Putin Foreign Trip: यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद कहां-कहां गए पुतिन? सूची में अमेरिका-चीन भी शामिल
Putin Foreign Trip: यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश दौरों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। यूक्रेन से संघर्ष के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है। पुतिन भारत आखिरी बार 2021 में एक संक्षिप्त यात्रा पर दिल्ली आए थे। जानें पुतिन यूक्रेन संघर्ष के बाद कहां-कहां गए...
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2022 में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद बहुत ही कम विदेश यात्राएं की हैं। इस युद्ध के शुरू के बाद पुतिन पहली बार भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। चार साल बाद हो रही इस यात्रा पर अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपीय देशों की नजर है। बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद बहुत ही कम विदेश यात्राएं की हैं।
यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले पुतिन अपने शासनकाल के दौरान अधिकांशत: फ्रांस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया और अमेरिका जैसे देशों का दौरा करते रहे थे। लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद उनकी यात्राएं बेलारूस, उत्तर कोरिया, वियतनाम और चीन जैसे देशों तक सीमित हो गई हैं, क्योंकि पश्चिमी देश लगातार रूस को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं।
क्यों सीमित हुईं पुतिन की विदेश यात्राएं?
राष्ट्रपति पुतिन की विदेश यात्राएं 2023 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के कारण भी सीमित रही हैं। पुतिन उन देशों की यात्राओं पर नहीं गए है, जो न्यायालय के अधिकार को मान्यता देते हैं। अमेरिका न्यायालय का सदस्य नहीं है, इसलिए अमेरिका पुतिन को गिरफ्तार नहीं कर सकता है। जिसके चलते पुतिन ने अगस्त 2025 में अलास्का की यात्रा की थी। 2015 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की उनकी पहली यात्रा थी। यही नहीं यूक्रेन पर आक्रमण के बाद किसी पश्चिमी देश की भी उनकी पहली यात्रा थी। वे इस दौरान किसी भी यूरोपीय देश नहीं गए हैं। उनकी यात्राएं पूर्व सोवियत संघ देशों और कुछ एशियाई देशों तक ही सीमित रही हैं।
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फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से राष्ट्रपति पुतिन की विदेश यात्राएं:
2022
- 28-29 जून, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान - यूक्रेन युद्ध शुरू करने के बाद पुतिन का इन दो पुराने सोवियत देशों का यह पहला दौरा था। अश्गाबात में उन्होंने कैस्पियन सागर से जुड़े देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा हुई।
- 19 जुलाई, ईरान - अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने ईरान और तुर्की के नेताओं से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने सीरिया के हालातों पर चर्चा की थी।
- 15-16 सितंबर, उज्बेकिस्तान - यहां पुतिन ने ताशकंद में आठ देशों वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो मुख्य रूप से चीन और रूस के प्रभाव वाला समूह है। शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन ने चीनी नेता शी जिनपिंग से मुलाकात की। युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी।
- 13-14 अक्तूबर, कजाकिस्तान - पुतिन ने एशिया में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के मकसद से एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था।
- 23 नवंबर, आर्मेनिया - आर्मेनिया की यात्रा के दौरान पुतिन ने कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (सीएसटीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो मॉस्को-समर्थित उन देशों का समूह है जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा थे।
- 9 दिसंबर, किर्गिस्तान - पुतिन ने बिश्केक में यूरेशियन इकोनॉमिक काउंसिल की बैठक में भाग लिया था, जो कई पूर्व-सोवियत देशों का आर्थिक गठबंधन है।
- 19 दिसंबर, बेलारूस - पुतिन ने मिन्स्क में राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको से मुलाकात की थी। बेलारूस रूस का पड़ोसी और मजबूत सहयोगी है, जिसने यूक्रेन पर रूस के लिए अहम भूमिका निभाई।
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2023
- 12-13 अक्तूबर, किर्गिजस्तान - पुतिन कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बिश्केक पहुंचे थे।
- 17-18 अक्तूबर, चीन - पुतिन ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के फोरम में भाग लिया था। यह यात्रा बीजिंग द्वारा मॉस्को को दिए जा रहे समर्थन का प्रतीक मानी गई।
- 9 नवंबर, कजाकिस्तान - अस्ताना, कजाकिस्तान की यह यात्रा पुतिन के उन प्रयासों का हिस्सा थी, जिनका उद्देश्य इस पूर्व-सोवियत पड़ोसी और महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार के साथ संबंधों को और मजबूत करना था।
- 23 नवंबर, बेलारूस - पुतिन ने मिन्स्क में कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह सुरक्षा समूह कई पूर्व सोवियत देशों से मिलकर बना है और मॉस्को के प्रभाव के तहत काम करता है।
- 6 दिसंबर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात - रूसी राष्ट्रपति ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की एक अहम यात्रा की थी। इस दौरे का उद्देश्य मध्य पूर्व में शक्ति-संतुलन स्थापित करने वाले एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में मॉस्को की भूमिका को मजबूत करना था।
2024
- 16-17 मई, चीन - पुतिन ने रूस और चीन के बढ़ते रणनीतिक रिश्तों और शी के साथ अपने निजी संबंधों पर जोर देने के लिए बीजिंग का दौरा किया था, क्योंकि वे अमेरिका के वैश्विक असर का एक विकल्प पेश करना चाहते थे।
- 23-24 मई, बेलारूस - पुतिन ने अपने पांचवें कार्यकाल की शुरुआत के तहत कई विदेश दौरों में से एक के रूप में बेलारूस की यात्रा की।
- 26-28 मई, उज्बेकिस्तान - ताशकंद की यात्रा के दौरान पुतिन ने उस समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत रूस मध्य एशियाई देश में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगा।
- 18-19 जून, उत्तर कोरिया - पुतिन ने 24 वर्षों में पहली बार प्योंगयांग का दौरा किया था, जहां उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में यह प्रावधान शामिल था कि यदि इन दोनों देशों में किसी पर कोई हमला हमला होता है तो दोनों परस्पर सैन्य सहायता प्रदान करेंगे। इस समझौते के बाद ही उत्तर कोरिया ने कुर्स्क क्षेत्र में रूस की मदद के लिए अपने सैनिक रूस भेजे थे।
- 19-20 जून, वियतनाम - उत्तर कोरिया के बाद पुतिन वियतनाम पहुंचे थे और राष्ट्रपति तो लाम के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।
- 3-4 जुलाई, कजाकिस्तान - अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक बैठक में पुतिन और शी जिनपिंग अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए। यह सुरक्षा समूह मॉस्को और बीजिंग द्वारा पश्चिमी गठबंधनों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया था।
- 18-19 अगस्त, अजरबैजान - पुतिन ने बाकू की राजकीय यात्रा की थी। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार मार्गों को सुरक्षित करना और दक्षिण काकेशस में मॉस्को की प्रभावशीलता बनाए रखना था।
- 2-3 सितंबर, मंगोलिया - पुतिन ने मंगोलिया की आधिकारिक यात्रा की, जहां उनका रेड कार्पेट स्वागत हुआ था। यह यात्रा इसलिए भी चर्चा में रही थी, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के सदस्य देश के रूप में मंगोलिया ने उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को अनदेखा कर दिया था। यह वारंट यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से जुड़े कथित युद्ध अपराधों के मामले में जारी किया गया था।
- 11 अक्तूबर, तुर्कमेनिस्तान - पुतिन ने एक अंतरराष्ट्रीय फोरम के दौरान ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन से मुलाकात की और मध्य पूर्व की स्थिति पर चर्चा की।
- 6 दिसंबर, बेलारूस - मिंस्क में पुतिन और लुकाशेंको ने एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसने पहली बार बेलारूस को रूस की परमाणु सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत ला दिया। इस समझौते में आक्रमण की स्थिति में रूसी सामरिक परमाणु हथियारों के संभावित उपयोग का प्रावधान भी शामिल है।
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2025
- 27 जून, बेलारूस - पुतिन यूरेशियन इकोनॉमिक काउंसिल के सम्मेलन के लिए मिंस्क गए थे।
- 15 अगस्त, अलास्का (अमेरिका) - अलास्का के सबसे बड़े शहर एंकरेज में ट्रंप-पुतिन की 2 घंटे 45 मिनट तक बातचीत हुई थी। इस दौरान यूक्रेन जंग को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा हुई। हालांकि ये वार्ता विफल रही थी।
- 31 अगस्त -3 सितंबर, चीन - राष्ट्रपति पुतिन इस साल अगस्त के अंत में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने बीजिंग पहुंचे थे। इस सम्मेलन में पुतिन और पीएम मोदी की भी बैठक के इतर मुलाकात हुई थी। राष्ट्रपति पुतिन ने अक्तूबर में कजाकिस्तान और पिछले महीने किर्गिजस्तान की यात्रा की थी।