Real Estate: जुलाई से सितंबर के बीच रियल एस्टेट सेक्टर में बुकिंग तेज, पर नई परियोजनाओं की रफ्तार धीमी
नुवामा रिसर्च की के अनुसार जुलाई से सितंबर के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर ने मजबूत बुकिंग दर्ज की है। शीर्ष 23 सूचीबद्ध डेवलपर्स की प्री-सेल्स वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 31 प्रतिशत बढ़कर लगभग 4.05 लाख करोड़ रुपये हो गई।
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भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने जुलाई-सितंबर तिमाही में मजबूत बुकिंग दर्ज की है। वहीं नई परियोजना की शुरुआत में तेजी से गिरावट आई है। नुवामा रिसर्च की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
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शीर्ष 23 सूचीबद्ध डेवलपर्स की प्री-सेल्स वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 31 प्रतिशत बढ़कर लगभग 4.05 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह प्रमुख बाजारों में निरंतर मांग और अच्छी खरीदारी के कारण संभव हुई। यह वृद्धि शीर्ष 15 डेवलपर्स के बीच लॉन्च वॉल्यूम में 61 प्रतिशत (सालाना) की भारी गिरावट के बावजूद हुई।
डेवलपर्स की आक्रामक लॉन्चिंग है अहम कारक
रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले तिमाही की मजबूती के पीछे बड़े डेवलपर्स की आक्रामक लॉन्चिंग अहम कारक रही। रिपोर्ट के मुताबिक डीएलएफ के मुंबई में पहले प्रोजेक्ट, गोदरेज प्रॉपर्टीज की नई पेशकशों और प्रेस्टिज एस्टेट्स के मजबूत प्रदर्शन ने कुल बिक्री में बड़ा योगदान दिया। हालांकि इन दिग्गज कंपनियों को छोड़ दें तो बाकी शीर्ष-20 डेवलपर्स की बिक्री सिर्फ 3% बढ़ी, जिससे साफ है कि मांग अभी भी चुनिंदा प्रोजेक्ट्स में केंद्रित है।
डेवलपर्स दूसरी छमाही में लॉन्च बढ़ाने को लेकर आश्वस्त
नुवामा रिसर्च का कहना है कि डेवलपर्स दूसरी छमाही में लॉन्च बढ़ाने को लेकर आश्वस्त हैं, और अधिकांश बड़ी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2026 में प्री-सेल्स में 18 से 20% ग्रोथ का लक्ष्य रखा है। देशभर में प्री-सेल्स में लिस्टेड कंपनियों की हिस्सेदारी 16% पर कायम रही, जो बाजार में जारी कंसोलिडेशन को दर्शाती है।
डेवलपर्स ने सामर्थ्य संबंधी चिंताओं पर दिया जोर
वॉल्यूम भी मजबूत रहे। शीर्ष 20 डेवलपर्स की बिक्री मात्रा 18% बढ़ी। डेवलपर्स ने सामर्थ्य संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए दामों में तेज बढ़ोतरी से परहेज किया, जिसके चलते औसत कीमतें सालाना आधार पर सिर्फ 4% बढ़ीं। वहीं तिमाही आधार पर 17% गिरावट दर्ज हुई क्योंकि कंपनियों ने वॉल्यूम बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया।