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FASTag: दिल्ली में कमर्शियल वाहनों के लिए एक ही फास्टैग सिस्टम लागू होगा, एक टैग से होगा पूरा टोल भुगतान

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Mon, 17 Nov 2025 10:57 PM IST
सार

दिल्ली में प्रवेश करने वाले कॉमर्शियल वाहनों को अब दो अलग-अलग टैग FASTag (फास्टैग) और MCD (एमसीडी) के RFID (आरएफआईडी) टैग नहीं रखने पड़ेंगे।

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Delhi plans to Integrate MCD Toll With FASTag for Commercial Vehicles
Fastag - फोटो : Adobe Stock
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दिल्ली में प्रवेश करने वाले कॉमर्शियल वाहनों को अब दो अलग-अलग टैग FASTag (फास्टैग) और MCD (एमसीडी) के RFID (आरएफआईडी) टैग नहीं रखने पड़ेंगे। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अपने टोल कलेक्शन सिस्टम को फास्टैग से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे ड्राइवरों को रिचार्ज और टैग मैनेजमेंट की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। 
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नई टेंडर प्रक्रिया के बाद लागू होगा सिस्टम
अधिकारियों के अनुसार, नया फास्टैग आधारित सिस्टम एक नई कंपनी के चयन के बाद लागू किया जाएगा। यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद किया जा रहा है, जिसमें सभी कॉमर्शियल वाहनों पर पर्यावरण मुआवजा शुल्क (ईसीसी) लागू करने की अनुमति दी गई है।

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पहले क्यों नहीं जुड़ पाया था फास्टैग
पहले एमसीडी के आरएफआईडी सिस्टम को फास्टैग से जोड़ने में दिक्कत इसलिए आ रही थी क्योंकि ईसीसी के नियम अलग थे। खाली ट्रकों पर कम शुल्क लगता था, जबकि फल-सब्जी और जरूरी सामान ढोने वाले वाहनों पर शुल्क नहीं लगता था। फास्टैग सिस्टम इन अलग-अलग नियमों को संभालने में सक्षम नहीं था। अब ईसीसी छूट खत्म हो चुकी है, इसलिए सभी कमर्शियल वाहनों को फास्टैग से जोड़ा जाएगा।

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NHAI से बातचीत जारी
इस बदलाव को लागू करने के लिए एमसीडी और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के बीच बातचीत जारी है। आगामी टोल कलेक्शन टेंडर में फास्टैग आधारित पेमेंट को शामिल किया जाएगा। 

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कारों को नहीं देना पड़ता टोल
फिलहाल निजी कारों पर एमसीडी टोल नहीं लगता, लेकिन कमर्शियल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करते ही टोल चुकाना होता है। 2019 में EPCA की सलाह पर एमसीडी ने 13 प्लाजा पर आरएफआईडी आधारित टोल सिस्टम लगाया था, ताकि नकद भुगतान वाली लंबी कतारों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।

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ANPR कैमरे भी लगाए जाएंगे
एमसीडी टोल वसूली को मजबूत करने और जाम रोकने के लिए 'ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन' (ANPR) (एएनपीआर) कैमरे लगाने की योजना भी बना रहा है। फिलहाल कई वाहन फ्री लेन का गलत इस्तेमाल करते हैं, और कर्मचारियों को उन्हें रोककर टोल वसूलना पड़ता है, जिससे जाम लग जाता है।

एएनपीआर कैमरों के बाद वाहन गुजरते ही नंबर प्लेट स्कैन होगी और टोल राशि सीधे फास्टैग या एमसीडी खाते से कट जाएगी, बिना वाहन रोके।

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