सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Billion dollars fraud Claim machine intelligence circular financing algorithem Nvidia Microsoft news updates

अरबों का फर्जीवाड़ा: दावा- एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल, जानिए पूरा मामला

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला। Published by: ज्योति भास्कर Updated Fri, 21 Nov 2025 08:34 AM IST
सार

एक रिपोर्ट में मशीन इंटेलिजेंस से अरबों के फर्जीवाड़े को पकड़ने का दावा किया गया है। इस मामले से एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई जैसी दिग्गज कंपनियों के नाम जुड़े हैं। दावा किया जा रहा है कि 610 बिलियन अमेरिकी डॉलर की ये धोखाधड़ी एआई पॉन्जी स्कीम है और शेयर बाजार में अरबों का घपला हुआ है। जानिए क्या है पूरा मामला

विज्ञापन
Billion dollars fraud Claim machine intelligence circular financing algorithem Nvidia Microsoft news updates
एनवीडिया से जुड़ी बड़ी धोखाधड़ी के पर्दाफाश का दावा - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बीते कुछ हफ्ते से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दुनिया में एनवीडिया की बढ़ती धाक चर्चा में है। शेयर बाजार में भी इस कंपनी को लेकर उत्साह दिखा जिसके फलस्वरूप निवेशकों ने मुनाफे की आस में लाखों-करोड़ों रुपये लगाए। हालांकि, अब एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। इसके मुताबिक ये एक पॉन्जी स्कीम है, जिसका भंडाफोड़ मशीन इंटेलिजेंस की मदद से हुआ है। अमेरिकी शोध में इसका खुलासा किए जाने का दावा सामने आया है।
Trending Videos

विज्ञापन
विज्ञापन


धोखाधड़ी से जुड़े हैं दुनियाभर की बड़ी कंपनियों के नाम
एक रिपोर्ट के मुताबिक 610 बिलियन डॉलर की इस धोखाधड़ी से एनवीडिया के अलावा ओपनएआई, माइक्रोसॉफ्ट और ऑरेकल जैसी बड़ी कंपनियों के नाम जुड़े हैं। शनाका एंस्लेम परेरा नाम के शख्स ने अपने वेरिफायड एक्स हैंडल पर विस्तार से इस वित्तीय धोखाधड़ी का ब्योरा पेश किया है।

परेरा ने लिखा, 610 बिलियन डॉलर (करीब 54 लाख करोड़ रुपये) की एआई पॉन्जी स्कीम अचानक ढह गई। कल रात चार बजे (अमेरिकी समय) एनवीडिया के शेयरों में असामान्य असामान्य गतिविधि देखी गई। कंपनी के शेयर पांच फीसदी बढ़े, लेकिन 18 घंटे के भीतर ही नकारात्मक में चले गए। वॉल स्ट्रीट के एल्गोरिदम ने वह देख लिया, जो इंसानों की नजरों से बच गया- आंकड़े मेल नहीं खा रहे थे। जांच में सामने आया कि एनवीडिया के 33.4 बिलियन बकाया बिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में 89 फीसदी ज्यादा हैं। जिन ग्राहकों ने चिप खरीदी हैं, उन्होंने अभी तक भुगतान नहीं किया। भुगतान में औसत समय 46 दिन से बढ़कर 53 दिन हो गया है। यह अतिरिक्त सप्ताह 10.4 बिलियन डॉलर का नुकसान दिखाता है, जो शायद ही कभी मिलें। इसी बीच, एनवीडिया ने 19.8 बिलियन डॉलर के चिप स्टॉक किए। यह स्टॉक तीन महीनों में 32 फीसदी बढ़ गया। प्रबंधन का दावा है कि मांग बहुत ज्यादा है और आपूर्ति सीमित है। दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। या तो ग्राहक चिप नहीं खरीद रहे हैं या बिना नकद के खरीद रहे हैं।

उन्होंने लिखा, कंपनी की नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) असली कहानी बताती है। एनवीडिया ने 14.5 बिलियन डॉलर नकद कमाए, लेकिन उसने रिपोर्ट में 19.3 बिलियन डॉलर मुनाफा दिखाया। अंतर 4.8 बिलियन डॉलर का है। टीएसएमसी और एएमडी जैसी स्वस्थ चिप कंपनियां 95 फीसदी से अधिक मुनाफा नकद में बदल देती हैं, जबकि एनवीडिया केवल 75 फीसदी बदलती है। यह चिंता का संकेत है। परेरा ने लिखा,  यहां मामला आपराधिक हो जाता है। एनवीडिया ने एक्सएआई को दो बिलियन डॉलर दिए। एक्सएआई ने 12.5 बिलियन डॉलर उधार लेकर एनवीडिया की चिप खरीदी। माइक्रोसॉफ्ट ने ओपनएआई को 13 बिलियन डॉलर दिए। ओपनएआई ने माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड के लिए 50 बिलियन डॉलर खर्च करने का वादा किया। माइक्रोसॉफ्ट ने उस क्लाउड के लिए एनवीडिया से 100 बिलियन डॉलर के चिप ऑर्डर किए। ऑरेकल ने ओपनएआई को 300 बिलियन डॉलर क्लाउड क्रेडिट दिए। ओपनएआई ने ओरेकल डाटा केंद्र के लिए एनवीडिया की चिप ऑर्डर की। वही पैसे अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से घूमते हैं और कई बार राजस्व के रूप में गिने जाते हैं। एनवीडिया बिक्री दिखाती है, लेकिन वास्तव में कोई भुगतान नहीं करता। बिल लंबित रहते हैं, स्टॉक बढ़ता रहता है और नकद नहीं आता। 

उन्होंने कहा, एआई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने खुद यह स्वीकार किया। एयरबीएनबी के सीईओ ने इसे 'वाइब रेवन्यू' (यानी वह कमाई जो दिखती है, लेकिन नकद में नहीं होती) कहा। ओपनएआई 9.3 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष खर्च करता है, लेकिन 3.7 बिलियन डॉलर कमाता है। यह 5.6 बिलियन डॉलर का वार्षिक नुकसान है। ओपनएआई का 157 बिलियन डॉलर का मूल्यांकन भविष्य के 3.1 ट्रिलियन डॉलर के मुनाफे पर आधारित है। लेकिन एमआईटी रिसर्च के अनुसार, 95 फीसदी एआई  कभी इतना मुनाफा नहीं कमाएंगे। पीटर थील ने नौ नवंबर को एनवीडिया के 100 मिलियन डॉलर के शेयर बेच दिए। सॉफ्टबैंक ने 11 नवंबर को 5.8 बिलियन डॉलर के शेयर बेचे। माइकल बरी ने एनवीडिया के शेयरों के गिरने पर निवेश किया। उन्होंने शेयर 140 डॉलर तक गिरने पर मार्च 2026 तक लाभ कमाने की रणनीति अपनाई। बिटकॉइन एआई से जुड़ी निवेश अटकलों के कारण चर्चा में है। अक्तूबर में इसकी कीमत 126,000 डॉलर थी, लेकिन अब गिरकर 9,8567 हो गई है। यह 29 फीसदी की गिरावट है। एआई स्टार्टअप्स 26.8 बिलियन डॉलर बिटकॉइन को ऋण के लिए गिरवी के रूप में रखते हैं। जब एनवीडिया और 40 फीदी गिरेगा, तो ये ऋण डिफॉल्ट होंगे, जिससे 23 बिलियन डॉलर बिटकॉइन बिक्री होगी और क्रिप्टो 52,000 डॉलर तक गिर सकता है। टाइमलाइन स्पष्ट है। फरवरी 2026 में एनवीडिया चौथी तिमाही की रिपोर्ट देगा और बताएगा कि कितने बिल 60 दिन से पुराने हैं। मार्च 2026 में ऋण एजेंसियां डाउनग्रेड करेंगी। अप्रैल 2026 में पहली रिपोर्ट को फिर से तैयार किया जाएगा। 18 महीने में तैयार हुआ यह वित्तीय घोटाला 90 दिनों में उजागर हो जाएगा। एनवीडिया के शेयर का उचित मूल्य 71 डॉलर है। वर्तमान कीमत 186 डॉलर है। गणित बहुत सरल है। यह इतिहास की सबसे तेज वित्तीय धोखाधड़ी है, क्योंकि एल्गोरिदम ने इसे तुरंत पकड़ लिया। जबकि इंसान अभी भी लगभग 90 दिन पीछे हैं।

सर्कुलर फाइनांस स्कीम के कारण निवेशकों को बड़ा नुकसान!
इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि एआई इंडस्ट्री से जुड़ी है इस सर्कुलर फाइनांस स्कीम के कारण कैसे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है। अमर उजाला की इस खबर में अरबों की धोखाधड़ी के दावे की सच्चाई की पड़ताल की गई है। शेयर बाजार से जुड़े फ्रॉड और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर अहम सवालों के जवाब भी जानिए
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed