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Bihar: 'हल्का के अंदर कर्मचारियों का पदस्थापन उनके कार्य के आधार पर करें सीओ'...बैठक में बोले मंत्री सरावगी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: शबाहत हुसैन Updated Thu, 08 May 2025 07:02 PM IST
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सार

Bihar: गौरतलब है कि अधिवेशन भवन में आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री संजय सरावगी के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव जय सिंह, विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह समेत कई विभागीय और क्षेत्रीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

Bihar: 'CO should post employees within the area on the basis of their work'...Minister said in the meeting
मंत्री संजय सरावगी - फोटो : फाइल फोटो
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बिहार सरकार हमेशा जनता के हित में काम कर रही है लिहाजा पदाधिकारियों और कर्मचारियों को भी संवेदनशील होकर संजीदगी से काम करना होगा। किसी काम के लिए अंचल कार्यालय आने वाले आम लोगों को अधिकारी या पदाधिकारी परेशान नहीं करें। आम लोगों के कार्यों को निपटाने में किसी तरह की कोताही नहीं बरतें। ऐसा करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। हमलोग अंचलाधिकारियों की पोस्टिंग भी उनके काम के आधार पर करने वाले हैं। साथ ही अंचलाधिकारी भी राजस्व कर्मचारियों की हल्का में पोस्टिंग उनके कार्य के आधार पर करना सुनिश्चित करें।’’ ये बातें राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने गुरुवार को पुराना सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में आयोजित भूमि सुधार उपसमाहर्त्ताओं और अंचलाधिकारियों की दो दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान कही। 
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‘आम नागरिकों की दफ्तरों में भीड़ जायज नहीं’
विभागीय मंत्री ने स्पष्ट तौर से कहा कि विभाग के सभी काम ऑनलाइन होने के बावजूद आम नागरिकों का दफ्तरों में भीड़ जायज नहीं है लिहाजा लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता के काम को गंभीरता से पूरा करने पर जोर दिया और कहा कि बड़ी उम्मीद के साथ लोग दूरदराज के गांवों से आते हैं लिहाजा उनकी समस्याओं का त्वरित निपटारा होना चाहिए। उनकी समस्याओं के प्रति पदाधिकारियों और कर्मियों को संवेदनशीलता दिखानी होगी ताकि उन्हें राहत मिल सके। 
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विभागीय मंत्री ने बिंदुवार की समीक्षा
इस समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने ऑनलाइन म्यूटेशन के साथ-साथ जमाबंदी और परिमार्जन की समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने डिफेक्ट चेक स्टेटस, म्यूटेशन केस डिस्पोजल, रिजेक्शन ऑफ म्यूटेशन केस की स्थिति को लेकर गहनता से मंथन किया और अधिकारियों और पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने समय सीमा के अंदर जल्द से जल्द सारे काम पूरा करने का आदेश दिया। 

बैठक में दाखिल-खारिज के अस्वीकृत करने के मामले में कुछ अंचलों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया गया। पश्चिम चंपारण के चनपटिया, अररिया के पलासी, मधुबनी के बाबूबरही, पूर्वी चंपारण के मधुबन, हाजीपुर, कुढ़नी की प्रगति की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया गया। इस मुद्दे पर विभागीय मंत्री संजय सरावगी ने स्पष्ट कहा कि बगैर सुनवाई के रिजेक्शन बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

निर्धारित समयसीमा बीतने के बाद भी दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की समीक्षा की गई। इस दौरान मुजफ्फरपुर के मुसहरी, अररिया के रानीगंज, पूर्णिया ईस्ट सदर, अरररिया के फारबिसगंज, सीतामढ़ी के डुमरा अंचल की प्रगति रिपोर्ट पर विभागीय मंत्री ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों पर गंभीरता से काम करना होगा, तभी प्रदेशवासियों को राहत मिल सकेगी। 

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वहीं, ‘परिमार्जन प्लस पोर्टल पर जमाबंदी के डिजिटाइजेशन के मामले की समीक्षा में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए। पूर्णिया ईस्ट के साथ-साथ कटिहार के कुर्सेला, समस्तीपुर के रोसड़ा, वैशाली के भगवानपुर, पश्चिम चंपारण के जोगापट्टी और पिपरासी, मधुबनी के बासोपट्टी की प्रगति रिपोर्ट पर अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने असंतोष व्यक्त किया और तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा कि इतने मामले पेंडिंग रखेंगे तो जनता का भला कैसे होगा? इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  

समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और विभागीय सचिव जय सिंह ने विभिन्न अंचलों के कार्य निष्पादन की गहन समीक्षा की। बैठक में प्रदर्शन के आधार पर अधिकारियों और पदाधिकारियों को स्पष्ट संकेत दिया गया कि जहां भी शिथिलता या लापरवाही पायी जा रही है, वहां कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

कमजोर प्रदर्शन वाले अंचलों पर सख्ती
अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिन अंचलों का कार्य निष्पादन संतोषजनक नहीं है, वहां के अधिकारियों को चेताया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य सुधार के लिए कई व्यावहारिक उपाय उपलब्ध हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। 

सभी अपर समाहर्त्ताओं को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के अंचलाधिकारियों की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कार्यों में जनहित को प्राथमिकता देने की हिदायत दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दें और निर्णयों में संवेदनशीलता रखें।

इसके साथ ही दाखिल-खारिज मामलों में अनावश्यक रिजेक्शन की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे मामलों की निष्पक्ष जांच करें। साथ ही रिजेक्शन की दर में कमी लाने पर जोर दिया गया ताकि आम जनता को अनावश्यक परेशानी न हो।

विभागीय सचिव जय सिंह ने कहा कि किसी भी दाखिल-खारिज केस को रिजेक्ट करने से पहले संबंधित व्यक्ति से मिलना और उनकी बात सुनना अनिवार्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाने और गलत निर्णयों से बचाव में सहायक होगी। सचिव ने यह भी रेखांकित किया कि जिन अंचलों या जिलों में निष्पादन का स्तर न्यूनतम है, वहां सुधारात्मक उपाय अपनाए जाएं ताकि सभी क्षेत्रों में कार्य की गुणवत्ता एक समान हो। विभाग अब रिवर्ट केस जैसे मामलों पर गंभीरता से नजर रखेगा। 
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