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UN: इस्राइली हमले के बाद यमन में हूती-विद्रोहियों ने की यूएन के दफ्तरों में छापेमारी, हिरासत में लिए 19 कर्मी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, संयुक्त राष्ट्र।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 03 Sep 2025 08:13 AM IST
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सार
UN: यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र के दफ्तरों पर छापा मारकर 19 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया है, जिनमें 18 यमनी और एक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी शामिल हैं। यह कार्रवाई इस्राइली हमले में हूती प्रधानमंत्री की मौत के बाद की गई।

संयुक्त राष्ट्र का ध्वज
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
यमन की राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के दफ्तरों पर हूती विद्रोहियों की ओर से की गई छापेमारी में 19 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। यह संख्या पहले बताई गई संख्या से ज्यादा है। यूएन ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यूएन के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को जानकारी दी कि हिरासत में लिए गए 19 लोगों में से 18 यमनी नागरिक हैं और एक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को तुरंत रिहा करने की अपील की। ये छापेमारी रविवार को एजेंसी के उन दफ्तरों पर की गई, जो खाने-पीने, स्वास्थ्य और बच्चों से जुड़ी सेवाएं देती हैं। यह कार्रवाई इस्राइल के उस हवाई हमले के बाद की गई, जिसमें हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और कई कैबिनेट मंत्रियों की हत्या कर दी गई थी।
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शांति वार्ताओं की उम्मीदें तब खत्म हो गईं, जब सात अक्तूबर 2023 को हमास ने दक्षिण इस्राइल पर हमला किया था। इसके जवाब में इस्राइल ने गाजा पर युद्ध छेड़ दिया। इसके बाद हूती विद्रोहियों ने गाजा के फलस्तीनी के समर्थन में लाल सागर में जहाजों पर हमले शुरू कर दिए। इसके जवाब में अमेरिका और इस्राइल ने यमन के हूती-नियंत्रित इलाकों पर हवाई हमले किए।
संयुक्त राष्ट्र, अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन और हूती-नियंत्रित इलाकों में काम कर रहे राजनयिकों पर यह ताजा कार्रवाई हूती विद्रोहियों पर दबाव की रणनीति मानी जा रही है। दुजारिक ने कहा बताया कि इससे पहले भी हूती विद्रोही 23 यूएन कर्मचारियों को हिरासत में ले चुके हैं, जिनमें से कुछ को 2021 से ही बंदी बनाकर रखा गया है।
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कर्मचारियों की गिरफ्तारी से यूएन की क्षमता प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हांस ग्रंडबर्ग ने हाल ही में ओमान की राजधानी मस्कट का दौरा किया, जहां उन्होंने हूती विद्रोहियों के प्रमुख वार्ताकार मोहम्मद अब्देलसालम और अन्य राजनयिकों से मुलाकात की। दुजारिक ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने यूएन कर्मचारियों की गिरफ्तारी और दफ्तरों में जबरन प्रवेश की निंदा की। उन्होंने चेतावनी दी कि हूती विद्रोहियों की यह कार्रवाई यमन के लोगों तक मदद पहुंचाने की यूएन की क्षमता को गंभीर रूस से प्रभावित कर रही है। यमन अरब दुनिया का सबसे गरीब देश माना जाता है।

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