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New Bill: बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट खोलने पर मात-पिता की सहमति जरूरी, केंद्र के नए बिल में सख्ती
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 03 Jan 2025 11:40 PM IST
सार
New Data Protection Bill: व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 को लेकर नियमों का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस अधिनियम के तहत नए मसौदा नियम जारी किए हैं।
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ऑस्ट्रेलियाई सरकार का नया कानून
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विस्तार
आज के दौर में सोशल मीडिया हर उम्र के लोगों का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई सोशल मीडिया पर एक्टिव है। हालांकि, सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। अब सरकार ने बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को लेकर एक अहम कदम उठाया है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP) के तहत प्रस्तावित नए मसौदा नियमों के अनुसार, 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य होगा।
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डेटा संरक्षण नियमों का लंबे समय से इंतजार
डिजिटल युग में डेटा सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 को लेकर नियमों का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस अधिनियम के तहत नए मसौदा नियम जारी किए हैं। हालांकि, इन नियमों में अभी किसी दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं है। सरकार ने इस मसौदे पर जनता से 18 फरवरी 2025 तक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। इसके बाद, इन पर विचार करके अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
लगेगा 250 करोड़ का जुर्माना
मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस जुर्माने का प्रावधान अधिनियम की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) के तहत किया गया है। सरकार का उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है।
डिजिटल युग में डेटा सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 को लेकर नियमों का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस अधिनियम के तहत नए मसौदा नियम जारी किए हैं। हालांकि, इन नियमों में अभी किसी दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं है। सरकार ने इस मसौदे पर जनता से 18 फरवरी 2025 तक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। इसके बाद, इन पर विचार करके अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
लगेगा 250 करोड़ का जुर्माना
मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस जुर्माने का प्रावधान अधिनियम की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) के तहत किया गया है। सरकार का उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है।
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माता-पिता की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
नए नियम बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को सुरक्षित और नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी और सुरक्षा के साथ करें। माता-पिता की सहमति अनिवार्य करने से बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा में सुधार होगा और यह उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखने में मददगार साबित होगा।
नए नियम बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को सुरक्षित और नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी और सुरक्षा के साथ करें। माता-पिता की सहमति अनिवार्य करने से बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा में सुधार होगा और यह उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखने में मददगार साबित होगा।
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डेटा सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 का उद्देश्य है कि उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखा जाए और इसे किसी भी प्रकार के दुरुपयोग से बचाया जा सके। सरकार इस अधिनियम को प्रभावी बनाकर एक ऐसा डिजिटल माहौल बनाना चाहती है, जहां उपयोगकर्ता बिना किसी डर के डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकें।
सरकार द्वारा प्रस्तावित ये नियम बच्चों और युवाओं की डिजिटल सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक पहल हैं। यह कदम न केवल बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाएगा, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अधिक जिम्मेदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। अब देखना होगा कि 18 फरवरी के बाद इन मसौदा नियमों पर क्या निर्णय लिया जाता है।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 का उद्देश्य है कि उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखा जाए और इसे किसी भी प्रकार के दुरुपयोग से बचाया जा सके। सरकार इस अधिनियम को प्रभावी बनाकर एक ऐसा डिजिटल माहौल बनाना चाहती है, जहां उपयोगकर्ता बिना किसी डर के डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकें।
सरकार द्वारा प्रस्तावित ये नियम बच्चों और युवाओं की डिजिटल सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक पहल हैं। यह कदम न केवल बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाएगा, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अधिक जिम्मेदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। अब देखना होगा कि 18 फरवरी के बाद इन मसौदा नियमों पर क्या निर्णय लिया जाता है।