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जमीन पर जेट, 30 फीसदी गिरे कंपनी के शेयर

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: ‌डिंपल अलवधी Updated Thu, 18 Apr 2019 01:53 PM IST
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jet airways: shares of Jet Airways dropped by 30 percent
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चार महीने तक संकट से जूझने के बाद जेट एयरवेज की उड़ानें बुधवार से बंद हो गईं। विमानन कंपनी जेट एयरवेज के शेयर गुरुवार को बाजार खुलते ही क्रैश कर गए। कंपनी के शेयर में 30 फीसदी की गिरावट आ गई है। 

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इतने गिरे जेट के शेयर

गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में जेट एयरवेज का शेयर 217.70 रुपये पर खुला। वहीं नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में जेट का शेयर 216.45 रुपये पर खुला था। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन सेंसेक्स में जेट के शेयर में 26.73 फीसदी यानी 64.65 रुपये की गिरावट हुई। वहीं निफ्टी में 26.17 फीसदी यानी 62.95 फीसदी की गिरावट हुई। 

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241.85 रुपये पर बंद हुआ था जेट का शेयर

मंगलवार को सेंसेक्स में जेट का शेयर 241.85 रुपये पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में जेट का शेयर 240.05 रुपये पर बंद हुआ था। 

इतनी बिके जेट के शेयर

बता दें कि अब तक जेट के 2.08 लाख शेयर यानी करीब 33 फीसदी शेयर खरीदे गए हैं और निवेशकों ने 4.26 लाख शेयर यानी करीब 61 फीसदी शेयर बेचे हैं। वहीं छह फीसदी शेयर में लोगों द्वारा कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 2,022.03 करोड़ रुपये हो गया है।  

jet airways: shares of Jet Airways dropped by 30 percent

अमृतसर से थी जेट की आखिरी उड़ान

आखिरी उड़ान अमृतसर से रात 10.30 बजे मुंबई के लिए थी। जेट ने कहा है कि उड़ानें अस्थायी तौर बंद की गई हैं। अब उड़ानें कब शुरू होंगी, यह नीलामी पर निर्भर है। विमान में यात्रा कर रहे बहुत से लोगों को इसका अंदाजा नहीं था कि यह जेट एयरवेज की अंतिम फ्लाइट थी। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्होंने अपने हवाई सफर की शुरुआत ही जेट एयरवेज से की थी। वहीं कुछ यात्रियों ने कहा कि वो अमूमन इंडियन एयरलांइस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जेट एयरवेज में अच्छी सुविधाओं को लेकर यात्रा करना उन्हें पसंद है। 

मुश्किल में जेट के कर्मचारी

एक महिला यात्री ने जेट के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अपनी चिंताएं जताई। उन्होंने कहा कि, 'देश के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। इससे बेरोजगारी ही बढ़ेगी। किसी अन्य एयरलाइंस को इतनी बड़ी संख्या में जेट के कर्मचारियों को नियुक्त करना आसान नहीं होगा।'

कंपनी के सामने नहीं बचा कोई विकल्प

दरअसल 25 साल पुरानी एयरलाइन कंपनी पर आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और बैंकों ने 400 करोड़ रुपये का इमर्जेंसी फंड देने से इनकार कर दिया। इसके बाद कंपनी के सामने 'शटरडाउन' के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा।

चार महीनों में डूबी कंपनी

जेट एयरवेज के पास दिसंबर 2018 तक 124 विमान थे। इस साल जनवरी से जेट का संकट गहराने लगा था। महज चार महीने में विमानों की संख्या घटकर पांच रह गई।

नीलामी के बाद ही दोबारा उड़ानें संभव होंगी 

अब जेट का भविष्य नीलामी पर निर्भर है। बैंकों ने जेट के 75 फीसदी शेयरों के लिए बोली मंगवाई है। शुरुआती बोली में 4 कंपनियों ने भाग लिया है। इन्हें 10 मई तक अंतिम बोली लगानी है। 

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