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Bengaluru Traffic: कर्नाटक सरकार की अनोखी योजना, बंगलूरू ट्रैफिक कम करने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहन
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 20 Nov 2025 06:17 PM IST
सार
बंगलूरू की बढ़ती ट्रैफिक समस्या को कम करने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक अनोखी प्रोत्साहन योजना पेश की है। यह योजना न केवल बंगलूरू के दबाव को कम करेगी, बल्कि कर्नाटक के अन्य शहरों को बड़े टेक केंद्र के रूप में विकसित करने का रास्ता भी बनाएगी।
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Bengaluru Traffic Jam
- फोटो : PTI
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विस्तार
बंगलूरू की बढ़ती ट्रैफिक समस्या को कम करने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक अनोखी प्रोत्साहन योजना पेश की है। इस योजना के तहत कंपनियों को प्रति कर्मचारी अधिकतम 50,000 रुपये तक का एकमुश्त इंसेंटिव दिया जाएगा। इसका उद्देश्य शहर पर बढ़ते बोझ को कम करना और लोगों को वैकल्पिक टेक हब्स की ओर आकर्षित करना है।
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नई आईटी नीति (2025-2030) का हिस्सा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह पहल राज्य की नई आटी पॉलिसी 2025-2030 का हिस्सा है। इस नीति का मकसद बंगलूरू के आसपास उभरते टेक क्लस्टर्स को तेजी से विकसित करना और निवेश को बड़े शहर से बाहर की ओर मोड़ना है।
सरकार ने विस्तार के लिए जिन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें मैसूरू, मंगलूरू, हुब्बली-धारवाड़, कलबुर्गी और शिवमोगा शामिल हैं।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह पहल राज्य की नई आटी पॉलिसी 2025-2030 का हिस्सा है। इस नीति का मकसद बंगलूरू के आसपास उभरते टेक क्लस्टर्स को तेजी से विकसित करना और निवेश को बड़े शहर से बाहर की ओर मोड़ना है।
सरकार ने विस्तार के लिए जिन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें मैसूरू, मंगलूरू, हुब्बली-धारवाड़, कलबुर्गी और शिवमोगा शामिल हैं।
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कौन सी कंपनियां लाभ उठा सकती हैं
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बंगलूरू में बढ़ती आबादी और यातायात के बोझ को कम करना।
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- यह इंसेंटिव खासतौर पर उन कंपनियों को दिया जाएगा जो:
- अपना मौजूदा वर्कफोर्स बंगलूरू से इन टियर-2 शहरों में शिफ्ट करें, या
- राज्य के बाहर से नए कर्मचारियों को नियुक्त कर इन्हीं शहरों में संचालन शुरू करें।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बंगलूरू में बढ़ती आबादी और यातायात के बोझ को कम करना।
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नीति का मूल विचार: निवेश टैलेंट के पीछे नहीं भागेगा
बंगलूरू टेक समिट के दौरान कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियंक खरगे ने कहा कि अब जरूरत ऐसी नीति की है जिसमें टैलेंट को निवेश के पीछे नहीं भागना पड़े। बल्कि निवेश वहां जाए जहां टैलेंट मौजूद है। यह योजना उसी सोच को मजबूत करती है और छोटे शहरों को बड़े टेक हब्स में बदलने का लक्ष्य रखती है।
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बंगलूरू टेक समिट के दौरान कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियंक खरगे ने कहा कि अब जरूरत ऐसी नीति की है जिसमें टैलेंट को निवेश के पीछे नहीं भागना पड़े। बल्कि निवेश वहां जाए जहां टैलेंट मौजूद है। यह योजना उसी सोच को मजबूत करती है और छोटे शहरों को बड़े टेक हब्स में बदलने का लक्ष्य रखती है।
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बंगलूरू की गंभीर ट्रैफिक चुनौती
बंगलूरू में वर्तमान वाहन संख्या 1.2 करोड़ तक पहुंच गई है, जिनमें से 82% दोपहिया वाहन हैं। पार्किंग एक बड़ी समस्या बन चुकी है, जिसे हल करने के लिए सरकार ने:
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बंगलूरू में वर्तमान वाहन संख्या 1.2 करोड़ तक पहुंच गई है, जिनमें से 82% दोपहिया वाहन हैं। पार्किंग एक बड़ी समस्या बन चुकी है, जिसे हल करने के लिए सरकार ने:
- 1,194 किमी लंबी सड़कों को नो-पार्किंग जोन घोषित करने का फैसला किया है
- वैकल्पिक पार्किंग स्थानों की पहचान कर उन्हें टेंडरों के जरिए मैनेज किया जाएगा
- इससे पार्किंग व्यवस्था सुधरेगी और सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा
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