{"_id":"69042c51f8f6bbcd060213c9","slug":"us-justice-dept-investigating-fraud-allegations-in-black-lives-matter-movement-ap-sources-say-2025-10-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"US: ट्रंप प्रशासन ने अश्वेतों के आंदोलन पर तेज की जांच, धांधली के आरोपों की पड़ताल कर रहा है न्याय विभाग","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
    US: ट्रंप प्रशासन ने अश्वेतों के आंदोलन पर तेज की जांच, धांधली के आरोपों की पड़ताल कर रहा है न्याय विभाग
 
            	    वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन।             
                              Published by: निर्मल कांत       
                        
       Updated Fri, 31 Oct 2025 08:56 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                US: अमेरिका का न्याय विभाग यह जांच कर रहा है कि क्या ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के नेताओं ने 2020 के प्रदर्शन के दौरान मिले दान का गलत इस्तेमाल किया। जांच के तहत कई संगठनों को कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं। आरोप है कि एक संगठन ने चंदे छह मिलियन डॉलर की संपत्ति खरीदी और खर्च के बारे में पारदर्शिता नहीं दिखाई।
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
             
                            
                        अमेरिकी न्याय विभाग
                                    - फोटो : एक्स/अमेरिकी न्याय विभाग 
                    
    
        
    
विज्ञापन
 
विस्तार
                                                 
                अमेरिका का न्याय विभाग जांच कर रहा है कि क्या 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन के नेता 2020 में प्रदर्शन के दौरान दान देने वालों से मिले करोड़ों डॉलर का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। आंदोलन से परिचित कई लोगों ने यह जानकारी दी। 
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
कई संगठनों को कानूनी नोटिस और वारंट
पिछले कुछ हफ्तों में संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने ब्लैक लाइव्स मैटर ग्लोबल नेटवर्क फाउंडेशन और अन्य ब्लैक-नेतृत्व वाली संस्थाओं के खिलाफ कानूनी नोटिस और एक तलाशी वारंट जारी किया। ये संगठन 2020 में नस्लीय अन्याय के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल थे। यह स्पष्ट नहीं है कि इस जांच का परिणाम आपराधिक मामला बनकर सामने आएगा या नहीं, लेकिन इसकी वजह से आंदोलन पर फिर से लोगों का ध्यान में आ गया है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
ये भी पढ़ें: एपस्टीन कांड में घिरे प्रिंस एंड्रयू से छिन जाएगी शाही उपाधि, जानें क्या है विवाद और कौन से हक छिनेंगे
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
बाइडन प्रशासन में शुरू हुई थी जांच
यह जांच ऐसे समय में हो रही है, जब हाल ही में नागरिक अधिकार समूहों ने चिंता जताई है कि ट्रंप प्रशासन उन प्रगतिशील और वामपंथी समूहों को निशाना बना सकता है, जो उसकी आलोचना करते हैं। इनमें ब्लैक लाइव्स मैटर, ट्रांसजेंडर अधिकार आंदोलन और आईसीई विरोधी प्रदर्शनकारी शामिल हैं। न्याय विभाग के प्रवक्ताओं ने गुरुवार को इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। एक सूत्र ने बताया कि यह जांच बाइडन प्रशासन के दौरान शुरू हुई थी, लेकिन अब ट्रंप प्रशासन में इसे नए सिरे से शुरू किया जा रहा है। दूसरे सूत्र ने पुष्टि की कि बाइडन प्रशासन के समय भी आरोपों की समीक्षा की गई थी।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
संगठन पर छह मिलियन डॉलर की संपत्ति खरीदने का आरोप
फाउंडेशन ने कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद उन्हें 2020 में 90 मिलियन डॉलर से अधिक दान प्राप्त हुआ। आलोचकों ने आरोप लगाया कि संगठन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह रकम कैसे खर्च की गई। आलोचना तब और बढ़ गई जब 2022 में फाउंडेशन के नेताओं ने पुष्टि की कि उन्होंने दान से लॉस एंजिल्स क्षेत्र में छह मिलियन डॉलर का संपत्ति खरीदी, जिसमें छह बेडरूम और बाथरूम वाला घर शामिल है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
ये भी पढ़ें: अमेरिकी विश्लेषक का दावा: पाकिस्तान पाल रहा भारत को लहूलुहान करने के मंसूबे, आतंक तंत्र फिर सक्रिय
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
इन नेताओं ने पहले किसी गलत काम से इनकार किया और सार्वजनिक रूप से कर दस्तावेज जारी किए। अब फाउंडेशन के नेताओं को कानूनी नोटिस मिले हैं। फाउंडेशन ने बयान में कहा कि वह किसी भी संघीय आपराधिक जांच का निशाना नहीं है। उन्होंने कहा, हम ब्लैक समुदायों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में संसाधनों की जिम्मेदार देखभाल, पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                                                                   
                                                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
                                      
 
कई संगठनों को कानूनी नोटिस और वारंट
पिछले कुछ हफ्तों में संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने ब्लैक लाइव्स मैटर ग्लोबल नेटवर्क फाउंडेशन और अन्य ब्लैक-नेतृत्व वाली संस्थाओं के खिलाफ कानूनी नोटिस और एक तलाशी वारंट जारी किया। ये संगठन 2020 में नस्लीय अन्याय के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल थे। यह स्पष्ट नहीं है कि इस जांच का परिणाम आपराधिक मामला बनकर सामने आएगा या नहीं, लेकिन इसकी वजह से आंदोलन पर फिर से लोगों का ध्यान में आ गया है।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            ये भी पढ़ें: एपस्टीन कांड में घिरे प्रिंस एंड्रयू से छिन जाएगी शाही उपाधि, जानें क्या है विवाद और कौन से हक छिनेंगे
बाइडन प्रशासन में शुरू हुई थी जांच
यह जांच ऐसे समय में हो रही है, जब हाल ही में नागरिक अधिकार समूहों ने चिंता जताई है कि ट्रंप प्रशासन उन प्रगतिशील और वामपंथी समूहों को निशाना बना सकता है, जो उसकी आलोचना करते हैं। इनमें ब्लैक लाइव्स मैटर, ट्रांसजेंडर अधिकार आंदोलन और आईसीई विरोधी प्रदर्शनकारी शामिल हैं। न्याय विभाग के प्रवक्ताओं ने गुरुवार को इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। एक सूत्र ने बताया कि यह जांच बाइडन प्रशासन के दौरान शुरू हुई थी, लेकिन अब ट्रंप प्रशासन में इसे नए सिरे से शुरू किया जा रहा है। दूसरे सूत्र ने पुष्टि की कि बाइडन प्रशासन के समय भी आरोपों की समीक्षा की गई थी।
संगठन पर छह मिलियन डॉलर की संपत्ति खरीदने का आरोप
फाउंडेशन ने कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद उन्हें 2020 में 90 मिलियन डॉलर से अधिक दान प्राप्त हुआ। आलोचकों ने आरोप लगाया कि संगठन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह रकम कैसे खर्च की गई। आलोचना तब और बढ़ गई जब 2022 में फाउंडेशन के नेताओं ने पुष्टि की कि उन्होंने दान से लॉस एंजिल्स क्षेत्र में छह मिलियन डॉलर का संपत्ति खरीदी, जिसमें छह बेडरूम और बाथरूम वाला घर शामिल है।
ये भी पढ़ें: अमेरिकी विश्लेषक का दावा: पाकिस्तान पाल रहा भारत को लहूलुहान करने के मंसूबे, आतंक तंत्र फिर सक्रिय
इन नेताओं ने पहले किसी गलत काम से इनकार किया और सार्वजनिक रूप से कर दस्तावेज जारी किए। अब फाउंडेशन के नेताओं को कानूनी नोटिस मिले हैं। फाउंडेशन ने बयान में कहा कि वह किसी भी संघीय आपराधिक जांच का निशाना नहीं है। उन्होंने कहा, हम ब्लैक समुदायों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में संसाधनों की जिम्मेदार देखभाल, पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
	
विज्ञापन
     
    
  
    विज्ञापन