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US Tariffs: अमेरिका के टैरिफ से भारत के आठ प्रतिशत ऑटो कंपोनेंट उत्पादन पर असर, रिपोर्ट में अंदेशा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 17 Sep 2025 05:41 PM IST
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सार
भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग को अमेरिका के नए टैरिफ का बड़ा झटका लग सकता है। देश के कुल ऑटो कंपोनेंट उत्पादन का करीब 8 प्रतिशत हिस्सा सीधे-सीधे इन टैरिफ से प्रभावित होगा।

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- फोटो : Freepik
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विस्तार
भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग को अमेरिका के नए टैरिफ का बड़ा झटका लग सकता है। रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कुल ऑटो कंपोनेंट उत्पादन का करीब 8 प्रतिशत हिस्सा सीधे-सीधे इन टैरिफ से प्रभावित होगा।
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अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की अहमियत बढ़ी
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्यातक, बाकी एशियाई देशों की तुलना में नुकसान में हैं। ऐसे में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते का होना बेहद जरूरी हो गया है।
ऑटो कंपोनेंट का निर्यात उद्योग की कुल आय का लगभग 30 प्रतिशत योगदान देता है, जिसमें अकेले अमेरिका की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है। यही वजह है कि नए टैरिफ का असर सीधा भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्यातक, बाकी एशियाई देशों की तुलना में नुकसान में हैं। ऐसे में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते का होना बेहद जरूरी हो गया है।
ऑटो कंपोनेंट का निर्यात उद्योग की कुल आय का लगभग 30 प्रतिशत योगदान देता है, जिसमें अकेले अमेरिका की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है। यही वजह है कि नए टैरिफ का असर सीधा भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा।
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भारतीय निर्यातकों पर दबाव
अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। जबकि चीन, जापान, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों पर यह दर सिर्फ 15-30 प्रतिशत है। वहीं, मैक्सिको और कनाडा पर कोई टैरिफ नहीं है क्योंकि वे USMCA (यूनाइटेड स्टेट्स-मेक्सिको-कनाडा-एग्रीमेंट) का हिस्सा हैं। इस वजह से भारतीय निर्यातकों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव और ज्यादा बढ़ गया है।
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अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। जबकि चीन, जापान, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों पर यह दर सिर्फ 15-30 प्रतिशत है। वहीं, मैक्सिको और कनाडा पर कोई टैरिफ नहीं है क्योंकि वे USMCA (यूनाइटेड स्टेट्स-मेक्सिको-कनाडा-एग्रीमेंट) का हिस्सा हैं। इस वजह से भारतीय निर्यातकों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव और ज्यादा बढ़ गया है।
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लगातार बढ़ रहा है अमेरिका को निर्यात
भारत से अमेरिका को ऑटो कंपोनेंट का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। FY2021 में यह 4.1 अरब डॉलर था, जो FY2022 में बढ़कर 6 अरब डॉलर, FY2023 में 6.5 अरब डॉलर और FY2024 में 6.8 अरब डॉलर हो गया। FY2025 में इसके 7.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
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भारत से अमेरिका को ऑटो कंपोनेंट का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। FY2021 में यह 4.1 अरब डॉलर था, जो FY2022 में बढ़कर 6 अरब डॉलर, FY2023 में 6.5 अरब डॉलर और FY2024 में 6.8 अरब डॉलर हो गया। FY2025 में इसके 7.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
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भौगोलिक आधार पर हिस्सेदारी
ICRA के मुताबिक, भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग में निर्यात की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है। घरेलू बिक्री का हिस्सा 56 प्रतिशत है, जबकि रिप्लेसमेंट डिमांड 15 प्रतिशत है।
निर्यात में यूरोप की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत, अमेरिका 27 प्रतिशत, एशिया 26 प्रतिशत, लैटिन अमेरिका 3 प्रतिशत और बाकी क्षेत्रों की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत है।
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ICRA के मुताबिक, भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग में निर्यात की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है। घरेलू बिक्री का हिस्सा 56 प्रतिशत है, जबकि रिप्लेसमेंट डिमांड 15 प्रतिशत है।
निर्यात में यूरोप की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत, अमेरिका 27 प्रतिशत, एशिया 26 प्रतिशत, लैटिन अमेरिका 3 प्रतिशत और बाकी क्षेत्रों की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत है।
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