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Two-Wheeler Selling: अपना दोपहिया वाहन बेचने से पहले जरूर करें ये पांच काम, नहीं तो हो सकती है समस्या
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 19 Nov 2025 12:58 PM IST
सार
ये पांच सावधानियां आपको धोखाधड़ी, गलत उपयोग और कानूनी दिक्कतों से बचाती हैं, और आपको मानसिक शांति देती हैं।
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स्कूटी-बाइक टिप्स
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
दोपहिया वाहन बेचते समय उसकी पहली झलक ही सबसे ज्यादा असर डालती है। एक साफ-सुथरी, अच्छी तरह मेंटेन की गई बाइक या स्कूटर न सिर्फ खरीदारों को आकर्षित करती है, बल्कि अच्छे दाम मिलने की संभावना भी बढ़ाती है।
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- बाइक को अच्छी तरह धुलवाएं, पॉलिश करें और चमकदार बनाएं।
- छोटी-छोटी खराबियां जैसे ढीले बोल्ट, फटे बल्ब, ब्रेक एडजस्टमेंट आदि ठीक करवा लें।
- अगर संभव हो तो एक बेसिक सर्विस जरूर करवाएं ताकि टेस्ट राइड के दौरान बाइक स्मूद चले।
- यदि बाइक में ब्लूटूथ, एप कनेक्टिविटी या फास्टैग जैसी डिजिटल सुविधाएं हैं, तो हैंडओवर से पहले इन्हें लॉग आउट कर दें।
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सभी जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखें
पेपरवर्क सही होने से खरीदार का भरोसा बढ़ता है और पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है। इसके लिए आपको चाहिए:
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पेपरवर्क सही होने से खरीदार का भरोसा बढ़ता है और पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है। इसके लिए आपको चाहिए:
- आरसी (रिजस्टर सर्टिफिकेट) - यह दर्शाता है कि बाइक आपके नाम है।
- बीमा (इंश्योरेंस) - वैलिड होना जरूरी है और बाद में खरीदार के नाम पर ट्रांसफर करना होता है।
- पीयूसी सर्टिफिकेट - प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र अनिवार्य है।
- सर्विस रिकॉर्ड - इससे बाइक की मेंटेनेंस हिस्ट्री साफ दिखती है।
- एनओसी बैंक से - यदि बाइक लोन पर ली थी, तो यह प्रमाणपत्र जरूरी है।
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सही कीमत तय करें और खरीदार की पहचान पक्की करें
बाइक की सही कीमत जानने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, पुरानी बाइक बेचने वाले शोरूम और मॉडल की वर्तमान मार्केट वैल्यू चेक करें।
खरीदार मिलने के बाद ये करें
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बाइक की सही कीमत जानने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, पुरानी बाइक बेचने वाले शोरूम और मॉडल की वर्तमान मार्केट वैल्यू चेक करें।
खरीदार मिलने के बाद ये करें
- उसकी पहचान-पत्र जैसे आधार, पैन और ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी लें।
- कैश लेने से बचें; ऑनलाइन बैंक ट्रांसफर या डिमांड ड्राफ्ट ही सुरक्षित है।
- जब तक भुगतान आपके खाते में पूरी तरह न आ जाए, चाबियां और बाइक सौंपें नहीं।
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RTO में मालिकाना हक ट्रांसफर जरूर करवाएं
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- यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यदि नाम ट्रांसफर नहीं हुआ, तो बाइक से जुड़ी किसी भी घटना के लिए आप ही जिम्मेदार रहेंगे।
- फॉर्म 28, 29 और 30 भरें।
- खरीदार के साथ आरटीओ जाएं या Parivahan Sewa (परिवहन सेवा) पोर्टल से ऑनलाइन प्रक्रिया करें।
- ध्यान रखें, बीमा भी 15 दिनों के अंदर खरीदार के नाम पर ट्रांसफर किया जाए।
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हैंडओवर का लिखित एग्रीमेंट बनाएं और पुलिस/आरटीओ को सूचित करें
बाइक बेचने के बाद एक लिखित सेल एग्रीमेंट तैयार करें, जिसमें वाहन का नंबर, इंजन नंबर, चेसिस नंबर, बिक्री राशि और तारीख/समय साफ तौर पर लिखा हो। दोनों पक्ष दस्तखत कर लें।
इसके बाद, आरटीओ और लोकल पुलिस स्टेशन को रजिस्टर्ड पोस्ट से बिक्री की जानकारी दे दें। यह कदम आपको भविष्य में किसी भी कानूनी परेशानी से बचाता है।
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बाइक बेचने के बाद एक लिखित सेल एग्रीमेंट तैयार करें, जिसमें वाहन का नंबर, इंजन नंबर, चेसिस नंबर, बिक्री राशि और तारीख/समय साफ तौर पर लिखा हो। दोनों पक्ष दस्तखत कर लें।
इसके बाद, आरटीओ और लोकल पुलिस स्टेशन को रजिस्टर्ड पोस्ट से बिक्री की जानकारी दे दें। यह कदम आपको भविष्य में किसी भी कानूनी परेशानी से बचाता है।
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अगर आप बाइक बेचने से पहले उसे तैयार करें, दस्तावेज जुटाएं, खरीदार की पहचान सत्यापित करें, सुरक्षित पेमेंट लें और RTO में मालिकाना हक़ ट्रांसफर पूरा करें, तो पूरी प्रक्रिया बिना तनाव और बिल्कुल सुरक्षित तरीके से पूरी हो जाएगी। ये पांच सावधानियां आपको धोखाधड़ी, गलत उपयोग और कानूनी दिक्कतों से बचाती हैं, और आपको मानसिक शांति देती हैं।
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