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Britain: जूलियन असांजे के 'तत्काल' प्रत्यर्पण पर लगाई रोक, अदालत ने अमेरिका से आश्वासन दाखिल करने को कहा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: आदर्श शर्मा
Updated Tue, 26 Mar 2024 09:12 PM IST
सार
लंदन के हाईकोर्ट ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के 'तत्काल' प्रत्यर्पण पर रोक लगाई दी है। अदालत ने अमेरिकी सरकार को असांजे के संबंध में कई आश्वासन देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था।
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- फोटो : google
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विस्तार
लंदन के हाईकोर्ट ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के 'तत्काल' प्रत्यर्पण पर रोक लगाई दी है। साथ ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अमेरिका से अपने अधिकारों का आश्वासन दाखिल करने को कहा है। पिछले महीने दो दिवसीय सुनवाई में असांजे ने ब्रिटेन द्वारा हस्ताक्षरित 2022 प्रत्यर्पण निर्णय की समीक्षा करने की अनुमति मांगी थी।
अमेरिकी सरकार को दिया तीन सप्ताह का वक्त
अदालत ने अमेरिकी सरकार को असांजे के संबंध में कई आश्वासन देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। कोर्ट ने कहा कि उन्हें मौत की सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यदि अमेरिका ये आश्वासन देने में विफल रहता है, तो असांजे को अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी जाएगी।
असांजे को तुरंत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा- कोर्ट
दो न्यायाधीशों के एक पैनल ने मंगलवार के फैसले में कहा कि असांजे को तुरंत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा, जिससे अमेरिका को यह आश्वासन देने के लिए तीन सप्ताह का समय मिल जाएगा कि उन्हें अमेरिकी नागरिकों के समान कानूनी अधिकार प्राप्त होंगे। फैसले में कहा गया कि अगर वे आश्वासन नहीं दिए गए, तो अपील की इजाजत दी जाएगी और फिर अपील पर सुनवाई होगी।
अदालत ने कहा कि अपील के नौ आधारों में से तीन पर असांजे को सफलता की वास्तविक संभावना है। उनका प्रत्यर्पण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ असंगत है कि यदि प्रत्यर्पित किया जाता है, तो असांजे पर उनकी राष्ट्रीयता के कारण मुकदमे में पक्षपात हो सकता है। विशेष रूप से यदि अमेरिका को प्रत्यर्पित किया जाता है, तो जूलियन असांजे को विकीलीक्स द्वारा अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी नेतृत्व वाले युद्धों से संबंधित वर्गीकृत दस्तावेजों को जारी करने से संबंधित जासूसी के आरोप में मुकदमे में खड़ा होना होगा।
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अमेरिकी सरकार को दिया तीन सप्ताह का वक्त
अदालत ने अमेरिकी सरकार को असांजे के संबंध में कई आश्वासन देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। कोर्ट ने कहा कि उन्हें मौत की सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यदि अमेरिका ये आश्वासन देने में विफल रहता है, तो असांजे को अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी जाएगी।
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असांजे को तुरंत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा- कोर्ट
दो न्यायाधीशों के एक पैनल ने मंगलवार के फैसले में कहा कि असांजे को तुरंत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा, जिससे अमेरिका को यह आश्वासन देने के लिए तीन सप्ताह का समय मिल जाएगा कि उन्हें अमेरिकी नागरिकों के समान कानूनी अधिकार प्राप्त होंगे। फैसले में कहा गया कि अगर वे आश्वासन नहीं दिए गए, तो अपील की इजाजत दी जाएगी और फिर अपील पर सुनवाई होगी।
अदालत ने कहा कि अपील के नौ आधारों में से तीन पर असांजे को सफलता की वास्तविक संभावना है। उनका प्रत्यर्पण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ असंगत है कि यदि प्रत्यर्पित किया जाता है, तो असांजे पर उनकी राष्ट्रीयता के कारण मुकदमे में पक्षपात हो सकता है। विशेष रूप से यदि अमेरिका को प्रत्यर्पित किया जाता है, तो जूलियन असांजे को विकीलीक्स द्वारा अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी नेतृत्व वाले युद्धों से संबंधित वर्गीकृत दस्तावेजों को जारी करने से संबंधित जासूसी के आरोप में मुकदमे में खड़ा होना होगा।