Bihar: उत्तर बिहार को मिलेगी बेहतर बिजली सेवा, जल्द बनेंगे 68 नए पावर सबस्टेशन बनेंगे; जानें सबकुछ
Bihar: जिला प्रशासन द्वारा सभी 68 पावर सबस्टेशनों के लिए भूमि का आवंटन कर दिया गया है। NBPDCL के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने सभी अधीक्षण अभियंताओं और कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया है कि वे सीमांकन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ कराएं।


विस्तार
उत्तर बिहार में अब उपभोक्ताओं को अधिक भरोसेमंद और सशक्त बिजली सेवा मिलने वाली है। उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) ने 68 नए पावर सबस्टेशनों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने यह फैसला बिजली की बढ़ती मांग, औद्योगिक विस्तार, कृषि कार्यों की बढ़ती जरूरतों और घरेलू उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है। इस परियोजना से न सिर्फ बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि सेवा भी अधिक संतुलित और स्थिर हो सकेगी।
तेजी से बढ़ रही है बिजली की मांग
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान NBPDCL ने 7.5 लाख से अधिक नए बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। इनमें 1.25 लाख वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को जोड़ा गया है, जबकि लगभग 9,000 नए औद्योगिक कनेक्शन भी दिए गए हैं। इससे यह साफ है कि उत्तर बिहार में न केवल घरेलू, बल्कि व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों की भी रफ्तार तेज हो रही है।
कृषि क्षेत्र को मिली प्राथमिकता
कृषि को ध्यान में रखते हुए NBPDCL ने इस वर्ष 77,000 से अधिक नए कृषि कनेक्शन जारी किए हैं। किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार की "मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना" के अंतर्गत निःशुल्क कनेक्शन, 92 प्रतिशत तक अनुदानित दर पर बिजली, और कृषि कार्यों के लिए अलग डेडिकेटेड फीडर की व्यवस्था की जा रही है। यह पहल किसानों को सस्ती और समय पर बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
दो चरणों में स्वीकृत हुए सबस्टेशन
इन 68 पावर सबस्टेशनों में से 30 सबस्टेशन भारत सरकार की RDSS (Revamped Distribution Sector Scheme) योजना के तहत स्वीकृत किए गए हैं। इनकी कुल अनुमानित लागत 353 करोड़ थी, लेकिन कार्य 347 करोड़ में स्वीकृत हुआ है, जो निविदा राशि से 1.5 प्रतिशत कम है। वहीं, शेष 38 सबस्टेशन राज्य सरकार की योजना के तहत मंजूर हुए हैं। इनकी लागत 417 करोड़ थी, जबकि स्वीकृति 410 करोड़ में मिली, जिससे यहां भी 1.5 प्रतिशत की बचत हुई है। इससे यह स्पष्ट है कि परियोजना के क्रियान्वयन में वित्तीय अनुशासन का विशेष ध्यान रखा गया है।
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बिजली सेवा में होगा बड़ा सुधार
इन सबस्टेशनों के बनने से ट्रिपिंग की घटनाएं घटेंगी, लोड का संतुलन बेहतर होगा और दूरदराज के ग्रामीण इलाकों, कृषि इकाइयों, दुकानों, बाजारों और फैक्ट्रियों तक बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से पहुंचेगी। इससे प्रदेश के ऊर्जा ढांचे में मजबूती आएगी और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी
जिला प्रशासन द्वारा सभी 68 पावर सबस्टेशनों के लिए भूमि का आवंटन कर दिया गया है। NBPDCL के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने सभी अधीक्षण अभियंताओं और कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया है कि वे सीमांकन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ कराएं।
NBPDCL का वादा ह-र उपभोक्ता को बेहतर बिजली सेवा
NBPDCL का उद्देश्य उत्तर बिहार के हर उपभोक्ता तक गुणवत्तापूर्ण, स्थिर और भरोसेमंद बिजली सेवा पहुंचाना है। 68 नए पावर सबस्टेशनों की यह परियोजना सिर्फ एक तकनीकी विकास नहीं, बल्कि राज्य के किसानों, उद्योगपतियों, व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने वाली योजना है। इससे उत्तर बिहार की ऊर्जा ज़रूरतों को लंबे समय तक पूरा किया जा सकेगा।