Budget 2024: क्या इस साल बजट में आठ लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है टैक्स फ्री, अंतरिम बजट में क्या होगा?
Budget 2024: पिछले साल मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में नई टैक्स रिजीम के तहत छूट की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी थी। इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब्स की संख्या भी सात से घटाकर छह कर दी गई थी।


विस्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट एक फरवरी को पेश करेंगी। यह एक अंतरिम बजट होगा क्योंकि इसी साल आम चुनाव होने हैं। आम चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री इस बार-बार क्या-क्या बदलाव करेंगी इसे लेकर कयास लगाने शुरू हो गए हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चुनावी वर्ष में सरकार करदाताओं को अच्छी खबर दे सकती है।
करदाताओं को छूट देने के लिए सरकार को करना होगा फाइनेंस बिल में बदलाव
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस बार के अंतरिम बजट में सरकार नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत टैक्स छूट की सीमा सात लाख रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो आठ लाख रुपये तक की आमदनी सीधे तौर पर आयकर के दायरे से बाहर हो जाएगी क्योंकि करदाताओं को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि करदाताओं को छूट का लाभ देने के लिए सरकार फाइनेंस बिल में बदलाव कर सकती है।
पिछले साल मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में नई टैक्स रिजीम के तहत छूट की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी थी। इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब्स की संख्या भी सात से घटाकर छह कर दी गई थी।
मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए इस बार बजट में हो सकता है बड़ा फैसला
सरकार से जुड़े कई सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस बार आयकर के दायरे में इजाफा किया जा सकता है और इसका मकसद कड़ी मेहनत करने वाले मध्यम वर्ग के लोगों को कर लाभ देना है। लोकसभा चुनावों के बाद जब पूर्ण बजट पेश किया जाएगा तो उसमें ये बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि कुछ सूत्रों का दावा है कि सरकार अंतरिम बजट में ही टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाने का संकेत दे सकती है। इस फैसले का प्रस्ताव एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट के फाइनेंस बिल लाया जा सकता है।
जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार कर संग्रह का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ करदाताओं पर पर टैक्स का बोझ कम करने की दोहरी नीति कपर काम कर रही है। कर निर्धारण वर्ष 2023-24 में पहली बार 8.18 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरा जो पिछले साल के मुकाबले करीब नौ फीसदी ज्यादा है।
फिलहाल नई और पुरानी टैक्स रिजीम दोनों वैध
साल 2020-21 के बजट में पहली बार नई टैक्स रिजीम की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम दोनों को वैध रखा है। करदाता इन दोनों में से किसी भी एक विकल्प का चुनाव कर अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में नई टैक्स रिजीम डिफॉल्ट रखा गया है। यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम के फायदे लेना चाहते हैं तो आपको उसे विकल्प के रूप में चुनना जरूरी है।
क्या है बजट?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले सरकार संसद में केंद्रीय बजट या बजट पेश करती है। बजट किसी वित्तीय वर्ष में होने वाली सरकार की आमदनी और खर्चों से जुड़ा दस्तावेज है। यह वित्तीय वर्ष हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होता है। केंद्रीय बजट का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता के साथ-साथ हमारे देश का तेज और संतुलित आर्थिक विकास सुनिश्चित करना होता है। केंद्रीय बजट के माध्यम से सरकार अपने यहां उपलब्ध संसाधनों को देश के सर्वोत्तम हित में विभिन्न मदों में आवंटन सुनिश्चित करने की कोशिश करती है।
इस साल आम चुनावों के पहले अंतरिम बजट जबकि उसके बाद पूर्ण बजट होगा पेश
संसाधनों का तर्कसंगत आवंटन सरकार को उन संसाधनों से अधिकतम लाभ अर्जित करने में मदद करता है। इस साल आम चुनाव होने हैं इसलिए सरकार की ओर से लोकसभा चुनाव के पहले अंतरिम बजट पेश किया जाना है। चुनाव संपन्न होने के बाद नई सरकार संसद में पूर्ण बजट पेश करेगी।