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विज्ञान: जटिल, जोखिम भरी और रोमांचक होती है अंतरिक्ष से धरती पर वापसी; हर चीज की बारीकी से होती है निगरानी
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: शिव शुक्ला
Updated Tue, 15 Jul 2025 06:35 AM IST
सार
आईएसएस से वापसी के लिए समय और स्थान का निर्धारण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पृथ्वी के वायुमंडलीय हालात, संभावित लैंडिंग स्थलों का मौसम और सौर गतिविधि जैसे कई पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। मिशन कंट्रोल यानी संबंधित एजेंसियां जैसे नासा, रोसकोस्मोस, यूरोपीय स्पेस एजेंसी या अन्य अंतिम निर्णय लेता है।
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अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया तकनीकी रूप से जटिल और जोखिम भरी होने के साथ ही रोमांचक भी होती है। नासा और स्पेस एक्स के अनुसार यह वापसी एक अत्यंत सटीक, चरणबद्ध और नियंत्रित प्रणाली के तहत होती है। इसमें वायुमंडलीय घर्षण, गति, गुरुत्वाकर्षण और ताप नियंत्रण जैसे कई कारकों की बारीकी से निगरानी की जाती है। आईएसएस से पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है।
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आखिरी 10 मिनट सबसे महत्वपूर्ण
नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और वर्तमान मिशन डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट कैबाना कहते हैं, पृथ्वी पर लौटना एक नियंत्रित दुर्घटना की तरह है। हर मिशन का आखिरी 10 मिनट ही सबसे कठिन होता है। अंतरिक्ष में जाना जितना कठिन है, लौटना उससे भी अधिक जोखिमपूर्ण और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है। लेकिन वर्षों की इंजीनियरिंग विशेषज्ञता, परीक्षणों और आपातकालीन योजना ने इस प्रक्रिया को आज एक रूटीन ऑपरेशन बना दिया है फिर भी हर वापसी एक नया परीक्षण होती है।
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फ्लाइट प्लान और मौसम अनुकूलन
आईएसएस से वापसी के लिए समय और स्थान का निर्धारण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पृथ्वी के वायुमंडलीय हालात, संभावित लैंडिंग स्थलों का मौसम और सौर गतिविधि जैसे कई पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। मिशन कंट्रोल यानी संबंधित एजेंसियां जैसे नासा, रोसकोस्मोस, यूरोपीय स्पेस एजेंसी या अन्य अंतिम निर्णय लेता है।
अनडॉकिंग
अंतरिक्ष यात्री सोयूज या स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन जैसे अंतरिक्ष यान में सवार होकर स्टेशन से अलग होते हैं। यह प्रक्रिया स्वचालित या मैनुअल हो सकती है। आईएसएस के साथ डॉकिंग पोर्ट को अलग किया जाता है और यान स्टेशन से धीरे-धीरे दूर हो जाता है।
डी-ऑर्बिट बर्न
यह एक निर्णायक चरण है जब अंतरिक्ष यान अपने इंजन को चालू कर अपनी कक्षा को पृथ्वी की ओर झुकाता है। यह बर्न गति को कम करता है ताकि यान पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश कर सके। यह समय और कोण अत्यंत सटीक होना चाहिए।
पैराशूट और सॉफ्ट लैंडिंग
पृथ्वी की सतह के करीब पहुंचने पर एक मल्टी-स्टेज पैराशूट सिस्टम सक्रिय होता है। पहले छोटे ड्रग पैराशूट, फिर मेन पैराशूट। सोयूज जैसे यानों में अंतिम क्षणों में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए रेट्रो-रॉकेट्स भी दागे जाते हैं। स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन महासागर में स्प्लैशडाउन करता है, जबकि सोयूज आमतौर पर कजाकिस्तान के स्टेप क्षेत्र में उतरता है।
वायुमंडलीय पुनः प्रवेश
जैसे ही यान पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में प्रवेश करता है, घर्षण के कारण उसका बाहरी हिस्सा लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो जाता है। इस चरण में यान ब्लंट बॉडी एरोडायनामिक डिजाइन के कारण स्थिर रहता है। ब्लंट बॉडी एरोडायनामिक डिजाइन में अंतरिक्ष यान का आगे का हिस्सा गोल और चपटा (ब्लंट) बनाया जाता है, न कि नुकीला। यह डिजाइन गर्मी को यान के चारों ओर एक शॉक वेव के रूप में फैलाता है, जिससे अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रहते हैं।