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Republic Day Parade: कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी ने मन मोह लिया; इसे वोट करने के लिए यह खबर पढ़ें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: आदित्य आनंद Updated Sun, 26 Jan 2025 02:31 PM IST
सार

बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपनी गणतंत्र दिवस की झांकी के पोस्टर साझा करते हुए कहा था कि वह आठ साल बाद औपचारिक परेड में हिस्सा ले रही है। 

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Republic Day Parade: Tableau of Bihar on the path of duty, Lord Buddha, Nalanda Mahavihar, Emperor Ashoka,
बिहार की झांकी। - फोटो : सोशल मीडिया।
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विस्तार
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76वें गणतंत्र दिवस परेड में इस बार बिहार झांकी ने सबका मन मोह लिया। इस बार की झांकी में बोधि वृक्ष और प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के माध्यम से उस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया, जिसे सदियों से 'बुद्ध की भूमि' और प्राचीन ज्ञान के रूप में जाना जाता है। इस झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें उनकी अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में दिख रही है। इस अलौकिक मूर्ति को देखने के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों लोग आते हैं। वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है। झांकी के अग्र भाग में बोधिवृक्ष इस बात का संदेश दे रही है कि इसी धरती से ज्ञान का प्रकाश सम्पूर्ण विश्व में फैला है।

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बिहार की झांकी को ऐसे करें वोटिंग 
 सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बिहार की झांकी को वोटिंग करने की अपील की है। वोटिंग का समय 26 जनवरी की सुबह से 27 जनवरी की शाम 7 बजे तक है। वोट करने के लिए सबसे पहले http://MyGov.in पर जाना है। इसके होम पर जाकर पोल एवं सर्वे पर क्लिक करना है। इसके बाद गणतंत्र दिवस-2025 पर अपनी पसंदीदा झांकी के लिए वोट करना है। बिहार झांकी के लिए वोट करने के लिए MYGOVPOLL 357037,9 लिखकर 7738299899 पर भेज सकते हैं। 
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'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' के केंद्रीय विषय के अनुरूप, रंगीन झांकी प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के साथ प्रमुख तत्व के रूप में उभरी। इसके खंडहरों के आसपास बौद्ध भिक्षुओं को बैठे हुए चित्रित किया गया है। झांकी के सामने एक इंस्टॉलेशन है जिसमें ध्यानमग्न धर्मचक्र मुद्रा में बैठे भगवान बुद्ध की मूर्ति को दर्शाया गया है, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक है। मूल प्रतिमा राज्य के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल राजगीर के घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा पहले साझा की गई झांकी के विवरण के अनुसार, "बिहार राज्य की झांकी ज्ञान और शांति की अपनी समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करती है। प्राचीन काल से, बिहार ज्ञान, मोक्ष और शांति की भूमि रही है।" इसमें कहा गया है कि झांकी में बोधगया में पवित्र बोधि वृक्ष का चित्रण भी दिखाया गया है, जिसके नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था और सम्राट कुमारगुप्त द्वारा 427 ईस्वी में स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन खंडहर भी दिखाए गए थे। दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय, नालंदा, 800 से अधिक वर्षों तक ज्ञान का केंद्र रहा, जो प्राचीन चीन, कोरिया, जापान, तिब्बत और उससे आगे के विद्वानों को आकर्षित करता था।

झांकी के साइड पैनल पर भित्तिचित्रों में मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त के मार्गदर्शक चाणक्य के योगदान और प्राचीन वैदिक सभाओं के दृश्यों को दर्शाया गया है, जो लोकतांत्रिक शासन और न्यायिक प्रणालियों को दर्शाते हैं।  एक अन्य भित्तिचित्र में 'गुरु-शिष्य' परंपरा और आर्यभट्ट के गणित में योगदान पर प्रकाश डाला गया है, विवरण पढ़ता है। एक एलईडी स्क्रीन ने नवनिर्मित नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के परिसर को प्रदर्शित किया, जो आधुनिक स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप, इसके कार्बन-तटस्थ और नेट-शून्य परिसर डिजाइन को प्रदर्शित करता है।  

बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपनी गणतंत्र दिवस की झांकी के पोस्टर साझा करते हुए कहा था कि वह आठ साल बाद औपचारिक परेड में हिस्सा ले रही है। बिहार एट रेपब्लिक डे जहां से सभ्यता ने सुबह की पहली किरण ली, जहां लोकतंत्र ने अपनी पहली सांस ली बिहार! नालंदा की दीवारों से लेकर बोधि वृक्ष की छाया तक, बिहार ने हमेशा दुनिया को रास्ता दिखाया है।

इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास
बिहार राज्य की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया । झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया । भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में अवस्थित है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है।

प्राचीन नालन्दा महाविहार (विश्वविद्यालय) था ज्ञान का केंद्र 
झांकी में प्राचीन नालन्दा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया, जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहाँ ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे। नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं। इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्द्धन भारतीय सांस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से नालन्दा का प्राचीन गौरव पुर्नस्थापित हो रहा है। झांकी में बिहार की प्राचीन एवं संमृद्ध विरासत को भित्ति चित्रों के माध्यम से भी उकेरा गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया नवनिर्मित नालन्दा विश्वविद्यालय का लोकार्पण
प्राचीन नालन्दा को ज्ञान केन्द्र के रूप में पुर्नस्थापित करने की दृष्टि से राजगीर में ही अन्तर्राष्ट्रीय नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। नवनिर्मित नालन्दा विश्वविद्यालय का लोकार्पण मुख्यमंत्री बिहार की उपस्थिति में भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक-19 जून 2024 को किया गया।

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