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Bill Gates: 'कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए भारत को 'ए' ग्रेड', बिल गेट्स ने की प्रशंसा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 17 Sep 2024 11:01 AM IST
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सार
Bill Gates: बिल गेट्स ने कहा कि भारत किसी भी अन्य सरकार की तुलना में कुपोषण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह सार्वजनिक भोजन प्रणाली और मध्याह्न भोजन प्रणाली का उपयोग फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए कर रहा है।

बिल गेट्स फाइल फोटो
- फोटो : www.instagram.com/thisisbillgates
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विस्तार
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक, अरबपति व परोपकारी बिल गेट्स ने कुपोषण की समस्या के समाधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत को "ए" ग्रेड दिया है। गेट्स ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, "भारत यह मानता है कि पोषण संबंधी कुछ संकेतक उसकी अपेक्षा से कमजोर हैं। इस तरह की स्पष्टता और इस पर ध्यान केंद्रित करना, मुझे लगता है कि बहुत प्रभावशाली है।"

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बिल गेट्स ने कहा कि भारत किसी भी अन्य सरकार की तुलना में इस मुद्दे (कुपोषण) पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह सार्वजनिक भोजन प्रणाली और मध्याह्न भोजन प्रणाली का उपयोग फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए कर रहा है, लेकिन यह अब भी एक बड़ी समस्या है।" उन्होंने कहा, "मैं इस समस्या पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत को ए ग्रेड दूंगा।"
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गेट्स फाउंडेशन की गोलकीपर रिपोर्ट 2024 के लोकार्पण के अवसर पर एक प्रश्न के उत्तर में गेट्स ने कहा: "मुझे लगता है कि यह शायद शिक्षा के लिए खुद को बी रेटिंग देगा, लेकिन वास्तव में इसका इरादा इससे भी बेहतर करने का है।" वार्षिक रिपोर्ट सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के आधार पर प्रगति को ट्रैक करती है। गेट्स ने कहा कि कुपोषण की समझ के मामले में बहुत सुधार हुआ है, उन्होंने कहा कि गेट्स फाउंडेशन वहां सबसे बड़ा वित्तपोषक है।
उन्होंने कहा, "इसका एक हिस्सा मनुष्य शरी के आंत की जटिल प्रणाली को समझना है, इसमें बहुत सारे बैक्टीरिया शामिल होते हैं। इसे माइक्रोबायोम कहा जाता है। अगर विटामिन या प्रोटीन की कमी हो, तो कुछ बच्चों की आंत में सूजन आ जाती है, इसलिए वे जो खाना खा रहे हैं उसे अवशोषित नहीं कर पाते हैं और उनका विकास नहीं हो पाता है।" उन्होंने कहा कि कुपोषण की एक त्रासदी यह है कि कम उम्र में कुपोषण के कारण एक बच्चा अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं के मामले में कितना कुछ खो देता है। उन्होंने कहा, "हमारे पास इसका बहुत अच्छा माप नहीं है। पर हम इसमें बेहतर हो रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करने या इसे कम करने से दो बड़े लाभ होते हैं। गेट्स ने कहा, "पहला यह कि अच्छी तरह से पोषित बच्चे के मरने की संभावना बहुत कम होती है, बल्कि यह दोगुनी कम होती है क्योंकि उन्हें अपने शुरुआती वर्षों में डायरिया या निमोनिया जैसी विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ता है; लेकिन दूसरी बात, जो बिल्कुल बड़ी है, वह यह है कि उन शुरुआती वर्षों में, अगर बच्चे कुपोषित हैं, उनमें कमियां हैं, तो आप ठीक नहीं हो सकते।"
उन्होंने कहा, "यदि कम उम्र में आपके मस्तिष्क का पूर्ण विकास नहीं हुआ है या बड़े होने पर आपकी पूरी लंबाई और ताकत का विकास नहीं हुआ है, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पर्याप्त खाते हैं या नहीं, आपकी लंबाई में अतिरिक्त इंच नहीं बढ़ते, ताकत नहीं बढ़ती, या आपके मस्तिष्क का विकास नहीं होता।" उन्होंने इसे जीवन भर की कमी बताया। गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष और बोर्ड सदस्य ने कहा, "भारत एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां अगर हम कुपोषण को कम कर सकें, तो यह सचमुच सार्थक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।"
एक सवाल के जवाब में गेट्स ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, "यह वह जगह है जहाँ प्रोबायोटिक जैसे नए तरीकों पर हम परीक्षण कर रहे हैं।" गेट्स ने कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत में बहुत कुछ सीखा जाएगा, जिससे विश्व स्तर पर अन्य कार्यक्रमों के लिए जानकारी मिलेगी। गेट्स ने कहा कि यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि भारत में घरेलू स्तर पर ज्यादा से ज्यादा परोपकारी लोग आ रहे हैं, जिनमें प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं।