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Tariffs: ऑटो पर टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर न कि सुरक्षा उपायों के तहत, WTO में भारत के दावे पर अमेरिका

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Fri, 18 Jul 2025 11:01 AM IST
सार

अमेरिका ने भारत के इस दावे को खारिज कर दिया है कि ऑटो और ऑटो पार्ट्स पर अमेरिकी टैरिफ डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के तहत सुरक्षा उपायों के रूप में योग्य हैं।अमेरिका के अनुसार, भारत के पास इन शुल्कों के विरुद्ध जवाबी टैरिफ लगाने का कोई आधार नहीं है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Duty imposed on auto on national security grounds; not safeguard measures: US on India's claim in WTO
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik
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विस्तार
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अमेरिका ने भारत के इस दावे को खारिज कर दिया है कि ऑटो और ऑटो पार्ट्स पर अमेरिकी टैरिफ डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के तहत सुरक्षा उपायों के रूप में योग्य हैं। अमेरिका ने कहा है कि शुल्क राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लगाए गए हैं।

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अमेरिका ने कहा है कि इन आधारों पर भारत के पास इन शुल्कों के विरुद्ध जवाबी टैरिफ लगाने का कोई आधार नहीं है। भारत ने कहा है कि वह ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर अमेरिकी टैरिफ (25 प्रतिशत) पर जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखता है, तथा कहा है कि ये शुल्क सुरक्षा उपाय हैं, जो उसके घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके जवाब में अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन वस्तुओं के आयात को समायोजित करने के लिए ये शुल्क लगाए हैं, क्योंकि इनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
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17 जुलाई को जारी डब्ल्यूटीओ के एक पत्र में कहा गया है, "ये कार्रवाई...सुरक्षा उपाय नहीं हैं। इसलिए, इन उपायों के संबंध में सुरक्षा समझौते के तहत रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है।" इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर प्रसारित किया गया था। अमेरिका ने यह भी कहा कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन के सुरक्षा समझौते के तहत दायित्वों का पालन नहीं किया है।

इसमें कहा गया है, "संयुक्त राज्य अमेरिका समझौते के तहत धारा 232 टैरिफ पर चर्चा नहीं करेगा, क्योंकि हम टैरिफ को सुरक्षा उपाय के रूप में नहीं देखते हैं।" इसी प्रकार का एक संदेश भी प्रसारित किया गया जिसमें भारत के इस दावे को खारिज किया गया कि स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत सुरक्षा उपाय हैं।

भारत की ओर से अधिसूचित रियायतों के प्रस्तावित निलंबन का रूप चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में वृद्धि के रूप में लिया जा सकता है। हालांकि भारत ने अभी तक इन वस्तुओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन 2019 में इसी तरह के एक कदम में, उसने बादाम और सेब से लेकर रसायनों तक, 28 अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाया था। इस महीने की शुरुआत में भारत ने सुरक्षा उपायों के नाम पर देश के ऑटो पार्ट्स के आयात पर अमेरिकी टैरिफ के विरोध में अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था।

10 जुलाई को भारत ने ट्रम्प प्रशासन द्वारा शुल्क में और वृद्धि के मद्देनजर स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने के अपने प्रस्ताव को संशोधित किया।अमेरिका ने पहली बार 12 मार्च को एल्युमीनियम, स्टील और व्युत्पन्न वस्तुओं के आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। फिर 3 जून को करों को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।

एक अधिकारी ने कहा है कि भारत की ओर से अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने का निर्णय विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत एक प्रक्रियागत कदम है और इससे दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत प्रभावित नहीं होगी। प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए भारतीय टीम फिलहाल वाशिंगटन में है।

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