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ED Action: ईडी ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर से की पूछताछ, अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनी का मामला
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 15 Dec 2025 05:10 PM IST
सार
ED Action: अनिल अंबानी की कंपनी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशाालय ने यस बैंक के को-फउंडर से पूछताछ की है। इस बारे में क्या अपडेट हैं आइए जानते हैं विस्तार
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ईडी
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ की। अधिकारियों के अनुसार उनका बयान मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया था।
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68 वर्षीय कपूर को इससे पहले भी ईडी की ओर से अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया गया था और उनसे पूछताछ की गई थी। ये मामले उनके नेतृत्व वाले ऋणदाता (यस बैंक) की ओर से कथित तौर पर अवैध ऋण वितरण से जुड़े थे। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस मामले में कपूर और अंबानी के बीच लेन-देन का संदेह है। ईडी की पूछताछ और संबंधित आरोपों पर कपूर या उनके वकीलों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई।
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अधिकारियों के अनुसार, 31 मार्च, 2017 तक यस बैंक का रिलायंस अनिल अंबानी समूह (एडीएजी समूह) में लगभग 6,000 करोड़ रुपये का निवेश था, और यह आंकड़ा एक वर्ष के भीतर (31 मार्च, 2018 तक) दोगुना होकर 13,000 करोड़ रुपये हो गया। जिन कंपनियों की जांच चल रही है, वे हैं रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल)।
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि इन निवेशों का एक 'बड़ा' हिस्सा गैर-निष्पादित निवेश (एनपीआई) में बदल गया, और परिणामस्वरूप बैंक को इन लेन-देन से 3,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ये सामान्य व्यावसायिक लेन-देन नहीं थे, बल्कि यस बैंक के निवेश के बदले में किए गए 'लेन-देन' थे। उन्होंने बताया कि एडीएजी कंपनियों ने कपूर परिवार द्वारा नियंत्रित फर्मों को ऋण 'प्रदान' किए थे। ईडी को संदेह है कि इन सौदों के संबंध में दोनों व्यापारियों ने 'निजी' बैठकें की थीं।
यह जांच 2017-2019 के बीच के मामले से जुड़ी है। यस बैंक ने कथित तौर पर आरएचएफएल उपकरणों में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया था। एजेंसी ने पहले दावा किया था कि दिसंबर 2019 तक ये निवेश गैर-लाभकारी हो गए थे।
ईडी के अनुसार, आरएचएफएल पर बकाया राशि 1,353.5 करोड़ रुपये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये थी, और जांच में पाया गया कि दोनों कंपनियों ने 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक धनराशि प्राप्त की थी।
अंबानी (66) से अतीत में उनकी समूह कंपनियों के कथित बैंक ऋण "अनियमितताओं" के संबंध में ईडी द्वारा पूछताछ की जा चुकी है। रिलायंस समूह की कंपनियों ने बार-बार कहा है कि अंबानी समूह के दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं थे। ईडी ने हाल ही में अनिल अंबानी समूह की कुछ कंपनियों से संबंधित 1,120 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।