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Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास बाघ के हमले में बुजुर्ग महिला की मौत, इलाके में दहशत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेतिया
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Fri, 12 Sep 2025 09:27 AM IST
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सार
महिला मवेशी चरा रही थीं, तभी जंगल से निकले बाघ ने हमला कर दिया। बाघ ने शव को नोच-फाड़कर घसीट लिया, लेकिन ग्रामीणों की भीड़ जुटने पर वह भाग गया। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

घटनास्थल के बोर्ड।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिहार के बेतिया स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सटे गौनाहा प्रखंड के मटियारिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सोनबरसा गांव में बुधवार की शाम बाघ के हमले में एक 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान सोनबरसा निवासी खेलावन महतो की पत्नी उमछी देवी के रूप में हुई है।

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परिजनों ने बताया कि उमछी देवी शाम करीब साढ़े चार बजे गांव से उत्तर बोटाहवा सेमर के पास द्वारदह नदी किनारे मवेशी चरा रही थीं। तभी अचानक पास के जंगल से निकलकर बाघ ने उन पर हमला बोल दिया। हमले में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। बाघ ने उनका शरीर नोच-फाड़ दिया और शव को घसीटकर खाने लगा। ग्रामीणों के अनुसार घटना स्थल से मृतका के फटे कपड़े और एक पैर ही बरामद हुआ है। ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी। भीड़ जुटने पर बाघ शव को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
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घटना स्थल सोनबरसा गांव से करीब 500 मीटर की दूरी पर और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे इलाके में है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। रेंजर सत्यम कुमार ने बताया कि सूचना पर वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। विभागीय स्तर पर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में बाघ की गतिविधि बढ़ गई है। मवेशियों पर हमले के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। लेकिन इस बार बाघ ने सीधे इंसान को अपना शिकार बनाया, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि बाघ की लगातार बढ़ती आवाजाही पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की जान और मवेशियों की सुरक्षा हो सके।वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और बिहार सरकार की नीति के तहत, बाघ के हमले में मौत होने पर पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती है। आमतौर पर ऐसे मामलों में मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। वन विभाग की टीम पीड़ित परिवार को इसका लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।