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Best Selling Cars: भारत में नई बेस्ट-सेलर सब-4 मीटर नहीं, अब 10 लाख रुपये से सस्ती कारें बन रहीं पहली पसंद
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 20 Nov 2025 05:50 PM IST
सार
जीएसटी दरों में सुधार और मजबूत फेस्टिव सीजन की वजह से सब-10 लाख सेगमेंट यानी 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की मांग कई वर्षों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
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Car Showroom
- फोटो : AI
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विस्तार
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। जीएसटी दरों में सुधार और मजबूत फेस्टिव सीजन की वजह से सब-10 लाख सेगमेंट यानी 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की मांग कई वर्षों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। प्रीमियम वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच भी यह बजट सेगमेंट रिकॉर्ड तोड़ बिक्री कर रहा है।
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टैक्स स्लैब बदले, किफायती कारों की मांग लौटी
छोटी कारों और कॉम्पैक्ट एसयूवी पर जीएसटी को तर्कसंगत किए जाने के बाद उनकी कीमतें प्रभावी रूप से कम हुईं। इससे वे खरीदार, जो महंगी ईएमआई और लगातार बढ़ते दामों से परेशान थे, फिर से बाजार में लौट आए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई रिसर्च के अनुसार, सितंबर-अक्तूबर 2025 में बेची गई 78 प्रतिशत कारें 10 लाख रुपये से नीचे की थीं।
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छोटी कारों और कॉम्पैक्ट एसयूवी पर जीएसटी को तर्कसंगत किए जाने के बाद उनकी कीमतें प्रभावी रूप से कम हुईं। इससे वे खरीदार, जो महंगी ईएमआई और लगातार बढ़ते दामों से परेशान थे, फिर से बाजार में लौट आए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई रिसर्च के अनुसार, सितंबर-अक्तूबर 2025 में बेची गई 78 प्रतिशत कारें 10 लाख रुपये से नीचे की थीं।
- 5-10 लाख रुपये सेगमेंट ने अकेले 64 प्रतिशत बिक्री हासिल की
- 5 लाख रुपये से कम का सेगमेंट 14 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मजबूती से बना रहा
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कार शोरूम
- फोटो : AI
जीएसटी कटौती से शोरूम में बढ़ी भीड़
जीएसटी दरों में कमी से छोटी कारें और कॉम्पैक्ट एसयूवी खरीदारों के लिए और सुलभ हुईं। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्रस (SIAM) (सियाम) के आंकड़ों के अनुसार, सब-4 मीटर कारों और एसयूवी की बिक्री सितंबर 2025 के 1.7 लाख से बढ़कर अक्तूबर में 2.2 लाख यूनिट्स तक पहुंच गईं। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.8-1.9 लाख यूनिट्स था।
स्पष्ट है कि कम टैक्स का सीधा असर उपभोक्ताओं की खरीद पर पड़ा है।
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जीएसटी दरों में कमी से छोटी कारें और कॉम्पैक्ट एसयूवी खरीदारों के लिए और सुलभ हुईं। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्रस (SIAM) (सियाम) के आंकड़ों के अनुसार, सब-4 मीटर कारों और एसयूवी की बिक्री सितंबर 2025 के 1.7 लाख से बढ़कर अक्तूबर में 2.2 लाख यूनिट्स तक पहुंच गईं। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.8-1.9 लाख यूनिट्स था।
स्पष्ट है कि कम टैक्स का सीधा असर उपभोक्ताओं की खरीद पर पड़ा है।
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मारुति सुजुकी को छोटे कार सेगमेंट में सबसे बड़ा लाभ
मारुति सुजुकी, जिसकी पकड़ बजट सेगमेंट में सबसे मजबूत है, ने त्योहारों के दौरान रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। इसने 40 दिनों में 5 लाख बुकिंग और 4.1 लाख रिटेल बिक्री दर्ज की। इनमें से 2.5 लाख यूनिट्स सिर्फ छोटी कारें थीं।
जीएसटी कट से पहले अप्रैल-अक्तूबर के मुकाबले, छोटी कारों का योगदान 16.7 प्रतिशत से बढ़कर 20.5 प्रतिशत हो गया। 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आने वाले मॉडलों की बुकिंग 50 प्रतिशत बढ़ी, जिससे कम टैक्स का सीधा फायदा दिखा।
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मारुति सुजुकी, जिसकी पकड़ बजट सेगमेंट में सबसे मजबूत है, ने त्योहारों के दौरान रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। इसने 40 दिनों में 5 लाख बुकिंग और 4.1 लाख रिटेल बिक्री दर्ज की। इनमें से 2.5 लाख यूनिट्स सिर्फ छोटी कारें थीं।
जीएसटी कट से पहले अप्रैल-अक्तूबर के मुकाबले, छोटी कारों का योगदान 16.7 प्रतिशत से बढ़कर 20.5 प्रतिशत हो गया। 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आने वाले मॉडलों की बुकिंग 50 प्रतिशत बढ़ी, जिससे कम टैक्स का सीधा फायदा दिखा।
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कार शोरुम पर खरीदारों की भीड़
- फोटो : अमर उजाला
ग्रामीण और शहरी- दोनों बाजारों में उछाल
छोटी कारों की बिक्री में पूरे देश में 35 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई। ग्रामीण भारत में बजट कारों की मजबूत मांग बनी रही, जबकि विश्लेषक यह भी बता रहे हैं कि गांवों में अब महंगी कारों की मांग भी बढ़ रही है। यह वही ट्रेंड है जो पहले शहरों में दिखाई देता था।
मेट्रो शहरों में भी:
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छोटी कारों की बिक्री में पूरे देश में 35 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई। ग्रामीण भारत में बजट कारों की मजबूत मांग बनी रही, जबकि विश्लेषक यह भी बता रहे हैं कि गांवों में अब महंगी कारों की मांग भी बढ़ रही है। यह वही ट्रेंड है जो पहले शहरों में दिखाई देता था।
मेट्रो शहरों में भी:
- 15-20 लाख रुपये की कारें 26 प्रतिशत YoY बढ़ीं
- 20 लाख रुपये से ऊपर वाली कारें 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ीं
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प्रीमियम कारों में भी तेज वृद्धि
20 लाख रुपये से ऊपर वाले वाहनों में 40 प्रतिशत से ज्यादा बिक्री वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं 5 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच की कारों ने 15 प्रतिशत-20 प्रतिशत YoY ग्रोथ दिखाई। इसके मुकाबले, छोटी कारों ने फेस्टिव पीरियड में 35 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ दर्ज की। जिसने यह साफ कर दिया कि भारत का असली कार बाजार अब भी किफायती सेगमेंट के इर्द-गिर्द घूमता है।
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20 लाख रुपये से ऊपर वाले वाहनों में 40 प्रतिशत से ज्यादा बिक्री वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं 5 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच की कारों ने 15 प्रतिशत-20 प्रतिशत YoY ग्रोथ दिखाई। इसके मुकाबले, छोटी कारों ने फेस्टिव पीरियड में 35 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ दर्ज की। जिसने यह साफ कर दिया कि भारत का असली कार बाजार अब भी किफायती सेगमेंट के इर्द-गिर्द घूमता है।
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