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Electric Bus: दिल्ली की एकमात्र इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बस अब शहर की सड़कों पर नहीं, सिर्फ टूरिस्ट रूट पर चलेगी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 19 Nov 2025 04:49 PM IST
सार
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डीटीसी) ने अपनी एकमात्र इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बस को पर्यटन विभाग को सौंप दिया है। यह बस अब आने वाले महीनों में 'दिल्ली दर्शन' सेवा का हिस्सा बनेगी।
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Electric Bus (For Representation only)
- फोटो : Freepik
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विस्तार
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डीटीसी) ने अपनी एकमात्र इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बस को पर्यटन विभाग को सौंप दिया है। यह बस अब आने वाले महीनों में 'दिल्ली दर्शन' सेवा का हिस्सा बनेगी। हालांकि, इसे शहर के सामान्य रूटों पर नहीं चलाया जाएगा, बल्कि केवल एक तय किए गए पर्यटन मार्ग पर ही इस्तेमाल किया जाएगा।
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DEVI Bus Scheme in Delhi
- फोटो : Amar Ujala
शहर के रूटों पर क्यों नहीं चलेगी बस
डीटीसी अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल इस बस को नियमित रूटों पर चलाना संभव नहीं है। इसका कारण है दिल्ली की कई सड़कों की कम चौड़ाई, ओवरब्रिज और बिजली की तारों की ऊंचाई की सीमाएं और बस का आकार, जो 4.75 मीटर ऊंची और 9.8 मीटर लंबी है। इसमें 63 यात्रियों के बैठने की क्षमता है, जो शहर में चल रही सामान्य DEVi बसों से लगभग तीन गुना है। इन सभी कारणों से इसे फिलहाल शहर में चलाना व्यावहारिक नहीं है।
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डीटीसी अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल इस बस को नियमित रूटों पर चलाना संभव नहीं है। इसका कारण है दिल्ली की कई सड़कों की कम चौड़ाई, ओवरब्रिज और बिजली की तारों की ऊंचाई की सीमाएं और बस का आकार, जो 4.75 मीटर ऊंची और 9.8 मीटर लंबी है। इसमें 63 यात्रियों के बैठने की क्षमता है, जो शहर में चल रही सामान्य DEVi बसों से लगभग तीन गुना है। इन सभी कारणों से इसे फिलहाल शहर में चलाना व्यावहारिक नहीं है।
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रूट की जांच और तैयारी जारी
पर्यटन विभाग फिलहाल इस डबल-डेकर के लिए सुरक्षित रूट चुनने में जुटा है। अधिकारी पेड़ों की ऊंचाई माप रहे हैं, ओवरब्रिज क्लीयरेंस और बिजली के तारों की जांच कर रहे हैं। चूंकि पर्यटन रूट में आंतरिक संकरी सड़कों से बचा जा सकता है, इसलिए यह व्यावहारिक विकल्प माना जा रहा है। इस रूट पर बस रोज एक या दो ही ट्रिप करेगी।
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पर्यटन विभाग फिलहाल इस डबल-डेकर के लिए सुरक्षित रूट चुनने में जुटा है। अधिकारी पेड़ों की ऊंचाई माप रहे हैं, ओवरब्रिज क्लीयरेंस और बिजली के तारों की जांच कर रहे हैं। चूंकि पर्यटन रूट में आंतरिक संकरी सड़कों से बचा जा सकता है, इसलिए यह व्यावहारिक विकल्प माना जा रहा है। इस रूट पर बस रोज एक या दो ही ट्रिप करेगी।
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Electric Bus (For Representation only)
- फोटो : Freepik
बस पर्यटन विभाग को क्यों दी गई
यह डबल-डेकर इलेक्ट्रिक बस एक कंपनी द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत परिवहन विभाग को दी गई थी। लेकिन शहर के नियमित नेटवर्क में इसे चलाना कठिन होने के कारण डीटीसी ने इसे सीधे पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने का फैसला किया। इससे इसकी टेस्टिंग भी आसान होगी।
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यह डबल-डेकर इलेक्ट्रिक बस एक कंपनी द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत परिवहन विभाग को दी गई थी। लेकिन शहर के नियमित नेटवर्क में इसे चलाना कठिन होने के कारण डीटीसी ने इसे सीधे पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने का फैसला किया। इससे इसकी टेस्टिंग भी आसान होगी।
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दिल्ली में डबल-डेकर बसों का इतिहास
डबल-डेकर बसें कभी दिल्ली की सड़कों पर आम दृश्य हुआ करती थीं और इन्हें 'सुविधा' नाम से चलाया जाता था। लेकिन 1989 के बाद इन्हें धीरे-धीरे हटाया गया। 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स और 2022 जी20 समिट से पहले इन्हें वापस लाने की कोशिश की गई, लेकिन रूट की व्यवहार्यता की वजह से यह योजना हर बार ठप पड़ गई।
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डबल-डेकर बसें कभी दिल्ली की सड़कों पर आम दृश्य हुआ करती थीं और इन्हें 'सुविधा' नाम से चलाया जाता था। लेकिन 1989 के बाद इन्हें धीरे-धीरे हटाया गया। 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स और 2022 जी20 समिट से पहले इन्हें वापस लाने की कोशिश की गई, लेकिन रूट की व्यवहार्यता की वजह से यह योजना हर बार ठप पड़ गई।
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DEVI Bus Scheme in Delhi
- फोटो : Amar Ujala
बस चलाने से पहले कई टेस्ट जरूरी
अधिकारियों ने बताया कि वे अभी बैटरी रेंज, ओवरहेड क्लियरेंस, रूट मैपिंग और ड्राइवर ट्रेनिंग जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम कर रहे हैं। चूंकि ड्राइवर सामान्य ऊंचाई वाली बसें चलाने के आदी हैं, इसलिए इस बड़े आकार वाली बस के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत होगी।
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