हवा और पानी में चलेगा बीएसएनएल का इंटरनेट, सरकार से मिला लाइसेंस
सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल का इंटरनेट अब हवा और पानी में भी चलेगा। कंपनी को दूरसंचार मंत्रालय से इसके लिए लाइसेंस मिल गया है। कंपनी अपनी विदेशी पार्टनर इनमारसैट के जरिए लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराएगी।
भारतीय हवाई कंपनियां कर सकेंगी प्रयोग
बीएसएनएल के इंटरनेट का प्रयोग वो सभी एयरलाइंस कर सकेगी, जो भारत में परिचालन करती हैं या फिर भारतीय हवाई सीमा से उड़ते हुए विदेश में जाती हैं। कंपनियां बीएसएनएल के केए बैंड, स्विफ्ट ब्रॉडबैंड और फ्लीट ब्रॉडबैंड सेवा ले सकेंगी। यह सेवा भारतीय समुद्री सीमा में परिचालन कर रहे पानी के जहाजों पर भी लागू होंगे।
इस साल के अंत तक शुरू होगी सेवा
इनमारसैट और बीएसएनएल इस साल के अंत तक अपनी सेवाओं को शुरू कर देंगे। इसके लिए कंपनी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने का काम शुरू करने जा रही है।
यात्रियों को मिलेगा ऑन बोर्ड वाईफाई
अभी तक भारत में यात्रियों को विमान में सफर के दौरान वाईफाई की सुविधा नहीं मिलती है। फिलहाल लुफ्थांसा, कतर एयरवेज और स्पाइसजेट ने अपने विमानों में वाईफाई की सुविधा देने का एलान किया है। इस शुरुआत के बाद यात्री इंटरनेट के जरिए वीडियो देख सकेंगे और अपने जरूरी काम कर सकेंगे।
चार कंपनियों ने किया था आवेदन
चार कंपनियों ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवाएं मुहैया कराने के लिए दूरसंचार विभाग में आवेदन किया था। टाटा टेलीनेट, ह्यूजेस इंडिया, सरकारी कंपनी बीएसएनएल और ओमिनी कनेक्ट थीं।इससे पहले सुरक्षा को ध्यान में रखकर विभाग समेत दूरसंचार आयोग ने यह सेवा मुहैया कराने में देसी सेटेलाइट का उपयोग करने को कहा है।
करीब 30 विदेशी विमानन कंपनियां भारतीय हवाई सीमा से इतर कई देशों में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी मुहैया कराती हैं। इनमें एयर एशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज समेत अन्य विमानन कंपनियां हैं। मौजूदा समय भारतीय हवाई क्षेत्र के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश और क्रियान्वयन नियम नहीं होने की वजह से यह सेवाएं बंद हो जाती हैं। विभाग का कहना है कि एयरलाइंस कंपनियों को आय का नया जरिया मिलेगा।