सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   Business updates TVs will become expensive due to rising cost of memory chips and weakness of rupee

Business: मेमोरी चिप की बढ़ती लागत और रुपये की कमजोरी से महंगे होंगे टीवी, 3-4 प्रतिशत की होगी बढ़ोतरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Mon, 15 Dec 2025 05:09 AM IST
विज्ञापन
Business updates TVs will become expensive due to rising cost of memory chips and weakness of rupee
बिजनेस अपडेट - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
मेमोरी चिप्स की बढ़ती लागत और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी के कारण जनवरी से टेलीविजन की कीमतों में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशंका है। रुपया हाल में पहली बार 90 से नीचे आ गया है। इससे कंपनियों का फायदा घट रहा है। कंपनियां अब ग्राहकों पर इसका बोझ डाल रही हैं। विश्लेषकों के मुताबिक, रुपये के गिरने से उद्योग की स्थिति नाजुक हो गई है, क्योंकि एलईडी टीवी में घरेलू मूल्यवर्धन केवल 30 प्रतिशत है। 
Trending Videos


ओपन सेल, सेमीकंडक्टर चिप्स और मदरबोर्ड जैसे प्रमुख घटक आयात किए जाते हैं। इसके अलावा मेमोरी चिप संकट भी एक गंभीर समस्या है, जहां एआई सर्वरों के लिए हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) की भारी मांग के कारण वैश्विक स्तर पर इसकी भारी कमी है। इससे सभी प्रकार की मेमोरी (डीआरएएम, फ्लैश) की कीमतें बढ़ गई हैं। हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष एनएस सतीश ने बताया, मेमोरी चिप्स की कमी और कमजोर रुपये के कारण एलईडी टीवी सेट की कीमतों में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी। थॉमसन और कोडक जैसे कई वैश्विक ब्रांडों के लाइसेंस प्राप्त टीवी निर्माता सुपर प्लास्ट्रोनिक्स ने कहा, पिछले तीन महीनों में मेमोरी चिप की कीमतों में पांच गुना की वृद्धि हुई है। साथ ही, रुपये में अवमूल्यन के कारण जनवरी से टेलीविजन की कीमतों में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


जीएसटी सुधार के बाद स्मार्ट टीवी की बिक्री में आई तेजी पर इस आगामी वृद्धि का असर कम हो सकता है। सरकार ने 32 इंच और उससे बड़े आकार के टीवी स्क्रीन पर जीएसटी को पहले के 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इससे कीमत में लगभग 4,500 रुपये की कमी आई है। 

दूसरी तिमाही में चार फीसदी घटी बिक्री
काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्मार्ट टीवी की बिक्री सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत घटी है। यह मंदी छोटे स्क्रीन वाले सेगमेंट की कम मांग , सीमित नई मांग और कमजोर उपभोक्ता खर्च के कारण हुई है। भारत के टीवी बाजार का मूल्य 2024 में 10-12 अरब डॉलर था।

विदेशी निवेशकों ने इस माह बेचे 17,955 करोड़ के शेयर

विदेशी निवेशकों ने इस महीने के पहले दो हफ्तों में शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 17,955 करोड़ रुपये निकाल लिए। इससे 2025 में कुल निकासी 1.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। नवंबर में हुई 3,765 करोड़ रुपये के बाद इस तेज निकासी से घरेलू शेयर बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है। हालांकि, अब तक इस बिकवाली का बाजार पर बहुत असर नहीं पड़ा है और सेंसेक्स-निफ्टी अपने उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहे हैं।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लि. (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्तूबर में 14,610 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इससे लगातार तीन महीनों से हो रही भारी निकासी का सिलसिला टूट गया था। सितंबर में 23,885 करोड़, अगस्त में 34,990 करोड़ और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। विशेषज्ञों ने रुपये के तेजी से अवमूल्यन और भारतीय वस्तुओं के उच्च मूल्यांकन सहित कई कारकों को इस भारी निकासी का कारण बताया। विदेशी निवेशकों ने इस वर्ष सेकंडरी बाजार के माध्यम से 2.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय शेयर बेचे हैं। पूरे ट्रेडिंग कैलेंडर में देखें तो यह लगभग 900 करोड़ रुपये प्रति ट्रेडिंग दिन या बाजार खुलने के प्रत्येक घंटे लगभग 152 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री के बराबर है।
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed