New Pope: रॉबर्ट प्रीवोस्ट बने रोमन कैथोलिक के नए पोप; अमेरिका से है यह नाता, जानें उनके बारे में सबकुछ
Roman Catholic Church: रोमन कैथोलिक चर्च को नए पोप मिल चुके हैं। सिस्टिन चैपल पर स्थित चिमनी से सफेद धुंआ निकलता देखा गया है। जो इस बात का संकेत है कि नए पोप का चुनाव हो चुका है। नए पोप का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।


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Roman Catholic Church's New Pope: रॉबर्ट प्रीवोस्ट के रूप में दुनिया को नया पोप मिल गया है। रोमन कैथोलिक के इतिहास में पहली बार किसी अमेरिकी कार्डिनल को पोप चुना गया है। रॉबर्ट प्रीवोस्ट को अब पोप लियो XIV के नाम से जाना जाएगा। पोप चुने जाने के बाद पोप लियो XIV ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि 'शांति आपके साथ हो'।
कौन हैं रॉबर्ट प्रीवोस्ट ?
69 वर्षीय रॉबर्ट प्रीवोस्ट अमेरिकी कार्डिनल हैं। शिकागो में जन्मे कार्डिनल प्रीवोस्ट में निश्चित रूप से इस भूमिका के लिए आवश्यक कई गुण हैं। दो साल पहले पोप फ्रांसिस ने प्रीवोस्ट को मार्क ओउलेट की जगह वेटिकन के बिशपों के लिए डिकास्टरी का प्रीफेक्ट चुनकर उन्हें अगली पीढ़ी के बिशपों को चुनने का काम सौंपा था। उन्होंने पेरू में आर्कबिशप बनने से पहले कई साल तक एक मिशनरी के तौर पर काम किया। प्रीवोस्ट को उन्हें एक सुधारक के रूप में देखा जाता है, लेकिन 69 की उम्र में उन्हें पोप के पद के लिए बहुत कम उम्र का माना जा सकता है। पेरू में आर्कबिशप के रूप में उनका कार्यकाल यौन शोषण के दावों को छिपाने के आरोपों से भी घिरा रहा।
ऐसे होता है पोप का चुनाव
इससे पहले, रोमन कैथोलिक चर्च के सिस्टिन चैपल पर स्थित चिमनी से सफेद धुंआ निकलता देखा गया है। यह इस बात का संकेत है कि कैथोलिक चर्च का नेतृत्व करने के लिए पोप का चुनाव हो चुका है। पोप चुनने की प्रक्रिया में 133 कार्डिनल्स वोट डालते हैं। विजयी होने के लिए कम से कम 89 वोट मिलना जरूरी होता है। चिमनी से सफेद धुआं निकलने की मतलब है कि विजेता को पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए आयोजित कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले 133 कार्डिनल्स में से कम से कम 89 वोट मिले हैं।
सेंट पीटर्स स्क्वायर में जमा भीड़ ने मनाया जश्न
जैसे ही सफेद धुआं बाहर आया, सेंट पीटर्स स्क्वायर में जमा भीड़ खुशी से झूम उठी और लोगों ने जयकारे लगाए। अभी नए पोप का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। सेंट पीटर्स बैसिलिका की बालकनी (लॉजिया) से एक वरिष्ठ कार्डिनल "हाबेमुस पापम!" (Habemus Papam!) कहकर यह घोषणा करेंगे, जिसका मतलब है – "हमारे पास नया पोप है!" कार्डिनल विजेता का जन्म नाम लैटिन में पढ़ते हैं। इसके बाद, नए पोप अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति देंगे और उसी लॉजिया से लोगों को आशीर्वाद देंगे।
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21 अप्रैल को हुआ पोप फ्रांसिस का निधन
21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था, जिसके बाद चर्च के लिए नए पोप का चुनाव किया जाना था। पोप की मृत्यु के साथ ही सदियों पुरानी रस्म शुरू हुई, जिसमें कार्डिनल कॉलेज की तरफ से उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिए पवित्र शपथ लेना, मतपत्रों की गिनती के बाद उन्हें सुई और धागे से छेदना और फिर जलाकर सफेद या काला धुआं निकालना शामिल है। चिमनी से सफेद धुआं निकलने का अर्थ है कि नए पोप का चुनाव हो चुका है।
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