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Stamp Duty : स्टांप-पंजीकरण शुल्क से 948 अरब रुपये की कमाई, यूपी दूसरे स्थान पर

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: योगेश साहू Updated Tue, 22 Nov 2022 05:33 AM IST
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सार

देश के आठ प्रमुख शहरों में इस साल के पहले नौ महीने यानी जनवरी-सितंबर में मकानों की कीमतें करीब 5 फीसदी बढ़ी गईं। लागत में बढ़ोतरी और मकानों की मजबूत मांग से कीमतों में इजाफा हुआ है।

UttarPradesh Ranks 2nd In Stamp Duty: Rs 948 billion earned from stamp registration fee, UP ranks second
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : iStock
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आवासीय संपत्तियों की बिक्री में उछाल की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में राजस्व संग्रह 35 फीसदी बढ़कर 948.47 अरब रुपये पहुंच गया। 2021-22 की अप्रैल-सितंबर में देश के 27 राज्यों और एक केंद्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर को स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में 701.20 अरब रुपये की कमाई हुई थी। '

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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 की पहली छमाही में महाराष्ट्र को स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में सबसे ज्यादा 186 अरब रुपये की कमाई हुई है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 113 अरब रुपये से 65 फीसदी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश इस मामले में 123.94 अरब रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है। यह 2021-22 की समान अवधि के 93 अरब रुपये से 33 फीसदी ज्यादा है। 
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11 राज्यों में 40% वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान 11 राज्यों की स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में कमाई 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है।

ये राज्य हैं
महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, केरल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय और मिजोरम। मिजोरम के राजस्व में सर्वाधिक 104 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। 

महाराष्ट्र और यूपी के अलावा सर्वाधिक संग्रह वाले राज्य
राज्य कमाई तेजी
तमिलनाडु 86.62 39 फीसदी
कर्नाटक 82.29 39 फीसदी
तेलंगाना 72.12 48 फीसदी
गुजरात 62.76 31 फीसदी
हरियाणा 43.28 23 फीसदी
आंध्र प्रदेश 41.39 22 फीसदी
मध्यप्रदेश 40.62 17 फीसदी
राजस्थान 40.38 42 फीसदी
(कमाई : अरब रुपये में)

  • बिहार अकेला राज्य है, जिसके संग्रह में 73 फीसदी की गिरावट रही। 
  • इसकी कमाई 23 अरब रुपये से घटकर 6.21 अरब रुपये रह गई।

अगले साल प्रभावित होगा रियल एस्टेट उद्योग
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने कहा कि आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में पिछले 18-24 महीने में शानदार प्रदर्शन किया है। हालांकि, आने वाली तिमाहियों में क्षेत्र को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। 2023 में रियल्टी उद्योग कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है। 

आठ प्रमुख शहरों में मकानों के दाम पांच फीसदी बढ़े
देश के आठ प्रमुख शहरों में इस साल के पहले नौ महीने यानी जनवरी-सितंबर में मकानों की कीमतें करीब 5 फीसदी बढ़ी गईं। लागत में बढ़ोतरी और मकानों की मजबूत मांग से कीमतों में इजाफा हुआ है। संपत्ति ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर डॉटकॉम के मुताबिक, सितंबर तिमाही तक इन शहरों के प्राथमिक बाजारों में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमत 6,600-6,800 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। 2021 की दिसंबर तिमाही तक यह 6,300-6,500 रुपये प्रति वर्ग फुट थी।
  • दिल्ली-एनसीआर में कीमतें 5 फीसदी बढ़कर 4,700-4,900 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गईं। अहमदाबाद में दाम 5 फीसदी बढ़कर 3,600-3,800 रुपये, बंगलूरू में 6% बढ़कर 5,900-6,100 रुपये और चेन्नई में 2% वृद्धि के साथ 5,500-5,700 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गए। 
  • हैदराबाद में कीमतें 4 फीसदी, कोलकाता में 3%, महाराष्ट्र के शीर्ष दो बाजारों मुंबई एवं पुणे में क्रमशः 3% और 7% बढ़ी हैं। 
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