Bihar Land : सरकारी जमीन का म्यूटेशन भू-माफिया के नाम; दाखिल-खारिज का खेल करने वाले CO निलंबित
Bihar News : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री और राज्य के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के तेवर आंदोलन की धमकी से हल्के नहीं पड़े हैं। आज एक सीओ को निलंबित करने का आदेश आया है। आरोप सरकारी जमीन का भू-माफिया को म्यूटेशन करने का है।
विस्तार
मुजफ्फरपुर जिले के कांटी अंचल अंतर्गत राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र की 44 डिसमिल सरकारी कृषि भूमि को निजी व्यक्ति के नाम दाखिल–खारिज किए जाने का मामला गंभीर प्रशासनिक चूक के रूप में सामने आया है। इस पूरे प्रकरण में विभागीय जांच के बाद तत्कालीन अंचलाधिकारी, कांटी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि मामला वर्तमान में पटना हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा है कि सरकारी भूमि के साथ किसी भी प्रकार का खेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में यह प्रमाणित होता है कि नियमों की अनदेखी या न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर सरकारी भूमि को निजी नाम पर दर्ज किया गया है, तो जिम्मेदार पदाधिकारियों और लाभार्थियों के विरुद्ध कठोर कानूनी व विभागीय कार्रवाई की जाएगी। सरकार की नीति इस मामले में शून्य सहनशीलता की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वत्व वाद संख्या 303/2018 (नवीन कुमार बनाम राज्य सरकार) में दिसंबर 2023 में पारित आदेश के आलोक में अंचलाधिकारी, कांटी द्वारा राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र के नाम दर्ज कुल 6 एकड़ भूमि में से 44 डिसमिल जमीन का दाखिल–खारिज निजी व्यक्ति के पक्ष में कर दिया गया। जबकि नियमों के तहत इस मामले में पहले विधिक मंतव्य प्राप्त कर सक्षम न्यायालय में अपील दायर करना अनिवार्य था।
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मामले को गंभीर मानते हुए अपर समाहर्ता, मुजफ्फरपुर से जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से पाया गया कि अंचलाधिकारी ने विभागीय प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कृषि विभाग की सरकारी भूमि का दाखिल–खारिज निजी व्यक्ति के पक्ष में किया। इसके आधार पर जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की, जिसके बाद अंचलाधिकारी को निलंबित कर दिया गया।
इधर, स्वत्व वाद में सब जज, मुजफ्फरपुर के आदेश के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में अपील दायर करने की प्रक्रिया तेज की गई। पत्रांक 2626 दिनांक 02 सितंबर 2025 के माध्यम से कृषि विभाग से पत्राचार कर अपील के आधार तैयार किए गए। महाधिवक्ता के विधिक मंतव्य के बाद जिला कृषि पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर ने प्रथम अपील वाद संख्या 195/2025 हाईकोर्ट में दायर की है, जो वर्तमान में विचाराधीन है।
प्रशासनिक हलकों में इस पूरे प्रकरण को सरकारी कृषि भूमि के संरक्षण से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील मामला माना जा रहा है, जिस पर आगे की न्यायिक प्रक्रिया और विभागीय कार्रवाई को लेकर नजरें टिकी हुई हैं।