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US: अमेरिका में ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव, 30 युवाओं ने सेवा-त्याग और विश्व कल्याण के लिए जीवन किया समर्पित
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, रॉबिंसविले (न्यू जर्सी)
Published by: यशोधन शर्मा
Updated Wed, 04 Oct 2023 07:05 AM IST
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सार
बीएपीएस उत्तरी अमेरिका मुख्यालय ने बताया कि इनमें से कई युवा अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उन्होंने और उनके परिवारों ने एक महान भलाई के लिए अथाह त्याग किया है।

USA
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
अमेरिका में पहली बार हुए अपनी तरह के एक विशेष कार्यक्रम में 30 युवा साधु बने। ये सभी संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और भारत में जन्मे और पले-बढ़े हैं। इनमें से कुछ विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ले रहे हैं तो कुछ सम्मानित पेशों से जुड़े हैं। दो अक्तूबर को 'दीक्षा दिन' के नाम से यह आयोजन न्यू जर्सी स्थित बीएपीएस के स्वामीनारायण अक्षरधाम रॉबिन्सविल में हुआ।

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महंत स्वामी महाराज ने उन्हें सेवा, त्याग और समर्पण भरे जीवन की प्रतिज्ञा दिलवाई। इससे पहले इन सभी युवाओं ने अक्षरधाम के निर्माण में योगदान दिया था। महंत स्वामी महाराज ने उन्हें ईश्वर और समाज की सेवा का विकल्प चुनने के लिए सराहा। उन्होंने युवाओं से कहा कि सेवा के जरिये ईश्वर को पाने का यह आध्यात्मिक मार्ग उन्हें अवश्य ही सफलता की ओर ले जाएगा। ये सभी युवा साधु जीवनभर अक्षरधाम के विचारों व शिक्षाओं को आगे बढ़ाएंगे और प्रेम, निस्वार्थता और एकता के दीप्तिमान उदाहरण बनेंगे।
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कई युवा परिवार की इकलौती संतान
बीएपीएस उत्तरी अमेरिका मुख्यालय ने बताया कि इनमें से कई युवा अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उन्होंने और उनके परिवारों ने एक महान भलाई के लिए अथाह त्याग किया है। वहीं, महात्मा गांधी की जयंती यानी अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर एक विशेष सांस्कृतिक आयोजन भी हुआ।
मूल्यों और अहिंसा का उत्सव नाम के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी की मेजबानी की
इसमें समानता, ईमानदारी व अहिंसा हिंदुत्व के सिद्धांतों पर उत्तरी अमेरिका से आए कई सदस्यों ने अपने विचार रखे। मूल्यों और अहिंसा का उत्सव नाम के इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में सद्गुरु स्वयंप्रकाशदास स्वामी ने कहा कि गांधी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए केवल शब्दों से नहीं, बल्कि अपने कार्यों व चारित्रिक शुद्धता से सफलता अर्जित करनी चाहिए। इसमें पूरे उत्तरी अमेरिका से भक्त और शुभचिंतक सत्य, अहिंसा और समानता सहित हिंदू धर्म के प्रमुख सिद्धांतों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे।