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UK: किंग चार्ल्स III के राज्याभिषेक में पीएम ऋषि सुनक पढ़ेंगे बाइबिल, समारोह में शामिल होने धनखड़ पहुंचे लंदन
पीटीआई, लंदन।
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 05 May 2023 06:07 PM IST
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सार
कैंटरबरी के आर्कबिशप रेवरेंड जस्टिन वेल्बी (Reverend Justin Welby) के कार्यालय लैम्बेथ पैलेस ने कहा कि अन्य धर्मों में आस्था रखने वाले सदस्य पहली बार यहां सेवा में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक।
- फोटो : फेसबुक/ऋषि सुनक

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विस्तार
ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों द्वारा राजकीय अवसरों पर संदेश पढ़े जाने की हालिया परंपरा को ध्यान में रखते हुए ऋषि सुनक शनिवार को महाराज चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक के अवसर पर ‘कुलुस्सियों की बाइबिल’ पुस्तक से संदेश पढ़ेंगे। सुनक भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री और हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। छह मई को यहां वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाले ईसाई समारोह में बाइबिल संबंधी संदेश के उनके संबोधन से बहु-धार्मिक विश्वास की गूंज सुनाई देगी।
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कैंटरबरी के आर्कबिशप रेवरेंड जस्टिन वेल्बी (Reverend Justin Welby) के कार्यालय लैम्बेथ पैलेस ने कहा कि अन्य धर्मों में आस्था रखने वाले सदस्य पहली बार यहां सेवा में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इसने कहा, ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों द्वारा राजकीय अवसरों पर संदेश पढ़ने की हालिया परंपरा के बाद मेजबान राष्ट्र की सरकार के प्रमुख के रूप में इसे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा पढ़ा जाएगा। लैम्बेथ पैलेस ने कहा, कैंटरबरी के आर्कबिशप ने इस राज्याभिषेक के लिए एक नया काव्य पत्र चुना है। यह दूसरों के लिए सेवा के विषय और सभी लोगों और सभी चीजों पर ईसा मसीह के प्रेमपूर्ण शासन को प्रतिबिंबित करने के लिए चुना गया है, जो इस समारोह में ईसाइयों की प्रार्थना करने की रीति (Liturgy) के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
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लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार, कैंटरबरी के आर्कबिशप ने एक नई धर्मविधि या उस रूप को अधिकृत किया है जिसके अनुसार हर राज्याभिषेक के लिए एक सार्वजनिक धार्मिक पूजा होती है। प्रथा के केंद्र में राजा द्वारा ली जाने वाली तीन शपथ में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसमें "प्रोटेस्टेंट सुधारित धर्म" को बनाए रखने का शपथ लेना भी शामिल है।
ईसाइयों की प्रार्थना का पूरा विषय "काल्ड टू सर्व" है, जिसका उद्देश्य इस प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करना है कि राजा भगवान और ब्रिटेन के लोगों की सेवा करेगा। जस्टिन वेल्बी ने कहा, मुझे खुशी है कि सेवा हमारे देश के महान इतिहास, हमारे रीति-रिवाजों और हमसे पहले आए लोगों के बारे में बात करते हुए परंपरा को मान्यता देगी और उसका जश्न मनाएगी। साथ ही, सेवा में नए तत्व शामिल हैं जो हमारे समकालीन समाज की विविधता को दर्शाते हैं।
लैम्बेथ पैलेस ने पुष्टि की कि रेगलिया की प्रस्तुति हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों द्वारा की जाएगी और पहली बार कुछ ऐसी वस्तुएं जिनका कोई ईसाई अर्थ या प्रतीकवाद नहीं है उन साथियों द्वारा प्रस्तुत की जाएंगी जो विभिन्न धर्मों की परंपराओं से संबंधित हैं। जैसे- यहूदी धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म और सिख धर्म।
ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय अपने नाना जॉर्ज-षष्टम की गद्दी पर बैठेंगे
ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय शनिवार को यहां वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाले अपने ऐतिहासिक राज्याभिषेक के दौरान उस गद्दी पर बैठेंगे, जिसका इस्तेमाल 86 वर्ष पहले उनके नाना जॉर्ज-षष्टम की ताजपोशी के समय किया गया था। शाही परंपरा के अनुसार एब्बे में राज्याभिषेक के विभिन्न चरणों के दौरान पारंपरिक गद्दियों और सिंहासनों का उपयोग किया जाता है। राज्याभिषेक के दौरान महाराजा चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला अलग-अलग क्षणों में ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’, ‘चेयर्स ऑफ स्टेट’ और ‘थ्रोन चेयर्स’ पर बैठेंगे।
‘थ्रोन चेयर्स’ का इस्तेमाल 12 मई, 1937 को किंग जॉर्ज षष्टम और महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक के लिए किया गया था। बकिंघम पैलेस ने कहा, "शाही जोड़े ने पारंपरिक वस्तुओं के महत्व को बरकरार रखते हुए पिछले राज्याभिषेकों में इस्तेमाल हुईं ‘चेयर्स ऑफ एस्टेट’और ‘थ्रोन चेयर्स’ को चुना है। इन्हें आवश्यकतानुसार संरक्षित, पुनर्स्थापित और अनुकूलित किया गया है।”
‘चेयर्स ऑफ द स्टेट’ का निर्माण 1953 में किया गया था और उसी साल दो जून को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था। ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’ का निर्माण 700 साल पहले किया गया था और महाराजा एडवर्ड द्वितीय के राज्याभिषेक के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था। राज्याभिषेक के बाद चार्ल्स इसी गद्दी पर बैठेंगे।
‘थ्रोन चेयर्स’ का इस्तेमाल 12 मई, 1937 को किंग जॉर्ज षष्टम और महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक के लिए किया गया था। बकिंघम पैलेस ने कहा, "शाही जोड़े ने पारंपरिक वस्तुओं के महत्व को बरकरार रखते हुए पिछले राज्याभिषेकों में इस्तेमाल हुईं ‘चेयर्स ऑफ एस्टेट’और ‘थ्रोन चेयर्स’ को चुना है। इन्हें आवश्यकतानुसार संरक्षित, पुनर्स्थापित और अनुकूलित किया गया है।”
‘चेयर्स ऑफ द स्टेट’ का निर्माण 1953 में किया गया था और उसी साल दो जून को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था। ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’ का निर्माण 700 साल पहले किया गया था और महाराजा एडवर्ड द्वितीय के राज्याभिषेक के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था। राज्याभिषेक के बाद चार्ल्स इसी गद्दी पर बैठेंगे।
समारोह में भारत की ओर से शामिल होंगे उपराष्ट्रपति धनखड़
ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स तृतीय का वेस्टमिंस्टर एब्बे में औपचारिक राज्याभिषेक होगा जिसमें शामिल होने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को लंदन पहुंच गए हैं। वह भारत सरकार की ओर से किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होंगे। धनखड़ के साथ उनकी पत्नी डॉ.सुदेश धनखड़ भी गई हैं। ब्रिटेन के नए शासक की ऐतिहासिक ताजपोशी में करीब 100 देशों के राज्याध्यक्षों या शासनाध्यक्षों के शामिल होने की उम्मीद है।
उपराष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय उपराष्ट्रति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ.सुदेश धनखड़ महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए लंदन पहुंचें।’’
उपराष्ट्रपति के लंदन पहुंचने के साथ ही अन्य राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं के साथ लंदन स्थित मालबोरो हाउस में होने वाली चर्चा में उनके शामिल होने की उम्मीद है जिसका आयोजन राष्ट्रमंडल मंत्री बोरोनेस पैट्रिसिया स्कॉटलैंड ने की है। यह धनखड़ के लिए पहला अवसर होगा जब वह ब्रिटेन के 74 वर्षीय महाराजा से एब्बे में होने वाले राज्याभिषेक से पहले मिलेंगे।
उपराष्ट्रपति को बकिंघम पैलेस द्वारा विभिन्न राज्याध्यक्षों, नेताओं और अन्य अधिकारियों के लिए शुक्रवार की शाम को आयोजित स्वागत समारोह में भी आमंत्रित किया गया है जिसकी मेजबानी स्वयं महाराज चार्ल्स तृतीय करेंगे। धनखड़ शुक्रवार शाम को भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं और लोकतंत्र, कानून के शासन सहित कई मूल्यों को साझा करते हैं। मंत्रालय ने उपराष्ट्रपति के दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के संदर्भ में कहा, भविष्य के संबंधों को लेकर अंगीकार किए गए मसौदा 2030 के तहत दोनों देशों के संबंध वर्ष 2021 में विस्तृत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंच गए हैं।’
गौरतलब है कि भारत की राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल सितंबर में ब्रिटेन की यात्रा की थी और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होकर भारत की ओर से संवेदनाएं व्यक्त की थीं।
उपराष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय उपराष्ट्रति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ.सुदेश धनखड़ महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए लंदन पहुंचें।’’
उपराष्ट्रपति के लंदन पहुंचने के साथ ही अन्य राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं के साथ लंदन स्थित मालबोरो हाउस में होने वाली चर्चा में उनके शामिल होने की उम्मीद है जिसका आयोजन राष्ट्रमंडल मंत्री बोरोनेस पैट्रिसिया स्कॉटलैंड ने की है। यह धनखड़ के लिए पहला अवसर होगा जब वह ब्रिटेन के 74 वर्षीय महाराजा से एब्बे में होने वाले राज्याभिषेक से पहले मिलेंगे।
उपराष्ट्रपति को बकिंघम पैलेस द्वारा विभिन्न राज्याध्यक्षों, नेताओं और अन्य अधिकारियों के लिए शुक्रवार की शाम को आयोजित स्वागत समारोह में भी आमंत्रित किया गया है जिसकी मेजबानी स्वयं महाराज चार्ल्स तृतीय करेंगे। धनखड़ शुक्रवार शाम को भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं और लोकतंत्र, कानून के शासन सहित कई मूल्यों को साझा करते हैं। मंत्रालय ने उपराष्ट्रपति के दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के संदर्भ में कहा, भविष्य के संबंधों को लेकर अंगीकार किए गए मसौदा 2030 के तहत दोनों देशों के संबंध वर्ष 2021 में विस्तृत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंच गए हैं।’
गौरतलब है कि भारत की राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल सितंबर में ब्रिटेन की यात्रा की थी और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होकर भारत की ओर से संवेदनाएं व्यक्त की थीं।
#WATCH | Vice President Jagdeep Dhankhar arrives in London. He will attend the Coronation ceremony of King Charles III on behalf of the Government of India.#KingCharlesCoronation pic.twitter.com/1Oos2DCUPf — ANI (@ANI) May 5, 2023