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Bajaj Auto: बजाज ऑटो पर 34.74 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड, स्पेयर पार्ट्स की गलत श्रेणीकरण पर कार्रवाई

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 02 Dec 2025 10:10 PM IST
सार

उत्तराखंड के टैक्स अधिकारियों ने बजाज ऑटो पर 34.74 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड जारी किया है। यह मांग कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए स्पेयर पार्ट्स के कथित गलत क्लासिफिकेशन से जुड़ी है।

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Uttarakhand Tax Dept Slaps Rs 34.74 Crore Demand on Bajaj Auto for Misclassifying Spare Parts
Bajaj Auto - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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बजाज ऑटो ने मंगलवार को बताया कि उसे उत्तराखंड टैक्स अधिकारियों से 34.74 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड मिली है। इसके साथ ही 3.47 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पेनल्टी भी लगाई गई है। यह कार्रवाई कंपनी द्वारा सप्लाई किए जाने वाले स्पेयर पार्ट्स के कथित गलत वर्गीकरण से जुड़ी है। 
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रुद्रपुर के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि बजाज ऑटो एक ऑटोमोबाइल निर्माता है, इसलिए उसके द्वारा सप्लाई किए गए स्पेयर पार्ट्स को 'ऑटो पार्ट्स' की श्रेणी में टैक्स किया जाना चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि ये पार्ट्स वाहन निर्माण में ही उपयोग होते हैं और इन्हें विशेष रूप से कस्टमाइज किया गया है, इसलिए इन पर अलग टैक्स लागू होता है।

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बजाज ऑटो का विरोध
बजाज ऑटो ने टैक्स डिमांड को पूरी तरह खारिज कर दिया है। कंपनी का कहना है कि वह पिछले 30 से अधिक वर्षों से अपने स्पेयर पार्ट्स का वर्गीकरण सही तरीके से कर रही है। कंपनी का तर्क है कि उसका वर्गीकरण 'जनरल रूल्स ऑफ इंटरप्रिटेशन' और संबंधित सेक्शन व चैप्टर नोट्स पर आधारित है। इसके अलावा, एचएसएन एक्सप्लानटरी नोट्स और पूर्व न्यायिक निर्णय भी इसी वर्गीकरण का समर्थन करते हैं। कंपनी के अनुसार, टैक्स डिमांड और पेनल्टी कानूनन वैध नहीं है।

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कंपनी कानूनी लड़ाई लड़ेगी
बजाज ऑटो ने स्पष्ट किया है कि वह इस आदेश को चुनौती देने के लिए उचित कानूनी उपायों का सहारा लेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि इस डिमांड का उसके वित्तीय स्थिति, संचालन या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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