Piyush Goyal: भारत की क्षमता को कम क्यों आंका गया? पीयूष गोयल ने 'हिंदू ग्रोथ रेट' पर उठाए सवाल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 4-4.5 प्रतिशत की सीमित आर्थिक वृद्धि को भारत की नियति मानने वाली सोच को खारिज करते हुए कहा कि देश तेज विकास की राह पर है। गोयल ने कांग्रेस और यूपीए सरकारों पर धीमी वृद्धि, अधिक महंगाई और कमजोर शासन का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि भारत अब आत्मविश्वास और मजबूती के साथ व्यापार समझौते कर रहा है।
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वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत की आर्थिक क्षमता को 4-4.5 प्रतिशत की सीमित वृद्धि से जोड़ने वाली धारणा अब बीते दौर की बात है। वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम 2025 में बोलते हुए उन्होंने उन लोगों पर निशाना साधा जिन्होंने लंबे समय तक भारत की नियति को धीमी वृद्धि से जोड़कर देखा।
गोयल ने कहा कि पहले भारत की कम वृद्धि दर को ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ कहा जाता था,एक शब्दावली जिसेअर्थशास्त्री राज कृष्ण ने 1970 के दशक के अंत में गढ़ा था। यह स्वतंत्रता के बाद 1950 से 1980 के बीच 3-4% की औसत जीडीपी वृद्धि को दर्शाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की कांग्रेस और कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकारों के दौरान यह धारणा बन गई थी कि सरकार चाहे जो हो, देश 4-4.5% से तेज नहीं बढ़ सकता।
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गोयल ने यूपीए सरकार के कार्यकाल पर लगाए गंभीर आरोप
मंत्री ने कहा कि उस दौर में सरकारी हस्तक्षेप अधिक था, अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पकड़ कमजोर रही और चुनिंदा हितों को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2004 से 2014 के बीच यूपीए सरकार ने आर्थिक और मुद्रास्फीति की स्थिति को कमजोर किया। उन्होंने कहा कि “हमने 4% महंगाई और 8% वृद्धि सौंपी थी, जिसे उलटकर 4% वृद्धि और 8% महंगाई कर दिया गया।”
दो से तीन वर्षों में भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
गोयल ने भरोसा जताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अगले 2 से 3 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के 2014 के उस आकलन को खारिज किया जिसमें भारत के लिए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की समयसीमा 30 वर्ष बताई गई थी। गोयल के मुताबिक, मौजूदा प्रयासों के साथ यह लक्ष्य कहीं पहले हासिल होगा।
उन्होंने आगे कहा कि 2044 तक भारत 25-30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के तहत 30 ट्रिलियन डॉलर+ अर्थव्यवस्था बनने की राह पर देश मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
एफटीए पर क्या बोले गोयल?
व्यापार समझौतों पर बोलते हुए गोयल ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत आत्मविश्वास और ताकत की स्थिति से एफटीए कर रहा है। “हम अपने सीधे प्रतिस्पर्धियों से एफटीए नहीं करते,” उन्होंने कहा, यह संकेत देते हुए कि उच्च प्रति व्यक्ति आय वाले बाजारों के साथ समझौते भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए बेहतर अवसर खोलते हैं।
समापन में मंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति केवल आर्थिक वृद्धि की कहानी नहीं, बल्कि मूल्यों और मानसिकता में परिवर्तन की कहानी है। नीति सुधारों, श्रम संहिताओं, डिजिटल नवाचारों और बढ़ते निर्यात के साथ भारत आज एक भरोसेमंद वैश्विक साझेदार के रूप में उभरा है,जो विकसित भारत की यात्रा की मजबूत नींव है।