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Bihar News: इंकलाबी नौजवान सभा और आइसा ने निकाला मार्च, वोटर पुनरीक्षण पर जताया विरोध
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीवान
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Mon, 07 Jul 2025 05:11 PM IST
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सार
7 जुलाई को सीवान में इंकलाबी नौजवान सभा और आइसा ने अंबेडकर पार्क से जेपी चौक तक मार्च निकालकर नुक्कड़ सभा की। इस दौरान वक्ताओं ने बिहार में चल रहे वोटर सूची पुनरीक्षण अभियान का विरोध किया।

इंकलाबी नौजवान सभा और आइसा ने निकाला मार्च,
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इंकलाबी नौजवान सभा और आइसा के संयुक्त तत्वावधान में अंबेडकर पार्क, सिवान से जेपी चौक तक एक विरोध मार्च निकाला गया। मार्च के समापन पर जेपी चौक पर एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान का विरोध करते हुए इसे "नागरिकता की जांच" करार दिया गया।
मार्च को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव जयशंकर पंडित ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा मतदाता पुनरीक्षण अभियान दरअसल बिहार के नागरिकों की नागरिकता पर सवाल खड़ा कर रहा है, जो आज़ादी के 75 वर्षों में पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा, “अगर बिहार के तमाम वोटर अवैध हैं, तो 2024 में चुनी गई सरकार भी अवैध है। प्रधानमंत्री मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा चुनाव आयोग से पूछे जाने पर साफ कहा गया कि जो लोग बिहार में नहीं हैं, उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा। जयशंकर पंडित ने इस फैसले को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए तत्काल पुनरीक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
यह भी पढ़ें: चुनाव आयोग के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने खोला मोर्चा, तेजस्वी यादव बोले- विरोध में चक्का जाम करेंगे
आइसा के जिला सचिव प्रिंस पासवान और मजदूर यूनियन के राज्य सचिव अमित गोंड ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री हर महीने बिहार आ रहे हैं, लेकिन जनता अब रैलियों में नहीं जाना चाहती। अधिकारी दबाव बनाकर भीड़ जुटा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता की चिंता में डूबी सरकार दलित, गरीब, किसान, मजदूर और प्रवासी नौजवानों को वोटर लिस्ट से बाहर करना चाहती है।
मार्च का नेतृत्व राज्य कमिटी सदस्य विशाल यादव, सुनील पासवान, अरविंद प्रसाद, पंकज यादव, अनीश कुमार, सुनील यादव, गोलू कुमार, अनीश पंडित, रितेश पंडित समेत कई कार्यकर्ताओं ने किया।
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मार्च को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव जयशंकर पंडित ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा मतदाता पुनरीक्षण अभियान दरअसल बिहार के नागरिकों की नागरिकता पर सवाल खड़ा कर रहा है, जो आज़ादी के 75 वर्षों में पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा, “अगर बिहार के तमाम वोटर अवैध हैं, तो 2024 में चुनी गई सरकार भी अवैध है। प्रधानमंत्री मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
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उन्होंने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा चुनाव आयोग से पूछे जाने पर साफ कहा गया कि जो लोग बिहार में नहीं हैं, उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा। जयशंकर पंडित ने इस फैसले को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए तत्काल पुनरीक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
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आइसा के जिला सचिव प्रिंस पासवान और मजदूर यूनियन के राज्य सचिव अमित गोंड ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री हर महीने बिहार आ रहे हैं, लेकिन जनता अब रैलियों में नहीं जाना चाहती। अधिकारी दबाव बनाकर भीड़ जुटा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता की चिंता में डूबी सरकार दलित, गरीब, किसान, मजदूर और प्रवासी नौजवानों को वोटर लिस्ट से बाहर करना चाहती है।
मार्च का नेतृत्व राज्य कमिटी सदस्य विशाल यादव, सुनील पासवान, अरविंद प्रसाद, पंकज यादव, अनीश कुमार, सुनील यादव, गोलू कुमार, अनीश पंडित, रितेश पंडित समेत कई कार्यकर्ताओं ने किया।