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Bihar News: एम्बुलेंस में मिला मस्जिद के इमाम का शव; आंख का इलाज कराने निकले थे, अस्पताल बंद कर संचालक फरार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरंगाबाद
Published by: अमर उजाला ब्यूरो
Updated Thu, 21 Aug 2025 06:33 AM IST
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सार
Bihar News : औरंगाबाद के रफीगंज के एक आई हॉस्पिटल में आंख का इलाज कराने आए एक मस्जिद के इमाम की मौत हो गई। हद यह कि डॉक्टर ने लाश को गयाजी ले जाकर एक एंबुलेंस में छोड़ दिया।

परिजनों को सांत्वना देने मृतक के घर पहुंचे लोग।
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
औरंगाबाद जिले के एक निजी अस्पताल में आंख का ऑपरेशन कराने आए एक मरीज की मौत हो गई। यह घटना रफीगंज शहर के किया खाप में धावा नदी के पास स्थित एक निजी नेत्र अस्पताल में हुई। मृतक की पहचान रफीगंज थाना क्षेत्र के चरकुप्पा गांव निवासी मोहम्मद शमीम अख्तर (62) के रूप में हुई है। पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

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यह है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, मोहम्मद शमीम अख्तर अपनी आंखों की जाँच कराने के लिए अस्पताल आए थे, जहाँ डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी। डॉक्टर ने मरीज को मंगलवार रात ऑपरेशन कराने की बात कही। इसके बाद मरीज ने अपनी बहू को मोबाइल पर कॉल करके बताया कि रात में ऑपरेशन होगा, इसलिए वह घर नहीं आएँगे।
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अस्पताल से परिजनों को बुलाया गया गयाजी, एम्बुलेंस में मिला शव
कुछ देर बाद अस्पताल से मरीज के परिजनों को फोन आया कि मरीज की हालत गंभीर है और वह गयाजी में हैं। उन्हें सीधे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गयाजी पहुंचने को कहा गया। जब मरीज के परिजन और गांव के लोग वहां पहुंचे, तो एक एम्बुलेंस में लावारिस हालत में मरीज का शव पड़ा हुआ था। वहां कोई भी मौजूद नहीं था। इसके बाद परिजन शव को रफीगंज स्थित अपने गाँव चरकुप्पा ले आए। परिजनों ने बताया कि मृतक का आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, पैसे और मोबाइल, सभी चीजें गायब थीं।
मस्जिद के इमाम थे शमीम
ग्रामीण मानो खां और सिकंदर खान सहित अन्य ने बताया कि मृतक मस्जिद के इमाम थे। वह अच्छी हालत में आंख का इलाज कराने के लिए अस्पताल गए थे। उनकी मौत कहां और कैसे हुई, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। शव मगध मेडिकल कॉलेज, गयाजी के पास एक एम्बुलेंस में मिला था, जिसे यहां लाया गया। समाजसेवी मोहम्मद महफूज आलम ने बताया कि मृतक के तीन बेटे हैं जो बाहर रहकर कमाते हैं। अभी तक परिजनों ने इस मामले में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। परिजन आगे की कार्रवाई के लिए बाहर रह रहे मृतक के बेटों के आने का इंतज़ार कर रहे हैं।
अस्पताल संचालक फरार, फोन नहीं उठा रहा
रफीगंज के निजी अस्पतालों में इस तरह की घटनाएँ आए दिन हो रही हैं, जिससे लोगों की जान जा रही है। इसके बावजूद इन अस्पतालों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ताजा घटना में भी संचालक अस्पताल बंद कर फरार है। उससे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उसका फोन बंद है। इस मामले में पूछे जाने पर रफीगंज थानाध्यक्ष शंभू कुमार ने बताया कि यह मामला पुलिस के संज्ञान में है। पुलिस अपने स्तर पर इसकी जांच कर रही है। परिजनों से अभी कोई शिकायत आवेदन नहीं मिला है। शिकायत मिलने पर उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।