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PLI Auto Scheme: ऑटो योजना का बजट घटाने की तैयारी में एमएचआई, क्यों कम हुआ 800 करोड़ का आवंटन?

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: जागृति Updated Tue, 18 Nov 2025 04:50 PM IST
सार

PLI Auto Scheme: भारी उद्योग मंत्रालय ने FY26 में पीएलआई-ऑटो योजना के लिए बजट घटाने का प्रस्ताव दिया है। यह योजना का दूसरा वर्ष चल रहा है और यह FY29 तक लागू रहेगी।

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MHI preparing reduce budget auto scheme allocation Rs 800 crore reduced
ऑटो योजना के बजट में कटौती की तैयारी में एमएचआई। - फोटो : adobe stock
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विस्तार
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भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) वित्त वर्ष 2025-26 के लिए  के लिए पीएलआई (प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन) ऑटो योजना के बजट में कटौती की तैयारी कर रहा है। पहले यह आवंटन 2800 करोड़ से अधिक था, जिसे अब करीब दो हजार कराेड़ (2030–2050 करोड़ रुपये के बीच) करने की सिफारिश की गई है।

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कंपनियों से उतरने के दावे 

मंत्रालय के अनुसार, इस वित्त वर्ष निर्माता कंपनियों से लगभग दो हजार करोड़ के दावे ही प्राप्त हुए हैं, इसलिए अधिक राशि रोककर रखने की जरूरत नहीं लग रही है। वित्त मंत्रालय से इस पर चर्चा भी जारी है। 

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टाटा मोटर्स और महिंद्रा शीर्ष दावेदार

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, टाटा मोटर्स (पैसेंजर + कमर्शियल) ने एफवाई 26 के लिए लगभग 400 करोड़ का दावा किया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने लगभग 280 करोड़ का दावा किया है। ये दावे पिछले साल की बिक्री के आधार पर किए जाते हैं। 

2021 में शुरू हुई थी योजना

पीएलआई ऑटो योजना 2021 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत में जीरो-एनिशन वाहन (ईवी) और उन्नत ऑटो कंपोनेंट निर्माण को बढ़ावा देना है। यह देश के उभरते ईवी इकोसिस्टम के लिए केंद्र सरकार की सबसे बड़ी प्रोत्साहन आधारित योजना मानी जाती है। 

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FY29 तक जारी रहेगी योजना

गेम-चेंजर मानी जा रही इस योजना का यह दूसरा वर्ष है जब सरकार कंपनियों को प्रोत्साहन राशि वितरित कर रही है। पिछला वित्त वर्ष (FY25) सरकार ने सिर्फ चार कंपनियों को कुल 322 करोड़ रुपये जारी किए थे। जिसमें टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक, टोयोटा किर्लोस्कर शामिल हैं। ऑटो पार्ट्स योजना FY29 तक जारी रहेगी। 

कितना प्रोत्साहन मिलता है? 

योजना के तहत चुनी गई कंपनियों को दो श्रेणियों में रखा गया है- चैपिंयन ओईएम और घटक चैंपियंस स्वीकृत। मॉडल की बिक्री 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक प्रोत्साहन दिया जाता है। इसमें अभी तक 82 चयनित कंपनियों में से सिर्फ 18 कंपनियां ही वास्तविक प्रोत्साहन के लिए पात्र हो पाई हैं। 

कैसे तय होती है प्रोत्साहन राशि?

योजना के अनुसार, किसी भी वित्त वर्ष में प्रोत्साहन पिछले वर्ष की बिक्री वृद्धि पर आधारित होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर वित्तीय वर्ष 20 में बिक्री 100 थी और एफवाई 24 में 200 रुपये हो गई, तो बढ़ी हुई बिक्री 100 रुपये पर 13 से 18 प्रतिशत मिलेगा। एक लाभार्थी अधिकतम 6400 करोड़ (पूरी योजना का 25 प्रतिशत) तक प्रोत्साहन हासिल कर सकता है। 

कंपनियों के लिए सबसे कठिन शर्त है कि कम से कम 50 प्रतिशत लोकलाइजेशन देश में अभी भी कई ईवी कंपोनेंट, खासकर दुर्लभ पृथ्वी चुम्बकों (रेयर अर्थ मैगनेट्स) चीन से आयात किए जाते हैं। चीन के निर्यात नियंत्रण के कारण ऑटो कंपनियों ने सरकार से कई योजनाओं में लोकलाइजेशन छूट की मांग भी की थी।

नीति आयोग में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के पूर्व निदेशक और फोरसी एडवाइजर्स के सीईओ रणधीर सिंह ने बताया कि अब पीएलआई योजना मंजूरी से आगे बढ़कर वास्तविक दावों और वितरण के चरण में है। प्रोत्साहन तभी सार्थक है जब कंपनियां वास्तविक लोकलाइजेशन और उत्पादन बढ़ाएं। पीएलआई प्रोत्साहन से उन्नत मोबिलिटी प्रोजेक्ट्स की आंतरिक लाभ दर में 2-3.5 प्रतिशत तक सुधार होता है, जो इस पूंजी गहन क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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