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नेपाल : दिशाहीन सरकार होने का आरोप, जेन-जी ने की कार्की को हटाने की मांग
अमर उजाला ब्यूरो
Published by: लव गौर
Updated Fri, 21 Nov 2025 04:51 AM IST
सार
जेन-जी आंदोलन की अपेक्षाओं को पूरा न कर पाने का आरोप लगाते हुए 23 समूहों ने पीएम सुशीला कार्की सरकार हटाने की मांग की है।
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जेन-जेड प्रदर्शनकारियों पर पानी की तेज धार छोड़ती नेपाल पुलिस। एजेंसी
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
जेन-जी आंदोलन की अपेक्षाओं को पूरा न कर पाने का आरोप लगाते हुए 23 समूहों ने पीएम सुशीला कार्की सरकार हटाने की मांग की है। समूहों ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि कार्की सरकार 8-9 सितंबर के विद्रोह से मिले जनादेश के अनुसार काम करने में नाकाम रही है।
ज्ञापन के अनुसार, मौजूदा सरकार की ओर से पांच मुख्य मागों में से किसी को भी पूरा न किया जाना अस्वीकार्य है। इन मागों में बड़े भ्रष्टाचार प्रकरणों में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई, प्रत्यक्ष निर्वाचित प्रधानमंत्री के लिए संविधान संशोधन, विद्रोह के दौरान हुए नरसंहार के जिम्मेदारों पर कार्रवाई, घायलों का उपचार और शहीद परिवारों को क्षतिपूर्ति व भरण-पोषण शामिल हैं। उसने कहा, विद्रोह की नींव पर बनी सरकार ने विद्रोहियों की न्यूनतम अपेक्षाएं भी पूरा नहीं कीं।
बारा में फिर बढ़ा तनाव, कर्फ्यू, 10 घायल
नेपाल के बारा जिले में बृहस्पतिवार उस समय फिर से तनाव पैदा हो गया, जब जेन जेड के युवाओं से अपदस्थ पीएम केपी शर्मा ओली की पार्टी के सदस्यों संग हुई झड़प में 10 घायल हो गए। इसके बाद अधिकारियों को भारतीय सीमा से लगे नेपाल के बारा जिले में हालात काबू करने को फिर से कर्फ्यू लगाना पड़ा। प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़े और उन पर पथराव किया। छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। जेन-जेड के चार प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। एक अलग घटना में, जेन जेड ने सिमारा बाजार में पुलिस चौकी को फूंक दिया।
मधेश प्रदेश के सभामुख रामचन्द्र मंडल पदमुक्त
नेपाल के मधेश प्रदेश के सभामुख रामचन्द्र मंडल पद से हटाए गए हैं। बुधवार को हुई प्रदेश सभा की बैठक में उनके खिलाफ पद के अनुरूप आचरण न करने संबंधी प्रस्ताव दो तिहाई मतों से पारित हुआ। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) से प्रदेश सभा (प्रोविंशियल असेंबली) के स्पीकर बने मंडल को मुख्यमंत्री की नियुक्ति पर हुए सियासी विवाद के बाद प्रोविंशियल असेंबली के समीकरण बदलने के बाद पद से हटा दिया गया है।
ये भी पढ़ें: US G20 Boycott: दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के बयान पर अमेरिका का सख्त रुख, व्हाइट हाउस बोला- दावा पूरी तरह झूठा
यह पहली घटना है जिसमें प्रोविंशियल असेंबली के दो तिहाई सदस्यों ने उन्हें प्रदेश की स्थापना के बाद पद की गरिमा बनाए रखने में नाकाम रहने के कारण पद से हटा दिया है। प्रस्ताव के पक्ष में 76 प्रदेश सभा सदस्यों ने मतदान किया, जबकि विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा। सभामुख मंडल बैठक में अनुपस्थित थे। सभा में कुल 104 सदस्य हैं।
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ज्ञापन के अनुसार, मौजूदा सरकार की ओर से पांच मुख्य मागों में से किसी को भी पूरा न किया जाना अस्वीकार्य है। इन मागों में बड़े भ्रष्टाचार प्रकरणों में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई, प्रत्यक्ष निर्वाचित प्रधानमंत्री के लिए संविधान संशोधन, विद्रोह के दौरान हुए नरसंहार के जिम्मेदारों पर कार्रवाई, घायलों का उपचार और शहीद परिवारों को क्षतिपूर्ति व भरण-पोषण शामिल हैं। उसने कहा, विद्रोह की नींव पर बनी सरकार ने विद्रोहियों की न्यूनतम अपेक्षाएं भी पूरा नहीं कीं।
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बारा में फिर बढ़ा तनाव, कर्फ्यू, 10 घायल
नेपाल के बारा जिले में बृहस्पतिवार उस समय फिर से तनाव पैदा हो गया, जब जेन जेड के युवाओं से अपदस्थ पीएम केपी शर्मा ओली की पार्टी के सदस्यों संग हुई झड़प में 10 घायल हो गए। इसके बाद अधिकारियों को भारतीय सीमा से लगे नेपाल के बारा जिले में हालात काबू करने को फिर से कर्फ्यू लगाना पड़ा। प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़े और उन पर पथराव किया। छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। जेन-जेड के चार प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। एक अलग घटना में, जेन जेड ने सिमारा बाजार में पुलिस चौकी को फूंक दिया।
मधेश प्रदेश के सभामुख रामचन्द्र मंडल पदमुक्त
नेपाल के मधेश प्रदेश के सभामुख रामचन्द्र मंडल पद से हटाए गए हैं। बुधवार को हुई प्रदेश सभा की बैठक में उनके खिलाफ पद के अनुरूप आचरण न करने संबंधी प्रस्ताव दो तिहाई मतों से पारित हुआ। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) से प्रदेश सभा (प्रोविंशियल असेंबली) के स्पीकर बने मंडल को मुख्यमंत्री की नियुक्ति पर हुए सियासी विवाद के बाद प्रोविंशियल असेंबली के समीकरण बदलने के बाद पद से हटा दिया गया है।
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यह पहली घटना है जिसमें प्रोविंशियल असेंबली के दो तिहाई सदस्यों ने उन्हें प्रदेश की स्थापना के बाद पद की गरिमा बनाए रखने में नाकाम रहने के कारण पद से हटा दिया है। प्रस्ताव के पक्ष में 76 प्रदेश सभा सदस्यों ने मतदान किया, जबकि विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा। सभामुख मंडल बैठक में अनुपस्थित थे। सभा में कुल 104 सदस्य हैं।