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Economy: केंद्र ने रखा GDP, IIP और CPI के लिए नए आधार वर्ष का प्रस्ताव, आर्थिक जनगणना पर फिलहाल फैसला नहीं

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Wed, 06 Aug 2025 06:44 PM IST
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सार

सरकार ने जीडीपी, आईआईपी और सीपीआई के आधार वर्षों में बदलाव करने का प्रस्तवा रखा है। मंत्रालय ने बताया कि आधार वर्ष को समय-समय पर संशोधित किया जाता है ताकि अर्थव्यवस्था में हो रहे संरचनात्मक बदलावों को बेहतर तरीके से दर्शाया जा सके। वहीं आठवीं आर्थिक जनगणना कराने को लेकर निर्णय अभी नहीं लिया गया है।

Center proposes new base year for GDP, IIP and CPI, no decision yet on 8th economic census
भारतीय अर्थव्यवस्था। - फोटो : amarujala
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सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के लिए 2022-23  और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के लिए 2024 को आधार वर्ष बनाने का प्रस्तवा रखा है। संसद में बुधवार को यह जानकारी दी गई। फिलहाल GDP और IIP की गणना 2011-12, जबकि CPI की गणना 2012 को आधार बनाकर की जाती है।

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आधार वर्ष क्या है?

आधार वर्ष समय के साथ डेटा पर नजर रखने का शुरुआती बिंदु होता है। यह डेटा में बदलाव को मापने का संदर्भ बिंदु होता है। आधार वर्षों का उपयोग व्यावसायिक गतिविधि को मापने के लिए किया जाता है, जैसे कि एक अवधि से दूसरी अवधि तक बिक्री में वृद्धि या संकुचन।

आधार वर्ष को समय-समय पर किया जाता है संशोधित

सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय जीडीपी, आईआईपी और सीपीआई के आधार वर्ष को संशोधित करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि आधार वर्ष को समय-समय पर संशोधित किया जाता है ताकि अर्थव्यवस्था में हो रहे संरचनात्मक बदलावों को बेहतर तरीके से दर्शाया जा सके। इसके तहत आंकड़ों की गणना की विधियों को अपडेट किया जाता है और नए डेटा स्रोतों को भी शामिल किया जाता है।

आठवीं आर्थिक जनगणना को लेकर कोई निर्णय नहीं

सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के संशोधित सूचकांक के लिए घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2023-24 से प्राप्त वस्तुओं और सेवाओं की सूची और उनके अनुपात का उपयोग किया है।मंत्रालय ने नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच निजी कॉरपोरेट क्षेत्र में पूंजीगत व्यय निवेश के इरादों पर पहली फॉरवर्ड-लुकिंग सर्वेक्षण किया है।  इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की जा चुकी है। इसके अलावा, वार्षिक सेवा क्षेत्र उद्यम सर्वेक्षण पर एक पायलट अध्ययन भी किया है। इसका उद्देश्य संगठित सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को बेहतर तरीके से समझना है। मंत्रालय ने बताया कि आठवीं आर्थिक जनगणना कराने को लेकर निर्णय अभी नहीं लिया गया है।
 

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