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US: फरवरी 2026 से एच-1बी वीजा में बड़े बदलाव करने जा रहा अमेरिका, भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा असर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 30 Sep 2025 09:44 AM IST
सार
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने कहा कि 'एच-1बी लॉटरी को ठीक किया जाना चाहिए और अमेरिका को उच्च-कुशल नौकरियां केवल सबसे कुशल लोगों को ही देनी चाहिए।'
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हॉवर्ड लुटनिक, वाणिज्य मंत्री, अमेरिका
- फोटो : X / @WhiteHouse
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विस्तार
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि फरवरी 2026 से पहले H-1B (एच-1बी) वीजा प्रक्रिया में काफी बदलाव होंगे। गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने एच-1बी वीजा की फीस कई गुना बढ़ाकर 100,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया है और नया शुल्क भी फरवरी 2026 से ही लागू होगा। लुटनिक ने एच-1बी वीजा पर सस्ते तकनीकी सलाहकारों के देश में आने और अपने परिवारों को लाने के विचार को बिल्कुल गलत बताया।
लॉटरी सिस्टम को खत्म कर सकती है अमेरिकी सरकार
लुटनिक ने एक हालिया इंटरव्यू में बताया कि फरवरी 2026 में जब एच1बी वीजा की बढ़ी हुई फीस लागू होगी, तब इसमें कई बड़े बदलाव होंगे। लुटनिक ने संकेत दिए कि अमेरिकी सरकार एच1बी वीजा के तहत लॉटरी सिस्टम को खत्म कर सकती है। लुटनिक ने लॉटरी सिस्टम की आलोचना की और सवाल किया कि क्या किसी देश को लॉटरी के जरिए कुशल श्रमिकों को अपने देश में लाना चाहिए? अमेरिका के वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने कहा कि 'एच-1बी लॉटरी को ठीक किया जाना चाहिए और अमेरिका को उच्च-कुशल नौकरियां केवल सबसे कुशल लोगों को ही देनी चाहिए।'
उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों को ही मिलेगी वरीयता
लुटनिक ने कहा कि 'कंपनियों को ऐसे तकनीकी सलाहकारों और प्रशिक्षुओं को रखने का विचार समाप्त कर देना चाहिए जो सस्ते हों। इस बारे में मेरी राय पक्की है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति इन मुद्दों पर मेरे साथ हैं। मेरा मानना है कि सस्ते तकनीकी सलाहकार इस देश में आएं और अपने परिवारों को भी लाएं, ये मुझे बिल्कुल गलत लगता है, और मैं इसे सही नहीं मानता हूं।' माना जा रहा है कि भविष्य में अमेरिकी सरकार एच1बी वीजा के तहत सिर्फ उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों को ही वरीयता दे सकती है।
भारतीय पेशेवरों पर होगा असर
एच-1बी वाजी की बढ़ी हुई फीस से अमेरिका में काम करने के इच्छुक भारतीय पेशेवरों पर गंभीर असर होगा। गौरतलब है कि एक लाख अमेरिकी डॉलर एच1बी वीजा के लिए एकमुश्त शुल्क होगा। हालांकि नई दरें मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होगी और केवल नए आवेदकों को ही बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना होगा। एच1बी वीजा प्रक्रिया को 1990 में शुरू किया गया था और दुनियाभर के पेशेवरों के लिए, जो अमेरिका में अपना करियर बनाना चाहते हैं, यह एच-1बी वीजा खासा लोकप्रिय है। अब जब अमेरिका सरकार इसके नियम कड़े करने जा रही है तो इसका असर भारतीय पेशेवरों पर भी पड़ेगा क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर एच-1बी वीजा के दम पर ही अमेरिका में काम कर पाते हैं।
ये भी पढ़ें- 'इस्राइल हटे, हमास हथियार छोड़े': क्या है गाजा में संघर्ष रोकने की ट्रंप की योजना, जिसे PM मोदी ने भी सराहा?
अमेरिकी पेशेवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रोजेक्ट फायरवॉल लॉन्च
इस महीने अमेरिकी श्रम विभाग ने 'प्रोजेक्ट फायरवॉल' की शुरुआत की घोषणा की है। जिसका उद्देश्य उच्च कुशल अमेरिकी श्रमिकों के अधिकारों, वेतन और रोजगार के अवसरों की रक्षा करना है। यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि नियोक्ता कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय योग्य अमेरिकियों को प्राथमिकता दें और यदि वे H1B वीजा प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हैं तो नियोक्ताओं को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
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लॉटरी सिस्टम को खत्म कर सकती है अमेरिकी सरकार
लुटनिक ने एक हालिया इंटरव्यू में बताया कि फरवरी 2026 में जब एच1बी वीजा की बढ़ी हुई फीस लागू होगी, तब इसमें कई बड़े बदलाव होंगे। लुटनिक ने संकेत दिए कि अमेरिकी सरकार एच1बी वीजा के तहत लॉटरी सिस्टम को खत्म कर सकती है। लुटनिक ने लॉटरी सिस्टम की आलोचना की और सवाल किया कि क्या किसी देश को लॉटरी के जरिए कुशल श्रमिकों को अपने देश में लाना चाहिए? अमेरिका के वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने कहा कि 'एच-1बी लॉटरी को ठीक किया जाना चाहिए और अमेरिका को उच्च-कुशल नौकरियां केवल सबसे कुशल लोगों को ही देनी चाहिए।'
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उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों को ही मिलेगी वरीयता
लुटनिक ने कहा कि 'कंपनियों को ऐसे तकनीकी सलाहकारों और प्रशिक्षुओं को रखने का विचार समाप्त कर देना चाहिए जो सस्ते हों। इस बारे में मेरी राय पक्की है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति इन मुद्दों पर मेरे साथ हैं। मेरा मानना है कि सस्ते तकनीकी सलाहकार इस देश में आएं और अपने परिवारों को भी लाएं, ये मुझे बिल्कुल गलत लगता है, और मैं इसे सही नहीं मानता हूं।' माना जा रहा है कि भविष्य में अमेरिकी सरकार एच1बी वीजा के तहत सिर्फ उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों को ही वरीयता दे सकती है।
भारतीय पेशेवरों पर होगा असर
एच-1बी वाजी की बढ़ी हुई फीस से अमेरिका में काम करने के इच्छुक भारतीय पेशेवरों पर गंभीर असर होगा। गौरतलब है कि एक लाख अमेरिकी डॉलर एच1बी वीजा के लिए एकमुश्त शुल्क होगा। हालांकि नई दरें मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होगी और केवल नए आवेदकों को ही बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना होगा। एच1बी वीजा प्रक्रिया को 1990 में शुरू किया गया था और दुनियाभर के पेशेवरों के लिए, जो अमेरिका में अपना करियर बनाना चाहते हैं, यह एच-1बी वीजा खासा लोकप्रिय है। अब जब अमेरिका सरकार इसके नियम कड़े करने जा रही है तो इसका असर भारतीय पेशेवरों पर भी पड़ेगा क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर एच-1बी वीजा के दम पर ही अमेरिका में काम कर पाते हैं।
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अमेरिकी पेशेवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रोजेक्ट फायरवॉल लॉन्च
इस महीने अमेरिकी श्रम विभाग ने 'प्रोजेक्ट फायरवॉल' की शुरुआत की घोषणा की है। जिसका उद्देश्य उच्च कुशल अमेरिकी श्रमिकों के अधिकारों, वेतन और रोजगार के अवसरों की रक्षा करना है। यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि नियोक्ता कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय योग्य अमेरिकियों को प्राथमिकता दें और यदि वे H1B वीजा प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हैं तो नियोक्ताओं को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
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