Viral: हंसते ही सिर फटने जैसा होता था दर्द, 14 साल बाद खुला महिला की बीमारी का चौंकाने वाला राज
Viral: एक महिला की ऐसी अनोखी बीमारी सामने आई है, जिसे सुनकर आप सचमुच हैरान रह जाएंगे। करीब 14 साल तक गलत या अधूरा इलाज मिलने के बाद जब उन्हें ठीक से ट्रीटमेंट मिला, तब पता चला कि उनका दिमाग खोपड़ी से बाहर की ओर खिसक रहा था।
विस्तार
यह कहानी बताती है कि कैसे कुछ बार हमारे शरीर में दिखने वाले छोटे-छोटे संकेत असल में बड़ी समस्या की तरफ इशारा कर रहे होते हैं, लेकिन हम उन्हें थकान, कमजोरी या नॉर्मल परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार डॉक्टर भी इन शुरुआती लक्षणों को पकड़ नहीं पाते और मरीज वर्षों तक परेशान होता रहता है। दक्षिणी कैरोलिना की 26 साल की शिक्षिका शेल्ली गुनोन के साथ भी ऐसा ही हुआ। करीब 14 साल की उलझनों, दर्द और कंफ्यूजन के बाद उन्हें पता चला कि वह चियारी मैलफॉर्मेशन नाम की स्थिति से जूझ रही थीं। इस बीमारी में दिमाग का निचला हिस्सा नीचे की ओर सरक कर रीढ़ की हड्डी के पास दबाव बनाने लगता है। शेल्ली कहती हैं कि कई बार उन्हें ऐसा महसूस होता था मानो उनका दिमाग खोपड़ी से बाहर निकल रहा हो। तो आइए विस्तार से जानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह घटना
बचपन से ही उनके शरीर में अजीब तरह की प्रतिक्रियाएं दिखती थीं। जब वह हंसती थीं तो अचानक तेज सिर दर्द उठ जाता था। उंगलियों और बाजुओं में झुनझुनी होती थी। कभी मतली, कभी गर्मी बिलकुल सहन न होना, कभी नजर धुंधली पड़ जाना। ऐसे लक्षण वर्षों तक चलते रहे। एक बार गर्मी और चक्कर के कारण स्कूल में उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि वह खड़ी तक नहीं रह पाईं। मंगेतर को उन्हें लेने आना पड़ा। इस घटना के बाद उन्हें न्यूरोलॉजिस्ट के पास भेजा गया और MRI में पता चला कि उनके दिमाग में चार मिलीमीटर का चियारी मैलफॉर्मेशन है।
पैदा होते ही हुई ऐसी दिक्कत
पहले डॉक्टरों को लगा कि स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है और अभी सर्जरी की जरूरत नहीं है। लेकिन धीरे-धीरे हालात और बिगड़ते गए। खड़ा होना, झुकना, यहां तक कि सामान्य गतिविधियां भी उनके लिए मुश्किल बनती गईं। एक न्यूरोलॉजिस्ट ने बाद में बताया कि उनके लक्षण स्यूडो ट्यूमर सेरेब्री जैसी स्थिति से मिलते-जुलते हैं। इसमें खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ जाता है। डॉक्टरों का यह भी मानना है कि शेल्ली की परेशानी की जड़ें शायद जन्म से ही जुड़ी हों।
नॉर्मल से ज्यादा बड़ा था सिर
शेल्ली का जन्म इमरजेंसी सी-सेक्शन से हुआ था। वह उलटी पोजीशन में थीं और उनका सिर उनकी मां की पसलियों के पास अटक गया था। जन्म के समय उन्होंने काफी मात्रा में एमनियोटिक फ्लूड निगल लिया था। छह महीने की उम्र में वह बेहद चिड़चिड़ी रहती थीं। उन्हें सिर्फ गोद में रहने से ही आराम मिलता था। उनके सिर का आकार भी नॉर्मल से थोड़ा बड़ा था, लेकिन उस वक्त डॉक्टरों ने इसे कोई गंभीर मुद्दा नहीं माना। साल 2009 में उन्हें लगातार माइग्रेन रहने लगे। जांच में हल्का हाइड्रोसेफलस मिला, यानी दिमाग में तरल पदार्थ जमा हो रहा था। दवाओं से थोड़ी राहत मिली, लेकिन बेहोशी, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण कभी पूरी तरह खत्म नहीं हुए। डॉक्टर इसे वजन या लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या मानकर टालते रहे।