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UN: कमजोर हो रहा बचपन, संयुक्त राष्ट्र का दावा- 2024 में नौ देशों के 1.4 करोड़ बच्चों को नहीं लगा एक भी टीका
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, संयुक्त राष्ट्र
Published by: बशु जैन
Updated Tue, 15 Jul 2025 08:19 AM IST
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सार
वैश्विक टीकाकरण कवरेज के वार्षिक अनुमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा कि एक वर्ष से कम उम्र के लगभग 89 प्रतिशत बच्चों को 2024 में डिप्थीरिया, टेटनस और काली खांसी के टीके की पहली खुराक मिल गई। जबकि लगभग 85 प्रतिशत ने तीन-खुराक ली। इसके अलावा करीब 1.4 करोड़ बच्चे ऐसे रहे जिनको एक भी खुराक नहीं मिली।

टीकाकरण (प्रतीकात्मक)
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
बचपन अब कमजोर होता जा रहा है। सही खुराक और टीका न लगने से बच्चों का विकास रुक रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने दावा किया है कि साल 2024 में दुनियाभर में 1.4 करोड़ बच्चे ऐसे थे, जिनको एक भी टीका नहीं लगा। इनमें से आधे से अधिक 52 फीसदी बच्चे दुनिया के नौ देशों में हैं। इन देशों में नाइजीरिया, भारत, सूडान, कांगो, इथियोपिया, इंडोनेशिया, यमन, अफगानिस्तान और अंगोला शामिल हैं।
वैश्विक टीकाकरण कवरेज के वार्षिक अनुमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा कि एक वर्ष से कम उम्र के लगभग 89 प्रतिशत बच्चों को 2024 में डिप्थीरिया, टेटनस और काली खांसी के टीके की पहली खुराक मिल गई। जबकि लगभग 85 प्रतिशत ने तीन-खुराक ली। इसके अलावा करीब 1.4 करोड़ बच्चे ऐसे रहे जिनको एक भी खुराक नहीं मिली।
ये भी पढ़ें: 'एक सप्ताह में भारत-पाक में छिड़ सकता था परमाणु युद्ध'; फिर क्रेडिट लेने को बेताब दिखे ट्रंप
अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की ओर से अंतरराष्ट्रीय सहायता बंद होने से असुरक्षित बच्चों की संख्या कम करना और मुश्किल हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार टीके हर साल 35 लाख से 50 लाख मौतों को रोकते हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि सहायता में भारी कटौती और टीकों की सुरक्षा के बारे में गलत सूचना के कारण दशकों की प्रगति पर खतरा मंडरा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा कि टीकों तक पहुंच बेहद असमान है। संघर्ष व मानवीय संकटों ने प्रगति को तेजी से प्रभावित किया है। डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी के खिलाफ सबसे कम कवरेज सूडान में दर्ज किया गया।
खसरे के टीकाकरण में मामूली इजाफा
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा है कि खसरे के खिलाफ कवरेज में मामूली इजाफा हुआ है। दुनिया भर में 76 प्रतिशत बच्चों को दोनों टीके लग चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बेहद संक्रामक बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए खसरे के टीके की दर 95 प्रतिशत तक पहुंचनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि पिछले साल 60 देशों में खसरे के बड़े प्रकोप देखे गए।
ये भी पढ़ें: अमेरिका ने मेक्सिको के ताजा टमाटरों पर लगाया 17% आयात शुल्क, टैक्स हटाने पर नहीं हो पाया समझौता
अमेरिका और ब्रिटेन में खसरे के मामले
अमेरिका में तीन दशकों से भी अधिक समय में खसरे का सबसे बुरा प्रकोप चल रहा है, जबकि यह रोग पूरे यूरोप में फैल गया है। जहां 2024 में 1,25,000 मामले सामने आए। पिछले सप्ताह ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि लिवरपूल के एक अस्पताल में खसरे से एक बच्चे की मौत हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटेन में केवल 84 प्रतिशत बच्चे ही इससे सुरक्षित हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में बाल स्वास्थ्य की प्रोफेसर हेलेन ब्रैडफ़ोर्ड ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है, लेकिन बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है कि हम खसरे के प्रकोप को लगातार देख रहे हैं। खसरे को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका टीकाकरण है। टीका लगवाने में कभी देर नहीं होती - वयस्क होने पर भी नहीं।

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अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की ओर से अंतरराष्ट्रीय सहायता बंद होने से असुरक्षित बच्चों की संख्या कम करना और मुश्किल हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार टीके हर साल 35 लाख से 50 लाख मौतों को रोकते हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि सहायता में भारी कटौती और टीकों की सुरक्षा के बारे में गलत सूचना के कारण दशकों की प्रगति पर खतरा मंडरा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा कि टीकों तक पहुंच बेहद असमान है। संघर्ष व मानवीय संकटों ने प्रगति को तेजी से प्रभावित किया है। डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी के खिलाफ सबसे कम कवरेज सूडान में दर्ज किया गया।
खसरे के टीकाकरण में मामूली इजाफा
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा है कि खसरे के खिलाफ कवरेज में मामूली इजाफा हुआ है। दुनिया भर में 76 प्रतिशत बच्चों को दोनों टीके लग चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बेहद संक्रामक बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए खसरे के टीके की दर 95 प्रतिशत तक पहुंचनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि पिछले साल 60 देशों में खसरे के बड़े प्रकोप देखे गए।
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अमेरिका और ब्रिटेन में खसरे के मामले
अमेरिका में तीन दशकों से भी अधिक समय में खसरे का सबसे बुरा प्रकोप चल रहा है, जबकि यह रोग पूरे यूरोप में फैल गया है। जहां 2024 में 1,25,000 मामले सामने आए। पिछले सप्ताह ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि लिवरपूल के एक अस्पताल में खसरे से एक बच्चे की मौत हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटेन में केवल 84 प्रतिशत बच्चे ही इससे सुरक्षित हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में बाल स्वास्थ्य की प्रोफेसर हेलेन ब्रैडफ़ोर्ड ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है, लेकिन बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है कि हम खसरे के प्रकोप को लगातार देख रहे हैं। खसरे को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका टीकाकरण है। टीका लगवाने में कभी देर नहीं होती - वयस्क होने पर भी नहीं।