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Vastu Tips : बार-बार पड़ते हैं अगर बीमार तो अपनाएं ये वास्तु के कुछ कारगर उपाय
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sat, 28 Jun 2025 05:53 PM IST
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सार
अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष हो, तो व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। आइए जानते हैं ऐसे 8 वास्तु नियम, जिनका पालन करके आप अपने स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।

वास्तु के उपाय
- फोटो : adobe
विस्तार
भारतीय वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि हमारे घर की संरचना, दिशा और ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष हो, तो व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। आइए जानते हैं ऐसे 8 वास्तु नियम, जिनका पालन करके आप अपने स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
1. सोने की दिशा सही रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोने से रक्त प्रवाह में बाधा आती है और बार-बार सिरदर्द, थकावट या अनिद्रा की समस्या हो सकती है। सोने की दिशा ठीक करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
2. बेड के नीचे न रखें कबाड़ या भारी सामान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने वाले बिस्तर के नीचे खाली स्थान होना चाहिए। यदि आप वहां पुराने कपड़े, जूते, दस्तावेज़ या कबाड़ रखते हैं, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यह मानसिक तनाव, थकान और नींद की कमी का कारण भी बनता है। इसलिए बिस्तर के नीचे सफाई रखें और अनावश्यक वस्तुएं हटाएं।
3. शौचालय की स्थिति पर ध्यान दें
अगर शौचालय उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में है तो यह सबसे बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। इससे मानसिक तनाव, बीमारियाँ और रोगों की आवृत्ति बढ़ती है। इस स्थिति में रोज सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें और वास्तु दोष निवारक उपाय अपनाएं।
सोते समय अगर आईना व्यक्ति के शरीर को प्रतिबिंबित करता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यदि बेडरूम में आईना है तो सोने से पहले उसे कपड़े से ढँक देना चाहिए।
5. रसोईघर और बाथरूम आमने-सामने न हों
यदि रसोई और बाथरूम आमने-सामने हों तो यह अग्नि और जल तत्वों का टकराव दर्शाता है। इससे घर के सदस्यों में बीमारियाँ और तनाव बढ़ सकता है। इस स्थिति में रसोई के द्वार पर लकड़ी की पट्टी या लाल पर्दा लगाना शुभ होता है।
6. घर में सूर्य का प्रकाश आने दें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के भीतर प्रातःकाल सूर्य का प्रकाश अवश्य आना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी भी मिलता है, जो हड्डियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
ईशान कोण को भगवान का स्थान माना गया है। यहां गंदगी या भारी सामान रखने से मानसिक अशांति, थकावट और बीमारियाँ बढ़ती हैं। इस दिशा को साफ, हल्का और मंदिरयुक्त रखना चाहिए।
8. पानी के स्रोत को सही स्थान पर रखें
घर में पानी का टैंक या बोरिंग उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। गलत दिशा में पानी के स्रोत मानसिक तनाव और रोग का कारण बन सकते हैं। यदि ऐसा हो, तो वास्तु दोष निवारक यंत्र या सलाहकार की मदद लें।
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1. सोने की दिशा सही रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोने से रक्त प्रवाह में बाधा आती है और बार-बार सिरदर्द, थकावट या अनिद्रा की समस्या हो सकती है। सोने की दिशा ठीक करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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2. बेड के नीचे न रखें कबाड़ या भारी सामान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने वाले बिस्तर के नीचे खाली स्थान होना चाहिए। यदि आप वहां पुराने कपड़े, जूते, दस्तावेज़ या कबाड़ रखते हैं, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यह मानसिक तनाव, थकान और नींद की कमी का कारण भी बनता है। इसलिए बिस्तर के नीचे सफाई रखें और अनावश्यक वस्तुएं हटाएं।
3. शौचालय की स्थिति पर ध्यान दें
अगर शौचालय उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में है तो यह सबसे बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। इससे मानसिक तनाव, बीमारियाँ और रोगों की आवृत्ति बढ़ती है। इस स्थिति में रोज सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें और वास्तु दोष निवारक उपाय अपनाएं।
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4. बेडरूम में आईना न लगाएंसोते समय अगर आईना व्यक्ति के शरीर को प्रतिबिंबित करता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यदि बेडरूम में आईना है तो सोने से पहले उसे कपड़े से ढँक देना चाहिए।
5. रसोईघर और बाथरूम आमने-सामने न हों
यदि रसोई और बाथरूम आमने-सामने हों तो यह अग्नि और जल तत्वों का टकराव दर्शाता है। इससे घर के सदस्यों में बीमारियाँ और तनाव बढ़ सकता है। इस स्थिति में रसोई के द्वार पर लकड़ी की पट्टी या लाल पर्दा लगाना शुभ होता है।
6. घर में सूर्य का प्रकाश आने दें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के भीतर प्रातःकाल सूर्य का प्रकाश अवश्य आना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी भी मिलता है, जो हड्डियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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7. उत्तर-पूर्व दिशा को साफ-सुथरा रखेंईशान कोण को भगवान का स्थान माना गया है। यहां गंदगी या भारी सामान रखने से मानसिक अशांति, थकावट और बीमारियाँ बढ़ती हैं। इस दिशा को साफ, हल्का और मंदिरयुक्त रखना चाहिए।
8. पानी के स्रोत को सही स्थान पर रखें
घर में पानी का टैंक या बोरिंग उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। गलत दिशा में पानी के स्रोत मानसिक तनाव और रोग का कारण बन सकते हैं। यदि ऐसा हो, तो वास्तु दोष निवारक यंत्र या सलाहकार की मदद लें।
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