा विभाजन
बहरहाल, ब्रिटेन की सियासत से जुड़ी रिपोर्ट्स के मुताबिक सुएला की नाटकीय बर्खास्तगी ने एक बार फिर ब्रिटेन की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर गहरे विभाजन को उजागर किया है। यही कारण है कि हाल के दिनों में सरकार में कई नेताओं और मंत्रियों के आने-जाने का क्रम बना हुआ है।

ब्रैवरमैन बौद्ध धर्मावलंबी, 2018 में शादी
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी लॉ ग्रेजुएट सुएला ने 2018 में रैल ब्रेवरमैन से शादी की। उनके मातृत्व अवकाश के कारण ब्रिटेन में लंबे समय से लंबित कानूनी बदलाव हुआ। इस कानूनी बदलाव से उन्हें पिछले साल अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने के दौरान भी कैबिनेट मंत्री बने रहने की अनुमति मिली। ब्रैवरमैन एक बौद्ध हैं जो लंदन बौद्ध केंद्र में नियमित रूप से जाती हैं। उन्होंने संसद में अपने पद की शपथ भगवान बुद्ध के कथनों पर आधारित धर्मग्रंथ 'धम्मपद' के आधार पर ली।

अपनी जड़ों के बारे में क्या बताती हैं सुएला
सुएला ब्रेवरमैन अक्सर अपनी व्यक्तिगत प्रवासी कहानी के संदर्भ में तमिल हिंदू मां उमा और गोवा मूल के पिता क्रिस्टी फर्नांडीस का जिक्र करती हैं। खुद को लंदन में जन्मी बेटी बताने वाली ब्रेवरमैन के अनुसार, उनके माता-पिता 1960 के दशक में पहले मॉरीशस, फिर केन्या और वहां से यूके चले गए थे। पिछले साल जुलाई में ब्रेवरमैन ने कहा था, उनके माता-पिता ब्रिटेन से प्यार करते थे। इस देश ने उन्हें आशा दी। यहां उन्हें सुरक्षा मिली। इस देश ने उन्हें एक अवसर दिया। सुएला के मुताबिक, "मुझे लगता है कि मेरी पृष्ठभूमि वास्तव में राजनीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण से प्रभावित है।"
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed