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NHAI: राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए सख्त किए गए टेंडर नियम, काम की गुणवत्ता होगी बेहतर
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 17 Sep 2025 06:16 PM IST
सार
सरकारी एजेंसी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए टेंडर नियमों को और सख्त कर दिया है।
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National Highway
- फोटो : X/@Nitin_Gadkari
सरकारी एजेंसी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए टेंडर नियमों को और सख्त कर दिया है। इसका मकसद है प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करना, लागत घटाना और काम की गुणवत्ता को बेहतर बनाना।

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- फोटो : X/@Nitin_Gadkari
अब केवल अनुभवी ठेकेदारों को मिलेगी पात्रता
एनएचएआई ने साफ किया है कि अब सिर्फ वही ठेकेदार बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पात्र होंगे जिनके पास वास्तविक हाईवे निर्माण का अनुभव है। कई बार ठेकेदार छोटे-मोटे काम को "मिलता-जुलता कार्य" बताकर बड़े प्रोजेक्ट्स में क्वालिफाई कर जाते थे। लेकिन अब "मिलता-जुलता कार्य" का मतलब केवल ऐसे पूरे हुए प्रोजेक्ट्स से होगा जिनमें सभी बड़े घटक शामिल हों, जैसे असली हाईवे विकास कार्य में जरूरी होते हैं।
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एनएचएआई ने साफ किया है कि अब सिर्फ वही ठेकेदार बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पात्र होंगे जिनके पास वास्तविक हाईवे निर्माण का अनुभव है। कई बार ठेकेदार छोटे-मोटे काम को "मिलता-जुलता कार्य" बताकर बड़े प्रोजेक्ट्स में क्वालिफाई कर जाते थे। लेकिन अब "मिलता-जुलता कार्य" का मतलब केवल ऐसे पूरे हुए प्रोजेक्ट्स से होगा जिनमें सभी बड़े घटक शामिल हों, जैसे असली हाईवे विकास कार्य में जरूरी होते हैं।
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- फोटो : PTI
अनधिकृत कॉन्ट्रैक्टर पर सख्ती
एनएचएआई ने यह भी बताया कि कई बार कंपनियां बिना अनुमति EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) कॉन्ट्रैक्टर को HAM (हाइब्रिड एन्युटी मॉडल) और BOT (बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर) प्रोजेक्ट्स में लगा देती हैं, या फिर EPC प्रोजेक्ट्स में तय सीमा से ज्यादा सब-कॉन्ट्रैक्ट कर देती हैं। अब ऐसे मामलों को अवांछित प्रथा माना जाएगा और इन पर वैसी ही सख्त सजा मिलेगी जैसी धोखाधड़ी पर दी जाती है।
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एनएचएआई ने यह भी बताया कि कई बार कंपनियां बिना अनुमति EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) कॉन्ट्रैक्टर को HAM (हाइब्रिड एन्युटी मॉडल) और BOT (बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर) प्रोजेक्ट्स में लगा देती हैं, या फिर EPC प्रोजेक्ट्स में तय सीमा से ज्यादा सब-कॉन्ट्रैक्ट कर देती हैं। अब ऐसे मामलों को अवांछित प्रथा माना जाएगा और इन पर वैसी ही सख्त सजा मिलेगी जैसी धोखाधड़ी पर दी जाती है।
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- फोटो : X@nitin_gadkari
बोली और सिक्योरिटी में पारदर्शिता
एनएचएआई ने एक और बड़ा बदलाव किया है। अब बोली और परफॉर्मेंस सिक्योरिटी किसी थर्ड पार्टी से ली गई नहीं चलेगी। कुछ बोलीदाताओं ने अब तक ऐसी सिक्योरिटी दी थी, जिससे उनकी जवाबदेही पर सवाल उठते थे। अब सिर्फ बोलीदाता या उनकी स्वीकृत इकाई से जारी सिक्योरिटी ही मान्य होगी।
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- फोटो : X@nitin_gadkari
क्या है मकसद
इन बदलावों से एनएचएआई को उम्मीद है कि हाईवे प्रोजेक्ट्स में अनुशासन, पारदर्शिता और गुणवत्ता बेहतर होगी। साथ ही, प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे और लागत पर भी नियंत्रण रहेगा।
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इन बदलावों से एनएचएआई को उम्मीद है कि हाईवे प्रोजेक्ट्स में अनुशासन, पारदर्शिता और गुणवत्ता बेहतर होगी। साथ ही, प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे और लागत पर भी नियंत्रण रहेगा।
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