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WPI: नवंबर में थोक मूल्य मुद्रास्फीति बढ़कर माइनस 0.32 फीसदी हुई, अक्तूबर में -1.21% थी; सरकारी आंकड़े जारी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रिया दुबे
Updated Mon, 15 Dec 2025 12:16 PM IST
सार
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर महंगाई दर में नवंबर में बढ़त देखने को मिली है। इस दौरान थोक महंगाई घटकर (-) 0.32 प्रतिशत पर आ गई, जबकि अक्तूबर में यह (-)1.21 प्रतिशत के स्तर पर दर्ज की गई थी। आइए विस्तार से जानते हैं।
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भारतीय अर्थव्यवस्था।
- फोटो : amarujala
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विस्तार
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर में सुधार दर्ज किया गया है। नवंबर में थोक महंगाई (-)0.32 प्रतिशत रही, जो अक्तूबर में (-)1.21 प्रतिशत थी। वहीं, पिछले साल नवंबर में यह दर 2.16 प्रतिशत दर्ज की गई थी। आंकड़ों के अनुसार, महीने-दर-महीने आधार पर दालों और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली, जिससे थोक महंगाई में कुछ सुधार हुआ।
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उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नवंबर 2025 में महंगाई दर का नकारात्मक स्तर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बेसिक मेटल्स के निर्माण और बिजली की कीमतों में कमी के कारण बना रहा।
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डब्ल्यूपीआई और अपस्फीती
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) थोक स्तर पर वस्तुओं की कीमतों में औसत बदलाव को मापता है। नकारात्मक महंगाई दर यानी अपस्फीति का मतलब है कि पिछले साल की तुलना में कई अहम वस्तुओं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इसका सीधा संकेत है कि थोक बाजार में सामान पहले की तुलना में सस्ता हुआ है।क्या कहते हैं आंकड़े?
- डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य पदार्थों में अपस्फीति 4.16 प्रतिशत थी, जबकि अक्तूबर में यह 8.31 प्रतिशत थी।
- सब्जियों में नवंबर में अपस्फीति 20.23 प्रतिशत थी, जबकि अक्तूबर में यह 34.97 प्रतिशत थी।
- दालों में नवंबर में अपस्फीति 15.21 प्रतिशत थी, जबकि आलू और प्याज में यह क्रमशः 36.14 प्रतिशत और 64.70 प्रतिशत थी।
- विनिर्मित उत्पादों के मामले में, मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 1.33 प्रतिशत हो गई, जबकि अक्तूबर में यह 1.54 प्रतिशत थी।
- ईंधन और बिजली की कीमतों में 2.27 प्रतिशत की नकारात्मक मुद्रास्फीति या अपस्फीति देखी गई, जबकि अक्तूबर में यह 2.55 प्रतिशत थी।
खुदरा महंगाई में हुई मामूली वृद्धि
पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला है कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण नवंबर में सीपीआई में मामूली वृद्धि हुई और यह रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत से बढ़कर 0.71 प्रतिशत हो गई।आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की
चालू वित्त वर्ष में कम मुद्रास्फीति ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को नीतिगत ब्याज दरों में 1.25 प्रतिशत अंकों की कटौती की है। रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को पहले के 2.6 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया, क्योंकि अर्थव्यवस्था में तेजी से मुद्रास्फीति में कमी जारी है।आरबीआई मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर नजर रखकर ही ब्याज दरों का निर्धारण करता है। इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए उन्हें 5.25 प्रतिशत कर दिया था, यह कहते हुए कि भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च विकास और कम मुद्रास्फीति से चिह्नित "एक दुर्लभ स्वर्णिम काल" में है।
रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। भारत ने सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत और जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
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